
हिंदी फिल्मों के शोमैन राज कपूर के नाम एक अनोखी अचीवमेंट है. राज कपूर, हिंदी फिल्मों के वो अकेले डायरेक्टर हैं जिनकी दो फिल्मों में दो इंटरवल थे! ये फिल्में थीं 'संगम' (1964) और 'मेरा नाम जोकर' (1970). दोनों फिल्मों का रन टाइम 4 घंटे के करीब था. राज साहब कहानी को अपने तरीके से बड़े पर्दे पर कहना भी चाहते थे, लेकिन ऑडियंस के सहूलियत का भी ख्याल रखना था. इसलिए हिंदी सिनेमा के इतिहास की सबसे लंबी फिल्मों में गिनी जाने वालीं इन दोनों फिल्मों में दो इंटरवल रखे गए.
अब ये संयोग ही है कि राज कपूर के पोते, रणबीर कपूर एक ऐसी फिल्म में हीरो हैं जो शायद एक पूरी जेनरेशन के लोगों के लिए सबसे लंबी फिल्म साबित हो! रणबीर की फिल्म 'एनिमल' इस शुक्रवार को थिएटर्स में रिलीज होगी. टीजर-ट्रेलर-गानों से पूरा माहौल सेट हो चुका है और जनता रणबीर का गैंगस्टर अवतार देखने के लिए काफी एक्साइटेड है. वैसे तो सिनेमा फैन्स फिल्म देखने का मूड बनाने के बाद ज्यादा चीजों के बारे में नहीं सोचते. मगर 'एनिमल' की जिस एक चीज पर कई लोग थोड़ा एक्स्ट्रा सोच-विचार कर रहे हैं, वो है फिल्म का रनटाइम.
पिछले 15 साल में सबसे लंबी फिल्म
'एनिमल' को सेंसर बोर्ड से 'A' यानी एडल्ट रेटिंग के साथ पास किया गया है और इसका रन टाइम है- 3 घंटे 21 मिनट. यानी शाहरुख खान की 'जवान से लगभग आधा घंटा लंबी. हिंदी की सबसे कमाऊ फिल्म बन चुकी 'जवान' के रन टाइम पर सिनेमा फैन्स ने रिलीज से पहले काफी बात की थी.
सिनेमा को तीन घंटे का शो माना जाता रहा है, लेकिन बीते कई सालों में पॉपुलर मेनस्ट्रीम फिल्में तीन घंटे के मार्क से काफी पीछे रहती हैं. आखिरी बार किसी हिंदी फिल्म ने तीन घंटे की लिमिट 2016 में पार की थी. ये थी सुशांत सिंह राजपूत स्टारर 'एम एस धोनी', जो 3 घंटे 5 मिनट लंबी थी. इससे पहले 2008 में 'गजनी' और 'जोधा अकबर' ने तीन घंटे का सांचा तोड़ने का काम किया था. ऋतिक रोशन और ऐश्वर्या राय की 'जोधा अकबर' तो 3 घंटे 34 मिनट लंबी थी. इसे सबसे लंबी हिंदी फिल्मों में गिना जाता है. इसके 15 साल बाद, अब 3 घंटे 21 मिनट लंबी 'एनिमल' आ रही है.
बदलते सिनेमा में बदलता रनटाइम
80s तक हिंदी फिल्में बड़े आराम से तीन घंटे तक लंबी होती थीं. 90s में लंबी फिल्में कम होती गईं और नई सदी के साथ एंटरटेनमेंट के नए माध्यम आने के साथ दर्शकों का अटेंशन होल्ड कर के रखना भी मुश्किल होता गया. साल 2000 से अब तक, 23 साल में पूरी 20 फिल्में भी ऐसी नहीं हैं जिनका रन टाइम 3 घंटे से ज्यादा हो.
इधर के सालों में फिल्मों का एवरेज रन टाइम दो से ढाई घंटे के बीच होता जा रहा है. ऐसे में ढाई घंटे से ऊपर का रन टाइम, किसी फिल्म की चर्चा में एक अलग पॉइंट बन जाता है. और इसकी वाजिब वजह भी है... थिएटर में बैठी एक पूरी भीड़ का ध्यान ज्यादा से ज्यादा देर तक बांध कर रखने के लिए, स्टोरी-टेलिंग में खूब दम लगाना पड़ता है.
