बॉलीवुड में एक्टर रणदीप हुड्डा की दमदार एक्टिंग का लोहा माना जाता है. हर फिल्म में उनकी परफॉरमेंस लोगों पर छाप छोड़ने में कामयाब होती है. वो बाकी एक्टर्स के मुकाबले बहुत हटकर फिल्में चुनते हैं और अपनी एक्टिंग से मैटेरियल की भी वैल्यू बढ़ा देता हैं.
अपनी पिछली फिल्म 'स्वातंत्र्यवीर सावरकर' में रणदीप ने जिस तरह मेथड एक्टिंग से जान डाली उसे ऑडियंस और क्रिटिक्स ने बहुत सराहा था, हालांकि ये फिल्म बहुत अच्छी नहीं चली. अब रणदीप ने अपनी 'हटके' फिल्म चॉइस जो लेकर बात की है और बताया है कि वो इस तरह के प्रोजेक्ट्स क्यों चुनते हैं.
24 में से 11 साल नहीं किया काम
इंडिया टुडे के माइंड रॉक्स 2024 यूथ इवेंट पर पहुंचे रणदीप ने कहा कि वो कभी भी सिर्फ ऐसी पॉपुलर मसाला फिल्में नहीं करना चाहते थे, जिसमें उन्हें दिमाग न चलाना पड़े. उन्होंने कहा, 'मैं खुशकिस्मत रहा कि मुझे भरपूर काम न करने के बाद भी अपनी मर्जी से फिल्में चुनने का मौका मिला- प्रोफेशनल एक्टर के तौर पर अपने 24 साल के अनुभव में से, 11 साल मैं सेट्स पर नहीं रहा हूं. इसलिए या तो मैं कुछ अर्थपूर्ण काम मिलने का इंतजार कर रहा था या किसी चीज के लिए तैयारी कर रहा था.'
डांस में अच्छा नहीं, इसलिए चुनी मेथड एक्टिंग
इवेंट में जब रणदीप से थोड़ा सा डांस करने के लिए कहा गया तो उन्होंने इनकार करते हुए कहा, 'यही वजह है कि मैं ट्रांसफॉर्मेशनल एक्टिंग या मेथड एक्टिंग करता हूं, जिसमें आप खुद को किरदार की सच्चाई समझने के लिए तैयार करते हैं. उदाहरण के लिए, मैंने कॉप के कई रोल किए हैं, मगर मैंने वर्दी पहने खड़े कार्डबोर्ड पुलिसवाले का रोल नहीं किया. ये (किरदार) ऐसे इंसान थे जो संयोग से पुलिसवाले भी थे. यहीं पर आप एक अंतर पैदा करते हैं.'
रणदीप ने कहा कि वो डांस में अच्छे नहीं थे, तो उन्होंने मेथड एक्टिंग में अच्छा होना चुना. उन्होंने कहा, 'ऋतिक, शाहिद और टाइगर से क्या कॉम्पिटीशन क्योंकि वो अच्छा डांस करते हैं? जो मैं करता हूं वो नहीं कर सकते. अपनी यू.एस.पी. खोजनी पड़ती है.'
रणदीप पिछली बार फिल्म 'स्वातंत्र्यवीर सावरकर' में नजर नजर आए थे. इस फिल्म में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की जिंदगी दिखाई गई थी. फिल्म में सावरकर का लीड किरदार निभाने के साथ-साथ रणदीप इसके प्रोड्यूसर और डायरेक्टर भी थे.