आर माधवन की मोस्ट अवेटेड फिल्म रॉकेट्री नांबी इफेक्ट्स अब रिलीज को तैयार है. फिल्म के प्रमोशन में व्यस्त माधवन ने न इस फिल्म में एक्टिंग की है, बल्कि डायरेक्शन और प्रोडक्शन की जिम्मेदारी भी खुद संभाली है.
हालांकि पिछले कुछ समय से माधवन निजी जिंदगी में पिता का रोल बखूबी निभा रहे हैं. बेटे वेदांत की एजुकेशन और स्वीमिंग करियर के लिए माधवन अपने परिवार समेत दुबई शिफ्ट भी हो गए हैं. वहां भरपूर प्रैक्टिस और कड़ी ट्रेनिंग के बाद वेदांत ने कुछ समय पहले ही कोपेनहेगन में डेनिश ओपन में स्वर्ण और रजत पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया है. इस मुलाकात में माधवन ने बेटे के करियर और अपने फादरहुड पर बात की है.
जब माधवन से हमने जानना चाहा कि बेटे के करियर के लिए दुबई शिफ्ट हो गए हैं. एक पिता के तौर पर उसे किस तरह की परवरिश देना चाहते हैं? इस जवाब पर पिता माधवन कहते हैं,'हर एक इंसान को यह हक है कि वो अपने बच्चों के लिए वो करे, जो सही हो. हम उस वक्त शिफ्ट कर गए थे, जब यहां स्वीमिंग पूल्स खुले नहीं थे. स्वीमिंग करना मुमकिन नहीं था. ग्रोथ स्पर्ट के टाइम पर एक्सरसाइज न करना या स्वीमिंग न करने का मतलब उसका करियर खत्म है. तो उस वक्त मूव करने का निर्णय लिया और शिफ्ट हुए. अभी वो 12वीं में है, तो वहां से उसे निकाल नहीं सकते हैं. जब वो पास हो जाएगा, तो उसे कॉलेज तय करना है. उस वक्त हम भी सोचेंगे कि कहां शिफ्ट कर सकते हैं.'
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क्या माधवन अपने अपने बच्चों पर करियर का प्रेशर डालते हैं? इसकी सफाई पर माधवन कहते हैं, 'देखिए, इस समय मैं मानता हूं कि किसी भी यंग उम्र में एक चीज का एक्सपर्ट होना जरूरी है. हमारे पास वो लिबर्टी थी कि हम 20 से 25 साल में अपनी पढ़ाई करें, करियर बनाएं या नौकरी ढूंढें लेकिन आजकल तो बच्चे 16 से 17 साल में ही एक्सपर्ट हो जाते हैं. लोग 20 साल की उम्र में मिलेनियर बन जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि आप जिसमें इंट्रेस्टेड हैं, उसपर फोकस करें. अभी उसका इंट्रेस्ट स्वीमिंग में है. अच्छा कर भी रहा है, मैं उस पर कोई दबाव नहीं डालने वाला हूं. उसे क्या करना है, वो तय करेगा.'
किस तरह के पिता हैं माधवन, तो इसके जवाब में वे हंसते हुए कहते हैं, 'मैं तो लल्लू फादर हूं, मैं केवल ताली बजाता हूं और ट्वीट करता हूं.'