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जब The White Tiger एक्टर ने की ड्राइवर की नौकरी, वजह थी दिलचस्प

आदर्श ने बताया कि उन्हें लक्ष्मणगढ़ जैसे पिछड़े गांव में रहने वाले बलराम के किरदार को समझने के लिए काफी होमवर्क करना पड़ा था. उन्होंने कहा- मैं गांव गया वहां की जिंदगी को समझने की कोश‍िश की, दिल्ली में पहचान छुपाकर ड्राइवर की नौकरी भी की.

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आदर्श गौरव (The White Tiger Film scene)
आदर्श गौरव (The White Tiger Film scene)

गरीबी से उठकर अमीर बनने तक के मुश्क‍िल सफर को फिल्म 'द व्हाइट टाइगर' में मौल‍िकता के साथ दिखाया गया है. जहां एक ओर फिल्म में प्र‍ियंका चोपड़ा और राजकुमार राव जैसे मंझे हुए कलाकार हैं, वहीं दूसरी ओर फिल्म की कहानी का मुख्य किरदार एक ऐसा कलाकार है जो अभी मेनस्ट्रीम फिल्मों से अछूता है. बावजूद इसके फिल्म में आदर्श गौरव जिसने बलराम का लीड रोल प्ले किया है उसे देखकर यह कह पाना मुश्क‍िल होगा कि उसे फिल्म की समझ नहीं है. लेक‍िन ऐसे ही नहीं आदर्श ने इस कैरेक्टर में इतनी सटीकता लाई, इसके लिए उन्होंने जमीनी तौर पर काम भी किया. चल‍िए उस किस्से के बारे में बताते हैं जब आदर्श ने फिल्म के लिए दिल्ली जाकर ड्राइवर की नौकरी की. 

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आदर्श ने एक एंटरटेनमेंट पोर्टल के साथ बातचीत में इस किस्से का खुलासा किया था. आदर्श ने बताया कि उन्हें लक्ष्मणगढ़ जैसे पिछड़े गांव में रहने वाले बलराम के किरदार को समझने के लिए काफी होमवर्क करना पड़ा था. 'मैं गांव गया वहां की जिंदगी को समझने की कोश‍िश की, दिल्ली में पहचान छुपाकर ड्राइवर की नौकरी भी की'. आदर्श ने इस किस्से के बारे में बताते हुए कहा कि वे दिल्ली के साकेत में एक जगह ड्राइवर का काम करने लगे थे. इस बीच फिल्म के प्रोड्यूसर मुकुल देवरा के साथ उनका सामना भी हुआ लेक‍िन मुकुल उन्हें पहचान नहीं पाए. 

कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक था. उनके पहनावे से किसी को शक भी नहीं हुआ कि वे एक्ट‍िंग कर रहे हैं. पर आदर्श को उस वक्त दिक्कत आई जब उन्हें फिल्म की मीट‍िंग के लिए एक दिन छुट्टी लेनी थी. उन्हें छुट्टी नहीं मिल रही थी. तब आदर्श केला लेने जाने के बहाने से वहां से भाग निकले. फिल्म के लिए आदर्श का यह डेडिकेशन तारीफ के काबिल है. आज हम सभी को द व्हाइट टाइगर में आदर्श की पक्की एक्ट‍िंग का सबूत भी देखने को मिल रहा है. 

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BAFTA के लिए नॉमिनेट हो चुके हैं आदर्श 

इससे पहले भी आदर्श ने फिल्म के लिए अपनी तैयार‍ियों के बारे में बताया था. उन्होंने कहा था कि अपने किरदार को समझने के लिए वह 2 हफ्ते तक झारखंड के एक गांव में रहे थे और उन्होंने दिल्ली के एक छोटे पूड़ी के स्टॉल में भी दो हफ्तों तक काम किया था. इस स्टॉल पर 12 घंटे काम करने के लिए गौरव को 100 रुपये मिले थे. मालूम हो इंडस्ट्री के इस उभरते कलाकार को ब्र‍िट‍िश एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीव‍िजन आर्ट्स अवॉर्ड्स (BAFTA) के लिए नामांक‍ित किया जा चुका है. वहीं अब उनकी एक्ट‍िंग से सजे द व्हाइट टाइगर को ऑस्कर्स में बेस्ट अडैपटेड स्क्रीनप्ले के लिए नॉमिनेट किया गया है.  

 

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