फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा नाम कमा पाना जितना मुश्किल है, अपने नाम को ऊपर रख पाना भी उतना ही मुश्किल है. कई सितारे इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाते हैं. कई फेमस हो जाते हैं, तो कई खो जाते हैं. ऐसा सिर्फ एक्टर्स के साथ ही नहीं डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के साथ भी होता है. अमिताभ बच्चन की 1978 में आई ब्लॉकबस्टर हिट फिल्म 'डॉन' को बनाने के पीछे भी कुछ ऐसी ही कहानी है. इस फिल्म को बनाना मेकर्स, खासकर इसके प्रोड्यूसर नरीमन ईरानी के लिए आसान नहीं था.
बड़ी मुश्किल में थे नरीमन ईरानी
नरीमन ईरानी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने प्रोड्यूसर थे. अपनी पहली फिल्म प्रोड्यूस करने के बाद उन्हें 12 लाख रुपये का भारी नुकसान झेलना पड़ा था. नरीमन ईरानी पर बड़ा कर्ज था, जिसे चुकाने के लिए उन्होंने एक और फिल्म बनाने का फैसला किया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो कहानी की तलाक में स्क्रीनराइटर जोड़ी सलीम-जावेद के पास गए थे. ईरानी के पास लिमिटेड बजट था. दो-तीन महंगे स्टोरी आइडिया देने के बाद सलीम-जावेद ने ईरानी को वो कहानी दी थी, जिसे कोई नहीं खरीद रहा था.
सलीम-जावेद ने ऑफर की डॉन
स्क्रीनराइटर जोड़ी ने नरीमन ईरानी को डॉन फिल्म की कहानी ऑफर की थी. उन्होंने ईरानी से कहा था कि अगर ये फिल्म चली तो वो कहानी के पैसे लेंगे. स्क्रिप्ट लॉक करने के बाद नरीमन ईरानी ने फिल्म के डायरेक्टर और एक्टर्स की तलाश शुरू कर दी थी. प्रोड्यूसर बनने से पहले ईरानी ने एक्टर मनोज कुमार की फिल्म 'रोटी कपड़ा और मकान' में बतौर सिनेमैटोग्राफर काम किया था. इस फिल्म की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात अमिताभ बच्चन, जीनत अमान और मनोज कुमार के असिस्टेंट डायरेक्टर चंदर से हुई थी.
एक्टर्स ने फ्री में किया काम
ईरानी का रिश्ते तीनों ही सितारों से अच्छा था. इसलिए उन्होंने स्क्रिप्ट लॉक करने के बाद अमिताभ और जीनत को अपनी फिल्म में काम करने के लिए अप्रोच किया. वहीं चंदर को बतौर डायरेक्टर लिया. एक्टर्स और डायरेक्टर जानते थे कि ईरानी किन मुश्किलों से गुजर रहे हैं. उन्होंने फैसला किया कि वो फिल्म को बिना फीस लिए बनाएंगे. जी हां, अमिताभ, जीनत और चंदर ने फिल्म 'डॉन' को फ्री में किया था. उन्होंने फैसला किया था कि अगर फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की, तो ही वो इसके लिए पैसे लेंगे.
मनोज कुमार से मिली सलाह
नरीमन ईरानी ने अपने मेंटर मनोज कुमार को फिल्म 'डॉन' की कहानी सुनाई थी. मनोज ने उन्हें सलाह दी थी कि वो पिक्चर के सेकेंड हाफ में कोई हल्का-फुल्का गाना रखें, जो ऑडियंस का मनोरंजन करे और उन्हें इस ड्रामा फिल्म के हाई वोल्टेज एक्शन से थोड़ा ब्रेक दे. मनोज कुमार की सलाह सुनने के बाद नरीमन ईरानी, म्यूजिक कम्पोजर कल्याण जी-आनंद जी के पास गए. इस जोड़ी ने ईरानी को 'खाईके पान बनारस वाला' गाना दिया. ये गाना रिलीज के बाद फिल्म 'डॉन' की हाईलाइट बना.
फिल्म रिलीज होते हुए नहीं देख पाए ईरानी
दुर्भाग्य से फिल्म 'डॉन' के पूरा होने से पहले नरीमन ईरानी का निधन हो गया था. कमालिस्तान स्टूडियो में हुई दुर्घटना में प्रोड्यूसर की जान चली गई थी. ईरानी की पत्नी सलमा और बाकियों ने इस फिल्म को पूरा करने में अपनी जी-जान लगा दी थी. बताया जाता है कि फिल्म 'डॉन' बिना खास पब्लिसिटी के रिलीज हुई थी. लेकिन ऑडियंस को ये पिक्चर पसंद आई और साल 1978 की तीसरी सबसे बड़ी हिट साबित हुई.