रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) की शमशेरा' (Shamshera) ने रिलीज के पहले ही दिन उम्मीद से बेहद कम कमाई की थी. इस फिल्म का ओपनिंग डे कलेक्शन 10.25 करोड़ रुपये था. अपने पहले वीकेंड में इस फिल्म ने 31 करोड़ रुपये कमाए थे. मतलब ये कि लार्जर देन लाइफ की इमेज के साथ रिलीज होने वाली फिल्म का, इतनी बुरी तरह से बॉक्स ऑफिस पर फेल हो जाना मेकर्स के साथ-साथ फिल्म के एक्टर्स के लिए भी सोचने वाली बात है.
''फिल्म बनाना एक जुनून''
रणबीर कपूर ने इस फिल्म से चार साल बाद सिल्वर स्क्रीन पर वापसी की थी. उम्मीद की जा रही थी कि फिल्म संजू की तरह रणबीर इस फिल्म को भी बिगेस्ट हिट बना पाएंगे. लेकिन बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट बताती हैं कि एक्टर फिल्म को इस काबिल भी ना बना पाए कि ये अपनी लागत ही वसूल कर सके. फिल्म रिलीज होने के बाद रणबीर को हेटर्स से बातें सुननी पड़ी हैं. जिसके बाद डायरेक्टर करण मल्होत्रा ने रणबीर का बचाव करते हुए, ट्विटर पर एक नोट लिखा था और शमशेरा मेरी है का हैशटैग भी दिया था.
अब फिल्म के विलेन शुद्ध सिंह यानी संजय दत्त भी शमशेरा के सपोर्ट में आ खड़े हुए हैं. करण के दिए हैशटैग को यूज करते हुए संजय दत्त ने हेटर्स के खिलाफ एक लंबा चौड़ा नोट लिखा है, जहां उन्होंने खुलकर रणबीर का साथ भी दिया.
संजय ने लिखा- "फिल्में बनाना जुनून का काम हैं. एक कहानी कहने का जुनून, उन पात्रों को जीवन में लाने के लिए जिनसे आप पहले कभी नहीं मिले हैं. शमशेरा प्यार का एक ऐसा श्रम है जिसे हमने अपना सब कुछ दे दिया. यह खून, पसीने और आंसुओं से बनी फिल्म है. यह एक सपना है जिसे हम पर्दे पर लेकर आए हैं. दर्शकों के मनोरंजन के लिए फिल्में बनाई जाती हैं और हर फिल्म को अपने दर्शक मिलते हैं, जल्दी या बाद में...शमशेरा से बहुत से लोग नफरत करते हैं. कुछ लोग तो फिल्म से इस हद तक नफरत कर रहे हैं कि उन्होंने बिना देखे इसे बुरी फिल्म का दर्जा दे दिया है.
मुझे यह भयानक लगता है कि लोग हमारी कड़ी मेहनत का सम्मान नहीं करते हैं. मैं एक फिल्म निर्माता के रूप में और ज्यादातर एक व्यक्ति के रूप में करण की प्रशंसा करता हूं. चार दशक के अपने लंबे करियर में मैंने जिन बेहतरीन निर्देशकों के साथ काम किया है, उनमें से वह एक हैं.''
'शमशेरा अपना कबीला ढुंढ ही लेगा'
संजय ने नोट में लिखा, ''शमशेरा किसी दिन अपने कबीले को ढूंढ लेगा, लेकिन जब तक ऐसा नहीं होता, मैं फिल्म के साथ दृढ़ हूं. जो यादें हमने बनाईं, जो बंधन हमने साझा किया, जो हंसी हमारे पास थी, हम जिन कठिनाइयों से गुजरे. मैं फिल्म की पूरी यूनिट - कास्ट और क्रू को धन्यवाद देता हूं, जो चार साल तक फिल्म के साथ रहे, महामारी के दौरान, मेरे अपने व्यक्तिगत कठिन समय के माध्यम से.''
संजय ने लिखा, ''रणबीर और मैंने इस फिल्म के साथ जीवन भर के लिए एक बंधन बना लिया है. उनकी कला और भावुकता को पर्दे पर चित्रित करने की क्षमता सबसे बेहतर है. यह देखकर दुख होता है कि कैसे लोग हमारे समय के सबसे मेहनती और प्रतिभाशाली एक्टर्स में से एक के काम पर नफरत फैलाने के लिए इतने उत्सुक हैं. कला और इसके प्रति हमारी प्रतिबद्धता हमारे रास्ते में आने वाली नफरत से परे है. हम फिल्म और इसके लोगों के लिए जो प्यार महसूस करते हैं, वह सब कुछ कहा जा रहा है. बाकी कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना!''