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बॉलीवुड की छवि खराब करने को सुशांत केस का हो रहा इस्तेमाल: प्रोड्यूसर्स गिल्ड

लेटर में प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंड‍िया ने कहा कि सुशांत जैसे युवा स्टार के असमय मौत के बाद से इसे, फिल्म इंडस्ट्री और इसके कलाकारों को बदनाम करने के ल‍िए इस्मेताल क‍िया जा रहा है.

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सुशांत सिंह राजपूत
सुशांत सिंह राजपूत

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद फिल्म इंडस्ट्री में नेपोट‍िज्म, इनसाइडर-आउटसाइडर को लेकर बवाल मचा हुआ है. देशभर में चल रहे इस बहस की वजह से कहीं ना कहीं इंडस्ट्री की छव‍ि प्रभाव‍ित हो रही है. इसे देखते हुए पहली बार प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंड‍िया ने एक ओपन लेटर लिखा है. उनके इस लेटर को अभ‍िषेक बच्चन ने भी शेयर किया है.

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लेटर में प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंड‍िया ने कहा कि सुशांत जैसे युवा स्टार के असमय मौत के बाद से इसे फिल्म इंडस्ट्री और इसके कलाकारों को बदनाम करने के ल‍िए इस्मेताल क‍िया जा रहा है. इंडस्ट्री की ऐसी छव‍ि बना दी गई है कि यहां आउटसाइडर्स के लिए अच्छी जगह नहीं है. पर यह सच नहीं है. फिल्म इंडस्ट्री हजारों लोगों को काम देती है, ट्रैवल और टूरिज्म को बढ़ावा देती है और दुनियाभर में भारत की ताकत का महत्वपूर्ण साधन है. इसने दशकों से लोगों का मनोरंजन किया है और देश को गौरवांवित भी किया है. यह इंडस्ट्री देश के हर कोने से आने वाली प्रतिभा का दिल खोलकर स्वागत करती है. इससे यह पता चलता है कि भी दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से एक हैं जहां विविधता और अनेक भाषाओं के साथ शानदार लोकल फिल्म इंडस्ट्री की मौजूदगी है.

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यहां कई लोगों ने अपने आप को स्थाप‍ित करने में बहुत स्ट्रगल किया है और कर‍ियर बनाने के दौर में निराशाएं भी देखी है. लेक‍िन यह चुनौती, दूसरे क्षेत्रों जैसे राजनीति, कानू, बिजनेस, मेड‍िकल या मीड‍िया में होने वाली परेशान‍ियों से अलग नहीं है. इस इंडस्ट्री में कई प्रतिभाशाली एक्टर्स, डायरेक्टर्स, राइटर्स, म्यूजिश‍ियंस, सिनेमाटोग्राफर्स, एडिटर्स, साउंड डिजाइनर्स आद‍ि हैं जिनका इंडस्ट्री से कोई नाता नहीं है लेक‍िन उन्होंने इंड‍ियन सिनेमा को एक नई पहचान दी है. इंडस्ट्री में जन्म के कारण आपको सुविधाएं मिलती है, आपको पहला ब्रेक मिलता है पर यहां ट‍िकना उसके टैलेंट, मेहनत और आगे बढ़ने की कोश‍िश पर निर्भर करता है.

यह खुला खत इंडस्ट्री का सपना देखने वालों के लिए है ताकि वे गुमराह ना हो जाएं. यह वो जगह है जो अंत में आपकी प्रतिभा, काम करने के तरीके और लोगों से जुड़ने की काबिलियत को सम्मान‍ित करती है, बिना आपके धर्म, जाति या आर्थ‍िक स्थ‍ित‍ि को देखे. ये मुश्क‍िल समय है हमारे देश और दुनिया के लिए तो बजाय अपने डर और गुस्से को एक-दूसरे पर निकालने से बेहतर है हम एक-दूसरे के साथ खड़े हों. इस बहस के दोनों साइड मौजूद इंडस्ट्री की महिलाओं को रेप और मर्डर की धमकी दी जा रही है. ये अस्वीकार्य है और इसे अब बंद होना चाहिए.

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