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एक्टर राजू श्रेष्ठ ने बताया कैसे संजीव कुमार ने रखा था उनका नाम 'मास्टर राजू', बदल गई जिंदगी

एक्टर राजू श्रेष्ठ कहते हैं कि- ‘संजीव कुमार जी ने मुझे सिर्फ 1 नाम ही नहीं दिया बल्कि उस नाम के रूप में उन्होंने मुझे अपना आर्शीवाद भी दिया था जिसने मेरी पूरी जिंदगी ही बदल दी.’

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मास्टर राजू, संजीव कुमार
मास्टर राजू, संजीव कुमार
स्टोरी हाइलाइट्स
  • संजीव कुमार के जन्मदिन पर मास्टर राजू ने किया याद
  • शेयर किया वो किस्सा जब संजीव कुमार ने रखा था उनका नाम

एक्टर संजीव कुमार फिल्म दुनिया का वो चेहरा हैं जिन्होंने बॉलीवुड के दर्शकों को एक से बढ़कर एक बेहतरीन फिल्मों का तोहफा दिया लेकिन उनका दिया एक तोहफा ऐसा भी है जिसने एक कलाकार की पूरी जिंदगी ही बदल दी. हम बात कर रहे हैं एक्टर मास्टर राजू की. आज भले ही राजू श्रेष्ठ बॉलीवुड में ज्यादा एक्टिव ना हों लेकिन एक दौर था जब मास्टर राजू की तूती बोलती थी.

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250 से ज्यादा फिल्मों में किया काम

80 के दशक का वो बच्चा जिसका स्टारडम उन दिनों दर्शकों के सिर चढ़कर बोलता था. भोली सी शक्ल और अपनी प्यारी सी आवाज के कारण ये बच्चा ना सिर्फ दर्शकों का फेवरेट था बल्कि उस जमाने के सितारों की भी जान हुआ करता था. 250 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके मास्टर राजू का असली नाम फहीम अजानी है लेकिन पूरी दुनिया उन्हे मास्टर राजू के नाम से जानती है.

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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संजीव कुमार से मिला खास आशिर्वाद

आजतक से बात करते हुए राजू श्रेष्ठ कहते हैं कि ‘बचपन में जैसा कि सब जानते हैं कि मैं काफी क्यूट सा बच्चा था तो सब लोग मुझे गुड्डू कहकर बुलाते थे. तो एक दिन फिल्म ‘चौकीदार’ की शूटिंग के दौरान संजीव कुमार का इस गुड्डू नाम पर ध्यान गया और उन्होंने कहा कि ये गुड्डू क्या नाम है. तो उस जमाने में राजू एक कॉमन नाम नहीं था. तो उन्होंने मुझे मास्टर राजू का नाम आर्शीवाद के तौर पर दे दिया और कहा कि अब से इसे कोई गुड्डू नहीं बुलाएगा. इसे सब मास्टर राजू की कहकर बुलाएंगे.’

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संजीव कुमार संग मास्टर राजू
संजीव कुमार संग मास्टर राजू

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कभी नहीं बदला संजीव कुमार का दिया हुआ नाम

राजू श्रेष्ठ आगे कहते हैं कि ‘जब मैं बड़ा हो गया और दोबारा से मैंने फिल्मों में काम करने का मूड बनाया तो उस वक्त मैंने अपना नाम मास्टर राजू से फहीम अजानी बदलने का सोचा. लेकिन मेरे दिल ने इसके लिए गवाही नहीं दी और मुझे इस बात का डर भी था कि क्या लोग मेरे इस नाम को स्वीकार करेंगे. फिर मेरे दिल ने मुझसे कहा कि संजीव कुमार जी ने तूझे ये नाम इतने प्यार से दिया है इसलिए इसे बदलना ठीक नहीं है. तो मैंने अपना नाम नहीं बदला. लेकिन मैं अब बड़ा हो चुका था तो मैंने मास्टर राजू के आगे से मास्टर शब्द हटाकर श्रेष्ठ शब्द जोड़ लिया जिसका मतलब होता है BEST. लेकिन फिर लोगों ने श्रेष्ठ शब्द को बदलकर श्रेष्ठा कर दिया, खैर मुझे खुशी है कि मुझे संजीव कुमार जी से इतना प्यारा से तोहफा मिला.

 

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