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Ranbir Kapoor के लिये 'शमशेरा' बनना नहीं था आसान, बोले- 20 बार नहाना पड़ता था

शमशेरा में संजय दत्त के साथ काम करने को लेकर रणबीर कहते हैं, मैं उनके बारे में कहूं, तो जवाब बहुत लंबा हो जाएगा. मैं उन्हें बचपन से जानता हूं और उनका फैन रहा हूं. मेरे अलमारी में संजय दत्त के पोस्टर हुआ करते थे. मैंने एक्टर के रूप में जब उनकी बायोपिक की, तो उनकी लाइफ में और घुसने का मौका मिला.

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रणबीर कपूर
रणबीर कपूर

लगभग चार साल बाद रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) फिल्म शमशेरा से बड़े पर्दे पर नजर आने वाले हैं. रणबीर की पिछली हिट संजू थी. हालांकि, इन चार सालों में रणबीर की निजी जिंदगी और प्रोफेशनल लाइफ में कई उतार-चढ़ाव रहे. एक ओर जहां रणबीर ने पापा ऋषि कपूर को खोया है, तो वहीं इस साल वे आलिया भट्ट संग शादी के रिश्ते में बंधे हैं. रणबीर इस साल को स्पेशल मानते हैं, क्योंकि पापा बनने के साथ-साथ उनकी चार फिल्में इस वक्त फ्लोर पर हैं. इस दौरान उन्होंने शमशेरा और निजी जिंदगी खुलकर बातचीत की है.

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शूटिंग के बाद 20 बार नहाते थे रणबीर
शमशेरा में अपने किरदार की तैयारी पर रणबीर कहते हैं. सबसे पहले मुझे जब इस फिल्म का ऑफर आया, तो यकीन नहीं हुआ था. क्योंकि स्क्रीन पर मैंने ज्यादातर रोमांटिक हीरो का ही किरदार निभाया है. कहानी बहुत पसंद आई, इसमें दो किरदार थे, मुझे बली का किरदार ऑफर किया गया था. शेरा कोई और एक्टर प्ले करने वाला था. मेरे अंदर का स्वार्थी एक्टर जगा और मैंने कहा कि नहीं शेरा भी मैं ही करूंगा. एक बाप-बेटे को मैं अच्छे से प्रेजेंट कर सकते हूं. 

वो कहते हैं कि यह एक अलग दुनिया है. बहुत से लुक टेस्ट देने पड़े थे. रोल में फिजिकली चैलेंजिंग की है, तो मेहनत बहुत लगी है. रणबीर अपने 15 साल की करियर में पहली बार किसी पीरियड एक्शन फिल्म का हिस्सा बने हैं और पहली बार डबल रोल भी निभाते नजर आने वाले हैं. इस पर रणबीर कहते हैं, यह मेरे लिए सोने पर सुहागा वाली बात है. क्योंकि ऐसी फिल्में मुझे कभी ऑफर हुई ही नहीं हैं. जब मैंने फिल्म देखी, तो जितनी सुनी थी, उससे बेहतर बनी है. स्क्रीन पर बहुत अच्छी लग रही है.

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इस फिल्म की शूटिंग के दौरान एक किस्सा शेयर करते हुए रणबीर कहते हैं, रोजाना दस से पंद्रह किलो की धूल ये सेट पर रखते थे और शूटिंग स्टार्ट होते ही फैन के सामने वो धूल उड़ाते थे. वो धूल मिट्टी आंखों, कानों में जा रही है, हम डायलॉग नहीं बोल पा रहे हैं. घर जाकर बीस बार नहाना पड़ता था, फिर भी धूल नहीं निकलती थी. ऐसे धूल पर मैंने स्वीमिंग की है. उस वक्त तो मैं दिमाग में डायरेक्टर को बहुत गाली देता था. हालांकि, बाद में अब स्क्रीन पर देखता हूं, तो लगता है कि ये सब करना व्यर्थ नहीं गया.

