ऋषि कपूर बॉलीवुड के सबसे मस्तमौला और बेबाक सेलेब्रिटीज में से एक थे. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत फिल्म बॉबी से की थी और अपने पांच दशक के करियर में कई बेहतरीन परफॉरमेंस दीं. लेकिन ऋषि कपूर के करियर, निजी जिंदगी और पर्दे के पीछे होने वाली कई अनजानी बातों का खुलासा उनकी किताब खुल्लम खुल्ला के आने के बाद हुआ था. उन्होंने अपने पिता राज कपूर के बारे में बात की थी, साथ ही पत्नी नीतू कपूर संग मतभेद और अपने करियर में की गलतियों का खुलासा भी किया था. आज उनकी पुण्यतिथि पर बता रहे हैं ऐसे ही कुछ खुलासों के बारे में.
बचपन में करते थे नखरें और मिलती थी रिश्वत
इस बारे में ऋषि ने लिखा था कि जब मैं दो साल का था, मैं, मेरा बड़ा भाई और मेरी बहन ने फिल्म श्री 420 में एक छोटा-सा रोल किया था, जिसमें हमें सिर्फ बारिश में चलना था. मैं शूट के दौरान आंखो में पानी चले जाने से बाद आंखें बंद कर लेता था, जिसकी वजह से शूट को कट करना पड़ता था. मैंने नखरे करते हुए उस सीन को करने से मना कर दिया था. नरगीस जी ने मुझे रिश्वत के तौर पर चॉकलेट दिखाई और कहा कि अगर मैं वो सीन अच्छे से करता हूं, तो मुझे वो चॉकलेट देंगी. और मैंने वो शूट पूरा किया, तो मैंने नखरे दिखाना और रिश्वत लेना बचपन से लेना शुरू कर दिया था.
बॉबी के लिए पैसे देकर खरीदा था अवॉर्ड
ऋषि कपूर अपनी ऑटोबायोग्राफी में बता चुके हैं कि उन्होंने 30 हजार रुपये देकर अवॉर्ड खरीदा था. 1973 में ऋषि कपूर ने लीड एक्टर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी. इस फिल्म का नाम बॉबी था और इस फिल्म के सहारे डिंपल कपाड़िया ने भी डेब्यू किया था. फिल्म बॉबी के लिए ऋषि को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला था, लेकिन इसके लिए उन्होंने 30 हजार रूपए दिए थे. उन्होंने ये भी कहा था कि वे उस दौरान काफी यंग थे और अपनी फिल्म की सफलता से काफी खुश थे इसलिए उन्होंने ऐसा कदम उठाने का फैसला किया था. हालांकि ऋषि ने यह भी कहा था कि इसे वह अपनी गलती मानते हैं और इस बात को लेकर पछतावा महसूस करते हैं.
फिल्म ‘जीवन के हर मोड़ पर’ के दौरान नीतू से नहीं करते थे बात
ऋषि ने किताब में बताया कि फिल्म ‘जीवन के हर मोड़ पर’ के शूटिंग के दौरान उनका और नीतू का झगड़ा हो गया था. शूटिंग पूरे 4 दिन में खत्म हुई और उस दौरान हम एक दूसरे से बात नहीं करते थे, मगर उस गाने में हमारे बीच बेहद प्यार नजर आया. इसी तरह फिल्म ‘जब तक है जान’ के दौरान भी हमारा झगड़ा हुआ था. तब भी उस फिल्म में दोनों शाहरुख खान और कटरीना कैफ को साथ रहने की सलाह दे रहे थे, जिससे जाहिर होता है कि हम बुरे एक्टर नहीं हैं.
पहले 25 साल मैं आपको बेवकूफ बना रहा था
अपने करियर को लेकर ऋषि कपूर ने लिखा था कि करियर के पहले 25 साल मैंने अच्छा काम नहीं किया. मैंने सिर्फ हिरोइनों के साथ स्विट्जरलैंड में गाने गाए, रंग-बिरंगे स्वेटर पहने. मगर करियर की दूसरी पारी में मुझे महसूस हुआ कि रोल तो मुझे अब मिल रहें हैं.अब मुझे हर तरह के नेगेटिव, पॉजिटिव, 90 साल के बूढ़े का रोल मिल रहा है. मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं कि मैं उस समय एक्टिंग कर रहा हूं जब मेरा बेटा भी फिल्मों में एक्टिंग कर रहा है. मैं अपने करियर की दूसरे पारी का आनंद ले रहा हूं. पहले 25 साल में मैं आपको बेवकूफ बना रहा था. मैंने कुछ अच्छी फिल्में की हैं. ज्यादा बकवास फिल्में और बहुत बकवास फिल्में भी की हैं. मगर मुझे खुशी होती है कि मैंने फिल्म इंडस्ट्री के ज्यादातर निर्देशकों के साथ काम किया है.
बेटे रणबीर के करियर में नहीं देते थे दखल
इस बारे में ऋषि ने कहा था कि मेरे पिता ने कभी मेरे करियर में दखल नहीं दिया. मेरे दादा ने कभी मेरे पिता के करियर में दखल नहीं दिया. तो मेरे पास कोई वजह नहीं है कि मैं अपने बेटे के करियर में दखल दूं. रणबीर ने हमेशा अलग तरह की फिल्में की है. वो अपने करियर को लेकर काफी क्लियर है. उसे पता है उसे क्या करना है. उसने ‘रॉकेट सिंह’ ‘बर्फी’ ‘रॉकस्टार’ ‘वेक अप सिड’ जैसी फिल्में कर करियर में रिस्क लिया है. ये मैं इसलिए नहीं कह रहा हूं कि वो मेरा बेटा है, मगर इसलिए क्योंकि लोगों ने मुझसे कहा कि रणबीर को हीरो का रोल प्ले करना चाहिए ना कि गूंगे बहरे का.