फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा हिंदी सिनेमा के साथ साउथ में भी कई सारी बेहतरीन फिल्में बना चुके हैं. 'सत्या', 'रंगीला', 'सरकार', 'कंपनी' जैसी शानदार फिल्में बनाने वाले डायरेक्टर की कुछ फिल्में फ्लॉप भी रही हैं. वो खुद अपनी फ्लॉप फिल्मों के बारे में बात करते हुए कई बार नजर आ चुके हैं. इस बार भी उन्होंने अपनी एक फिल्म का जिक्र किया जिसमें उनका मानना है कि वो उसे अच्छे से बनाने में चूक गए. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपनी फिल्म 'राम गोपाल वर्मा की आग' पर बात की.
राम गोपाल वर्मा को मिला था 'शोले' का सीक्वल बनाने का ऑफर
ट्रेड एक्सपर्ट कोमल नाहता के यूट्यूब चैनल 'गेम चेंजर्स' पर राम गोपाल वर्मा ने बताया कि उन्हें पहले 1975 की आइकॉनिक फिल्म 'शोले' का सीक्वल बनाने के लिए अप्रोच किया गया था. जिसकी कहानी सुनने के बाद उन्हें 'राम गोपाल वर्मा की आग' बनाने का आइडिया आया. उन्होंने मजाक में फिल्ममेकर और अमिताभ बच्चन को अपनी फिल्म के नहीं चलने का कारण बताया. डायरेक्टर ने कहा, 'शोले का सीक्वल बनाने की चाह Sascha Sippy, जो जीपी सिप्पी के पोते हैं उन्हें हुई थी. उन्होंने कहा कि मेरे दादा आपसे मिलना चाहते हैं क्योंकि उनके पास शोले के सीक्वल के लिए एक स्टोरी है.'
राम गोपाल वर्मा बताते हैं कि 'शोले' के सीक्वल की कहानी में गब्बर का बेटा जूनियर गब्बर होता है. जिसमें वो अपने पिता का बदला लेने के लिए वीरू और बसंती को अगवा कर लेता है. डायरेक्टर को ये आइडिया तो पसंद नहीं आता है, लेकिन उन्हें 'शोले' का रीमेक अपने तरीके से बनाने की सूझती है. वो इस दौरान एक पोस्टर देखते हैं जिसमें गब्बर सिंह अमिताभ बच्चन की तरह दिखता था. तभी उन्हें कहानी का आइडिया आता है और वो अमिताभ बच्चन के पास पहुंच जाते हैं. वो डायरेक्टर की फिल्म करने को राजी भी हो जाते हैं.
एक पोस्टर से आया 'राम गोपाल वर्मा की आग' बनाने का ख्याल
राम गोपाल वर्मा आगे बताते हैं कि उन्हें 'राम गोपाल वर्मा की आग' बनाते हुए कई सारी क्रिएटिव दिक्कतें आई थीं. उन्होंने इस दौरान कई खराब फैसले भी लिए जिसके कारण उनकी फिल्म नहीं चल पाई. उन्होंने बताया, 'फिल्ममेकिंग में सबसे पहली गलती ये होती है कि आप ये फैसला लेते हैं कि आप क्या करना चाहते हैं. उसके बाद कुछ भी आपके काबू में नहीं होता है. 'राम गोपाल वर्मा की आग' के साथ भी यही हुआ था.' वो आगे हंसते हुए कहते हैं कि इस फिल्म के नहीं चलने के असली दोषी Sascha Sippy, वो पोस्टर वाला आदमी और बाकी सभी लोग हैं, जो मेरे साथ बैठे थे. एक तरह से बच्चन साहब की भी गलती है लेकिन मैं अपने ऊपर सभी का दोष लेता हूं.
'राम गोपाल वर्मा की आग' साल 2007 में आई थी जिसमें अमिताभ बच्चन के अलावा अजय देवगन और मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल भी शामिल थे. वो फिल्म उस साल की सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्मों में से एक थी. फिल्म 'शोले' का सीधे तौर पर रीमेक तो नहीं थी. लेकिन इसकी कहानी और प्रेजेंटेशन एक जैसा था. क्रिटिक्स और ऑडियंस को उनका ये एक्सपेरिमेंट उतना पसंद नहीं आया था.