बॉलीवुड के दिग्गज दिवगंत अभिनेता ऋषि कपूर के निधन को आज एक साल हो गया है. उन्होंने 30 अप्रैल 2020 में सभी को अलविदा कह दिया था. भले ही ऋषि कपूर को इंस्डस्ट्री में कई साल हो गए हो और पूरे करियर में 150 फिल्म में बहतरीन किरदार निभाया हो, लकिन इतना करने के बाद भी फिल्म अग्निपथ के लिए उन्होंने लुक टेस्ट दिया. आखिर उनके मन में ऐसा विचार क्यों आया. आइए जानते है इसके पीछे की वजह.
अग्निपथ में आए थे नजर
ऋषि कपूर ने अपनी करियर में हर एक रोल को बखूबी निभाया है. चाहे वो फिल्म 'दो दूनी चार' में एक मिडिल क्लास टीचर का किरदार हो, जो अपने परिवार के उम्मीदों को पूरा करने के लिए मेहनत करता है, या फिर करण जौहर की फिल्म रौफ लाला का किरदार हो. सभी किरदारों के लिए ऋषि कपूर ऐसा मानते थे कि वे खुद को चुनौती दे रहे हैं. एक इंटरव्यू के दौरान ऋषि ने बताया था कि उन्होंने अपने करियर के उस फेज को काफी एन्जॉय किया था और उस उम्र में महत्वपूर्ण और चैलेंजिंग रोल निभाने में उन्हें बेहद खुशी होती थी.
अग्निपथ के लिए दिया लुक टेस्ट
इंटरव्यू के दौरान ऋषि कपूर ने फिल्म अग्निपथ को लेकर खुलासा किया था कि जब उन्हें फिल्म के किरदार के बारे में बताया गया तो उन्होंने सीधे-सीधे मना कर दिया था और डायरेक्टर करण मल्होत्रा से ये कहा था कि अगर में फेल हो गया तो आपकी ये फिल्म भी फेल हो जाएगी, लेकिन उनपर फिल्म को करना का दवाब डाला गया. अपने 40 साल के करियर में पहली बार उन्होंने लुक टेस्ट देने का फैसला किया था और इस लुक टेस्ट के बाद वे काफी कॉन्फीडेंट फील कर रहे थे.
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फिल्म के कामयाबी ने न सिर्फ ऋषि कपूर के कॉन्फिडेंस को बढ़ाया बल्कि उनको एक नई पहचान भी दी. ऋषि कपूर ने यह भी खुलासा किया कि उनके बेटे रणबीर कपूर को राज कपूर के पोते के नाम से ज्यादा जाना जाता था. लोग ये भूल गए थे कि ऋषि कपूर के बेटे हैं, लेकिन अग्निपथ की कामयाबी ने इसको बदल दिया.
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भले ही आज ऋषि कपूर हमारे साथ न हो लेकिन उनकी यादें हमेशा हमारे बीच ताजा रहेंगी. एक्टर का पिछले साल अप्रैल 30 को निधन हो गया था. एक्टर लंबे वक्त से कैंसर से जंग लड़ रहे थे लेकिन अंत में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उनका जाना पूरे बॉलीवुड के लिए एक बड़ा सदमा था.