संजय मिश्रा आज फिल्म जगत मैं एक सीनियर कलाकार हैं. वह एक बहुत ही मंझे हुए कलाकार के रूप में जाने जाते हैं. संजय मिश्रा ने अपनी करियर की शुरुआत विज्ञापन से की थी. उसके बाद छोटे पर्दे पर चाणक्य शो में उन्होंने काम किया, जहां उन्होंने अपने डायलॉग बोलने के लिए 28 टेक लगे थे. इसके बाद मिश्रा को अपना अभिनय दिखाने का मौका सत्या और दिल से जैसी फिल्म के जरिए मिला था. लेकिन वह मुंबई कैसे पहुंचे और कैसा था उनके घर का माहौल? आइए हम बताते हैं.
जब घर मार कर संजय मिश्रा को भगाया गया
संजय मिश्रा ने आज तक से बात करते हुए एक बड़ा ही मजेदार किस्सा बताया. उन्होंने बताया कि किस तरह उन्हें एक्टर बनने के लिए मुंबई भेजा गया. संजय मिश्रा के बिहार के रहने वाले हैं. उनके पिताजी शम्भुनाथ मिश्रा प्रेस इन्फर्मेशन ब्यूरो मैं काम करते थे. संजय मिश्रा ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से डिग्री प्राप्त की है. डिग्री लेने के बाद संजय मिश्रा ने अपने पिता से कहा कि वह एक्टिंग नहीं करेंगे. उन्हें फोटोग्राफर बनना है. संजय मिश्रा के पिता बहुत गुस्सा हुए और उन्हें डांट-मार के जॉब के लिए मुंबई भेज दिया. शुरुआत के 2 साल तक संजय मिश्रा अपने घर बिहार नहीं गए थे अपने पिता से उस वक्त नाराज थे, क्योंकि घर से जबरदस्ती जॉब के लिए उन्हें मुंबई भेजा गया था.
भाई और पापा को याद करते हैं संजय मिश्रा
संजय मिश्रा कहते हैं कि उन्हें एक बात का बड़ा मलाल है कि उनके स्टार्टिंग के वक्त में संजय के पापा ने उन्हें देखा था, लेकिन जब संजय मिश्रा एक मुकाम हासिल कर लिया था तब तक उनके पापा का साथ हमेशा के लिए छूट चुका था. संजय मिश्रा ने आज तक को बताया कि शुरुआत के दिनों में उनके भाई सुमित मिश्रा आज तक मैं काम करते थे. वह कभी संजय को 200 रुपये या 400 रुपये भेजा करते थे.
मिस यूनिवर्स 2020 में सुंदरियों के अजब-गजब कॉस्ट्यूम्स, देखकर होगी हैरत
संजय मिश्रा के स्ट्रगल की कहानी
संजय मिश्रा ने कहा कि स्ट्रगल का मतलब यह नहीं कि आपने वड़ा पाव खा के दिन बिताया या प्लेटफॉर्म पर सोए थे. स्ट्रगल का मतलब है कि सही जगह तक पहुंचना और सही आदमी के पास. उन्होंने कहा कि उनको 9 साल लग गए थे सही जगह तक पहुंचने के लिए. संजय मिश्रा ने बताया कि जब टेलीविजन पर फिल्म अवॉर्ड्स आते थे और सभी एक्टर्स को अवार्ड मिलता था, मैं भी एक्टर था मुझे नहीं मिलता था. मैं भी चाहता था कि मुझे भी अवॉर्ड मिले घरवाले मुझे अवॉर्ड लेते हुए टेलीविजन पर देखें, यह होता है स्ट्रगल. अपने करियर का ही स्ट्रगल नहीं होता अपने मनोबल को बनाकर रखना यह भी एक स्ट्रगल होता है.
लोग शुरू में मना कर देते थे या कहते थे कि देख कर बताएंगे, लेकिन आज उल्टा हो गया है. कई सारे फिल्म के निर्देशक मेरे साथ काम करना चाहते हैं. कई बार फिल्म के निर्देशक मुझे देख कर मेरे जैसा किरदार लिखते हैं. संजय मिश्रा ने बताया कि रोहित शेट्टी की फिल्म सर्कस में ऐसा ही हुआ है मुझे देख कर मेरा किरदार लिखा गया है.
10-12 प्रोजेक्ट्स में नजर आने वाले हैं संजय
संजय मिश्रा ने आजतक को बताया कि वह जो भी कमाई करते है वह अपनी पत्नी को दे देते हैं और जरूरत पड़ने पर उनसे कभी 5000 रुपये तो कभी 10000 रुपये मांगते हैं. शूटिंग से घर आने के बाद वह घर में शूटिंग की दुनिया से दूर संजय मिश्रा की तरह रहते हैं.
बिकिनी में साइकिलिंग करने निकलीं कृष्णा श्रॉफ, वायरल हुआ वीडियो
संजय मिश्रा ने अभी ओटीटी पर आई सीरीज रन अवे लुगाई में काम किया है. संजय मिश्रा इस सीरीज में एक डॉमिनेंट पिता का किरदार निभा रहे हैं, जो कि एक MLA है. इस सीरीज में संजय की बहू घर से भाग जाती है. ऐसे में उनके बेटे को लगता है कि पिता के वजह से ऐसा हुआ है तो वहीं बाप को लगता है कि बेटे ने भगाया है. इन सब के चक्कर मैं MLA साहेब को चुनाव का टिकट नहीं मिल रहा है क्योंकि जब अपना घर ही नहीं संभल रहा तो देश कैसे संभालेंगे.
फिल्मी प्रोजेक्ट्स की बात करें संजय मिश्रा की कई फिल्म आना बाकी हैं. वह रोहित शेट्टी की सर्कस में दिखेंगे. साथ ही संजय, सुभाष घाई के साथ भी फिल्म करने जा रहै हैं. इस साल संजय मिश्रा की फिल्म ग्वालियर और मुंबईकर जैसे फिल्म लॉकडाउन की वजह से रुकी हुई हैं. ऐसे में संजय मिश्रा की तकरीबन 10-12 फिल्में आना बाकी हैं.