इन चार सालों में क्या कर रहे थे रणबीर?
अपने चार साल वापसी पर रणबीर कहते हैं, यह मेरे हाथ में था नहीं. दरअसल इन चार सालों में मैं ब्रह्मास्त्र और शमशेरा दोनों की ही शूटिंग कर रहा था. इन दोनों ही फिल्मों की मेकिंग में बहुत समय लगा था. एक फिल्म के लिए 150 दिन की शूटिंग थी, तो दूसरे के लिए लगभग तीन साल लगे हैं. मैं इन चार सालों में काम तो कर ही रहा था. रिलीज तो एक्टर के हाथ में होता नहीं है. इसलिए ये चार साल लग गए थे. इन चार सालों में पापा भी बीमार पड़ गए थे, वहां भी काफी टाइम लगा. बस उम्मीद है कि चार साल बाद भी ऑडियंस का प्यार मिले. इन चार साल के गैप पर रणबीर कहते हैं, निजी जिंदगी में बहुत से उतार-चढ़ाव रहते हैं. परिवार वालों का साथ बहुत जरूरी है. ऐसा वक्त भी था, जहां मेरे परिवार को मेरी जरूरत थी. मैं फिल्म फैमिली में पला-बढ़ा हूं, तो मुझे पता है एक एक्टर की जिंदगी में सक्सेस के क्या मायने हैं, या फैल्यॉर से वो कैसे गुजरता है. मैं इन चार सालों में फिल्म रिलीज को लेकर इनसिक्यॉर नहीं हुआ. मेरे अंदर गजब का पेशेंस है. मैं एक्टिंग प्रोसेस को इंजॉय करता हूं. बाकी जो होगा, वो तो देख ही लेंगे. मैं पापा भी बन रहा हूं इस साल, मेरी दो फिल्में रिलीज को हैं और दो फ्लोर पर हैं. यह साल वाकई मेरे लिए लकी है. मैं बहुत इमोशनल हूं.

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संजय के साथ काम करने का सपना पूरा हुआ
जब रणबीर से पूछा गया कि संजय दत्त को स्क्रीन पर निभाना और उनके साथ काम करना, इसमें क्या अंतर पाया है. इसके जवाब में रणबीर कहते हैं, मैं उनके बारे में कहूं, तो जवाब बहुत लंबा हो जाएगा. मैं उन्हें बचपन से जानता हूं और उनका फैन रहा हूं. मेरे अलमारी में संजय दत्त के पोस्टर हुआ करते थे. मैंने एक्टर के रूप में जब उनकी बायोपिक की, तो उनकी लाइफ में और घुसने का मौका मिला. अब फाइनली उनके साथ काम कर रहा हूं. संजू सर और मेरा रिश्ता अद्भुत है. वो मुझे बेटे, दोस्त, भाई की तरह ट्रीट करते हैं. सेट पर भी वो मुझे लेकर बहुत प्रोटेक्टिव रहे हैं. सेट पर संजू सर को भी सब प्यार करते हैं. वो सेट पर टेडी बीयर की तरह रहते हैं. हर कोई उनसे आकर मिलता है, उनसे बातचीत करते हैं. वो प्यार बांटते रहते हैं. मेरे एक्शन को देखने के बाद वो फौरन एक्शन डायरेक्टर के पास जाकर पूछते थे कि रणबीर सेफ है ना, उसे ज्यादा चोट लगेगी तो नहीं, उसको करना जरूरी है क्या, कोई स्टंटमैन भी तो कर सकता है.

मम्मी को दूसरे एक्टर संग देख कर होती थी जलन
पापा ऋषि कपूर की कमी को पूरी कर पाना मुश्किल है. उनकी कोई ऐसी फिल्म जिसकी रीमेक पर आप काम करना चाहेंगे. इसपर रणबीर कहते हैं, पापा की एक फिल्म है, जो कभी चली नहीं, लेकिन मुझे बहुत पसंद है. वो फिल्म थी, जमाने को दिखाना है. इसके अलावा प्रेम-रोग, चांदनी जैसी फिल्में बहुत पसंद हैं. पापा का मैं बहुत बड़ा फैन हूं. ऐसा कोई दिन या रात नहीं गुजरा है, जब मैं और मेरी सिस्टर ने उनकी फिल्म वीएचएस पर नहीं देखी हो. हम डिनर टेबल पर अक्सर पापा-मम्मी की फिल्में देखा करता था. मैं मम्मी की फिल्में देखकर थोड़ा शर्मा जाता था, क्योंकि मम्मी को किसी और एक्टर के साथ देखना मुझे अच्छा नहीं लगता था. उनके साथ वाली फिल्में रफूचक्कर, खेल-खेल में, जैसी फिल्में मुझे बहुत पसंद थी.

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रणबीर कपूर की शमशेरा 20 जुलाई को थिएटर्स में रिलीज हो रही है. आप देखने जा रहे हैं ना?

 

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