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इंडस्ट्री में राहुल वैद्य ने कैसे बनाई पहचान? सिंगर का नहीं था कोई गॉडफादर

हाल ही में इंडिया टुडे के वर्चुअल शो 'ई-माइंड रॉक्स 2021' में राहुल वैद्य ने इंडस्ट्री में अपनी जर्नी को लेकर खुलकर बात की. राहुल वैद्य ने कहा, "वैसे तो हर फील्ड में मेरे अलग-अलग इंस्पिरेशन रहे हैं. कई लोगों ने मुझे अपने काम और बातों से मोटिवेट और इंस्पायर किया है. मैं खुद को केवल बतौर कलाकार सीमित नहीं रखता हूं. मैं कुछ एक्साइटिंग करने में यकीन रखता हूं."

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राहुल वैद्य
राहुल वैद्य
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राहुल वैद्य ने बताई जर्नी
  • इंडस्ट्री में नहीं था कोई गॉडफादर
  • हाल ही में रचाई है दिशा परमार संग शादी

बॉलीवुड इंडस्ट्री में वैसे तो कई सिंगर्स हैं, लेकिन बिना किसी गॉडफादर के अपनी पहचान बनाने वालों में राहुल वैद्य का नाम शुमार है. आज के समय में राहुल की जबरदस्त फैन फॉलोइंग होने के साथ कई हिट गाने भी लिस्ट में हैं. वह पेशे से म्यूजिक कंपोजर भी हैं. इन्होंने 'इंडियन आइडल' के पहले सीजन में बतौर कंटेस्टेंट्स भाग लिया था. टॉप तीन तक गए भी थे, लेकिन ट्रॉफी न जीत सके. लेकिन इससे इनके सपने नहीं टूटे. राहुल वैद्य ने अपनी पहचान खुद बनाई. साल 2020 में टीवी के पॉपुलर कॉन्ट्रोवर्शियल शो 'बिग बॉस 14' का हिस्सा रहे और पहले रनर-अप बने. इसके बाद 2021 में स्टंट बेस्ड रियलिटी शो 'खतरों के खिलाड़ी 11' में टास्क करते दिखाई दिए. 

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हाल ही में इंडिया टुडे के वर्चुअल शो 'ई-माइंड रॉक्स 2021' में राहुल वैद्य ने इंडस्ट्री में अपनी जर्नी को लेकर खुलकर बात की. राहुल वैद्य ने कहा, "वैसे तो हर फील्ड में मेरे अलग-अलग इंस्पीरेशन रहे हैं. कई लोगों ने मुझे अपने काम और बातों से मोटिवेट और इंस्पायर किया है. मैं खुद को केवल बतौर कलाकार सीमित नहीं रखता हूं. मैं कुछ एक्साइटिंग करने में यकीन रखता हूं."

राहुल ने कही यह बात

राहुल वैद्य कहते हैं कि सिंगिंग के मामले में मैं अलग-अलग म्यूजीशियन्स से कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करता हूं. बता दें कि राहुल को किसी ने भी मानसिक रूप से सपोर्ट नहीं किया है. न ही उनका कोई गॉडफादर रहा है, जिसके बलबूते पर वह इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना पाएं हों. राहुल कहते हैं कि सुनने में थोड़ अजीब लगेगा, लेकिन मैं अपनी रेस में भागने वाला अलग और अकेला घोड़ा हूं, क्योंकि मुझे किसी से लेना-देना नहीं होता है. सभी की अपनी जर्नी होती है, सामने वाले की अपनी है और मेरी अपनी. 

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राहुल आगे कहते हैं कि मैं किसी से भी तुलना नहीं करता हूं. साल 2004 से मैंने वही चीजें की हैं, जिन्होंने मुझे खुशी दी है और मैं सैटिस्फाई हुआ हूं. मैं काफी बार गलत रहा हूं और काफी बार सही भी रहा हूं. मेरा मानना है कि सही और गलत का तालमेल न बैठे तो आपकी जर्नी कैसे होगी, वह अधूरी रह जाएगी. परफेक्ट जर्नी के लिए आपको सही और गलत दोनों ही होना पड़ेगा. 

 

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