आज के दौर में एक-एक मिनट की रील्स में एंटरटेनमेंट बटोरने वाली जनता का ध्यान तीन घंटे बांध कर रखना अपने आप में एक अचीवमेंट है. इसलिए फिल्म का रन टाइम लंबा होता है तो जनता में एक जिज्ञासा उठती है कि फिल्ममेकर ने ऐसी क्या कहानी बनाई है. हिंदी की कुछ सबसे एपिक फिल्में 3 घंटे से काफी लंबी मिलती हैं, और इन्हें जनता ने कई-कई बार देखा है. जैसे- शोले, हम आपके हैं कौन, मोहब्बतें, कभी खुशी कभी गम वगैरह साढ़े तीन घंटे लंबी थीं.
यहां एक बात ध्यान देने वाली है, 3 घंटे से लंबी फिल्में या तो बहुत बड़ी हिट हैं या फिर ये आइकॉनिक कहानियां हैं. जैसे- जोधा अकबर, लगान, स्वदेस और नायक ब्लॉकबस्टर या बहुत बड़ी बॉक्स ऑफिस हिट्स नहीं हैं. मगर इन सभी को बेहतरीन फिल्मों में गिना जाता है. यानी जब एक फिल्ममेकर अपनी कहानी, किरदारों को सेटअप करने में अपना पूरा समय लेता है, तो उसे अपने काम की तारीफ करने वाली ऑडियंस तो मिलती ही है.
रणबीर कपूर ने फिल्म की लंबाई पर कही ये बात
'एनिमल' के प्रमोशन पर जुटे रणबीर ने एक इवेंट में फिल्म के रन टाइम पर बात करते हुए कहा कि डायरेक्टर संदीप ने उन्हें जो वर्जन दिखाया वो तो अभी वाली से भी लंबा था. उन्होंने कहा, 'हम इतनी लंबी फिल्म इसलिए नहीं रिलीज कर रहे कि हममें इसे लेकर कोई ऐंठ है. हमें लगा कि इस कहानी को दर्शकों तक पहुंचने के लिए इतने समय की जरुरत है. हमें फिल्म का जो कट देखा है वो 3 घंटे 49 मिनट लंबा है, वो भी एंटरटेनिंग था. लेकिन संदीप ने लंबाई करने में बहुत तगड़ी मेहनत की है क्योंकि आप इतना लंबा भी नहीं खींच सकते. हम उम्मीद कर रहे हैं कि लोग फिल्म की लंबाई से नहीं घबराएंगे और सिनेमा को उसके बेस्ट फॉर्म में एन्जॉय करेंगे.'
'एनिमल' की एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना ने रणबीर की बात आगे बढ़ाते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि ये कई कॉम्प्लेक्स किरदारों की फिल्म है. अगर आप एक किरदार उठाएंगे और उसपर फिल्म बनाएंगे तो उसकी फिल्म बन जाएगी. तो मुझे लगता है कि अगर आपको उसकी दुनिया में जाना है और ये समझना है कि उसकी सोच क्या है, तो आपको इतना समय चाहिए होगा.'
ये सारी बातें कहती हैं कि 'एनिमल' देखते हुए पॉपकॉर्न शायद थोड़े ज्यादा खरीदने पड़ें, लेकिन ये लंबा रन टाइम टेंशन लेने से ज्यादा, एक्साइटमेंट बढ़ाने वाली चीज है. वैसे क्या आपको पता है कि सबसे लंबे रनटाइम वाली हिंदी फीचर फिल्म कौन सी है?
इसका जवाब है जे पी दत्ता की 'एल ओ सी कारगिल'. भारत-पाकिस्तान के युद्ध पर बनी इस फिल्म में अजय देवगन, संजय दत्त, सैफ अली खान, अभिषेक बच्चन, सुनील शेट्टी, अक्षय खन्ना और मनोज बाजपेयी जैसे तमाम बड़े नाम थे. और इसका रनटाइम था- 4 घंटे 15 मिनट!