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Ranbir Kapoor की 'शमशेरा' के सेट पर पहुंचे Sukhwinder Singh, बोले- मेरा बहुत बड़ा वहम टूट गया

सुखविंदर कहते हैं, मैं अमूमन फिल्म की शूटिंग में नहीं जाता हूं. कई सालों बाद मैं शमशेरा के सेट पर पहुंचा. सच कहूं, वो एक्स्पीरियंस बयां कर पाना मुश्किल है. बाहुबली फिल्म हम सभी ने देखी है, मुझे लगता था कि बाहुबली से ज्यादा लार्जर देन लाइफ कुछ हो ही नहीं सकता है. पर शमशेरा ने मेरे सारे भ्रम दूर कर दिये.

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सुखविंदर सिंह, रणबीर कपूर
सुखविंदर सिंह, रणबीर कपूर

सुखविंदर सिंह, रणबीर कपूर स्टारर फिल्म शमशेरा (Shamshera) में अपनी आवाज का जादू बिखेरते नजर आने वाले हैं. पिछले 20 साल से म्यूजिक इंडस्ट्री में एक्टिव सुखविंदर अपने इस नए गाने के रेकॉर्डिंग एक्स्पीरियंस के साथ-साथ शमशेरा के सेट पर रणबीर संग हुई मुलाकात का भी जिक्र करते हैं.

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सुरखिवंद का शमशेरा एक्सपीरियंस
आजतक डॉट इन से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान सुखविंदर कहते हैं, मैंने कोरोना लहर के अंत में इस गाने की शूटिंग की है. मैं जब से इंडस्ट्री में आया हूं. मेरी पहली मुलाकात ए आर रहमान, मनिरत्नम और गुलजार साहब के साथ हुई थी. हमने जैमिंग. हालांकि, मैं इसे महफिल कहता हूं. मिलकर गाने के क्रिएशन पर ढेर सारी बातचीत की थी. उस वक्त मुझे चाहिए था. देसी इंस्ट्रूमेंट और रहमान के स्टूडियो में सबकुछ इलेक्ट्रॉनिक था. हमने फौरन मुंबई से तबले, बांसुरी जैसे कई देसी वाद्ययंत्र बजाने वाले को बुलाया था. उस महफिल की ही देन है, छईयां-छईयां जो आज आइकॉनिक सॉन्ग बन गया है. ठीक वैसी ही महफिल शमशेरा के दौरान भी सजी. यहां मुझे डायरेक्टर करण, मिथुन और लिरिसिस्ट का साथ मिला. इसके बाद हमने तीन सॉन्ग डिस्कवर किए हैं. आप देखें इस फिल्म की म्यूजिक को लेकर लोगों का रिस्पॉन्स पॉजिटिव है. लोगों को गाने पसंद आ रहे हैं.

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सुखविंदर आगे कहते हैं, मैं अमूमन फिल्म की शूटिंग में नहीं जाता हूं. कई सालों बाद मैं शमशेरा के सेट पर पहुंचा. सच कहूं, वो एक्स्पीरियंस बयां कर पाना मुश्किल है. बाहुबली फिल्म हम सभी ने देखी है, मुझे लगता था कि बाहुबली से ज्यादा लार्जर देन लाइफ कुछ हो ही नहीं सकता है. पर शमशेरा के सेट पर पहुंचा, जहां ट्रेन सीक्वेंस पर फाइट सीन चल रहा था. वो कैनवस देखकर हैरान हो गया था. मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि इतने बड़े कैनवस पर भी शूटिंग हो सकती है. मेरा बहुत बड़ा वहम दूर हो गया था.

दूर हुआ वहम
अपने वहम के बारे में बात करते हुए सुखविंद कहते हैं, मैं सोचता था कि आजकल फिल्मों में जो भी एक्शन सीक्वेंस होते हैं, उन्हें ग्राफिक्स या स्पेशल इफेक्ट्स के जरिये सजाया जाता है. सेट पर पहुंचते ही यह बात मेरे लिए गलत साबित हो गई. मैंने अपनी आंखों से देखा 60 किलो के रणबीर कपूर 80-90 किलो के लोगों को हाथों से उठाकर पटक रहे थे. 

सुखविंदर कहते हैं, रणबीर एक्शन कर वापस मेरे पास कुर्सी पर आकर बैठा. उसने मेरी कुर्सी में किसी और को बैठने ही नहीं दिया. कोई आकर बैठता, तो उससे कहता कि नहीं सुखी जी सेट पर आए हैं, ये कुर्सी उनकी है. मैंने रणबीर को कहा कि भाई, तू तो फट जाएगा लोगों को उठा-उठाकर. मेरी इस बात पर रणबीर मुस्कराकर कहते हैं कि पाजी यही तो जिंदगी है. मैंने कहा कि ग्राफिक्स और स्पेशल इफेक्ट्स कहां है. तो रणबीर कहते हैं कि कितना ग्राफिक्स इस्तेमाल करेंगे. अगर यही होने लगा, तो एक्टर अब घर बैठ जाएगा बस सेट पर उसका कटआउट लेकर जाया जाएगा. उनका फिजिकल एफर्ट देखकर मैं तो बहुत ही इंप्रेस हो गया.

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रणबीर कपूर की ये बात सुखविंदर सिंह को इतना पसंद आई कि उन्होंने कहा कि मां सरस्वती की जबतक कृपा रहेगी. वो लाइव कॉन्सर्ट को किसी स्पेशल इफेक्ट या ऑटो ट्यून के हवाले नहीं करेंगे. वैसे रणबीर की शमशेरा का इंतजार किस किस को है?

 

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