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'सरफरोश' में शाहरुख को लेना चाहते थे प्रोड्यूसर, डायरेक्टर ने बताया उन्हें क्यों बेहतर लगे आमिर खान

जॉन ने बताया कि जब वो 'सरफरोश' पर काम कर रहे थे तो रिसर्च के लिए राजस्थान और दिल्ली गए. दिल्ली में वो एक छोटे गेस्ट हाउस में रह रहे थे जहां उन्होंने टीवी पर आमिर की 'दिल' का एक सीन देखा. उन्होंने बताया कि फिल्म में आमिर को कास्ट करने की एक और बहुत बड़ी वजह थी.

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आमिर खान, शाहरुख खान
आमिर खान, शाहरुख खान

बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान के करियर में 'सरफरोश' एक आइकॉनिक फिल्म है. 1999 में आई इस फिल्म में आमिर का काम और कहानी ने लोगों को बहुत अपील किया. 'सरफरोश' के डायरेक्टर जॉन मैथ्यू मत्थान ने अब अपने हीरो की कास्टिंग को लेकर एक दिलचस्प खुलासा किया है. 

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जॉन लगभग 20 सालों से बड़े पर्दे से दूर हैं, उनकी आखिरी बिग स्क्रीन रिलीज अजय देवगन स्टारर 'शिखर' (2005) थी. हालांकि. उन्होंने 2013 में हिमेश रेशमिया की फिल्म 'अ न्यू लव स्टोरी' डायरेक्ट की थी, मगर ये फिल्म आजतक रिलीज नहीं हो सकी. 'सरफरोश' के 25 साल होने पर अब जॉन ने बताया है कि इस फिल्म में आमिर नहीं, बल्कि उनके साथी बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान को कास्ट करने का माहौल ज्यादा था. 

आमिर के इस सीन से इम्प्रेस हुए थे जॉन मैथ्यू
इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक बातचीत में जॉन ने बताया कि उन्होंने 'दिल' (1990) में माधुरी दीक्षित के साथ आमिर का एक सीन देखने के बाद, उन्हें 'सरफरोश' के लिए कास्ट करने का फैसला किया था. 

जॉन ने बताया कि पहले वो हिंदी फिल्में बहुत देखा करते थे, लेकिन 1980 के दशक में हिंदी फिल्में इतनी बुरी बनने लगीं कि उन्होंने देखना छोड़ दिया. इसके बाद वो अपनी फिल्म का सोचने लगे और रिसर्च के लिए राजस्थान और दिल्ली गए. दिल्ली में वो एक छोटे गेस्टहाउस में रह रहे थे जहां उन्होंने टीवी पर आमिर की 'दिल' का एक सीन देखा. 

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जॉन ने बताया, 'मैंने आमिर की एक फिल्म से छोटा सा सीन देखा जिसमें उनका किरदार, माधुरी दीक्षित के किरदार का रेप करने जा रहा था. और मुझे लगा कि ये लड़का ईमानदार लगता है, वो इस लड़की का रेप नहीं करेगा और सिर्फ नाटक कर रहा है. लेकिन मुझे लगा कि वो मेरे रोल को बहुत सूट करेंगे. उस समय वो एक बड़े स्टार नहीं थे. तो जब मैं मुंबई वापस लौटा, मैंने अपने दिमाग में आमिर को रखकर 'सरफरोश' का काम शुरू किया.'

सबने दी थी शाहरुख को कास्ट करने की सलाह 
जॉन ने बताया कि उनके फिल्ममेकर दोस्त चाहते थे कि वो 'सरफरोश' में शाहरुख खान को कास्ट करें, ताकि फिल्म की कमाई ज्यादा हो. जॉन ने बताया कि जब उनकी कहानी रेडी हुई तो वो मुंबई में अपने दोस्त मनमोहन शेट्टी से मिले. शेट्टी ने एंटरटेनमेंट वन नाम से अपनी फिल्म प्रोडक्शन कंपनी शुरू की थी. उनकी कंपनी शाहरुख को लीड रोल में लेकर दो फिल्में बनाई थीं- 'कभी हां कभी ना' और 'इंग्लिश बाबू देसी मेम'. लेकिन जॉन ने साफ कहा, 'सुनिए, मुझे नहीं लगता कि शाहरुख मेरे रोल को सूट करते हैं' लेकिन उन्हें कहा गया कि 'शाहरुख के होने से पैसे भी बचेंगे' क्योंकि तीनों के होने से उन्हें अच्छी डील मिल जाएगी. 

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आमिर को क्यों किया गया कास्ट 
बातचीत में जॉन ने कहा कि जैसे 'स्पाइडरमैन' देखते हुए जब लोग पहले उस नॉर्मल लड़के को देखते हैं तो उन्हें नहीं लगता कि ये कुछ कर पाएगा. मगर जब वो स्पाइडरमैन बनता है तो आपको यकीन हो जाता है कि वो सबकुछ कर सकता है. इसी तरह उन्हें ऑडियंस से अपने हीरो के लिए ये फीलिंग चाहिए थी. 

जॉन ने बताया, 'मुझे एक ऐसे हीरो की जरूरत थी जो ट्रांसफॉर्म हो सके, तब आप उसके साथ रहते हैं. आप उसमें भरोसा दिखाते हैं क्योंकि आपको लगता है कि ये आदमी बहुत ज्यादा वल्नरेबल है. 'सरफरोश' जैसी फिल्म में ये जरूरी था कि ऑडियंस को उस किरदार के लिए ये फीलिंग आए. तो ये तीनों बातें सोचने के बाद मुझे यकीन हो गया कि मुझे आमिर ही चाहिए.'

जॉन मैथ्यू ने कहा कि 'सरफरोश' से पहले आमिर एक अलग आदमी थे वो सिर्फ लव स्टोरीज कर रहे थे. कोई उन्हें एक्शन फिल्म में नहीं लेना चाह रहा था, जबकि वो अलग-रियलिस्टिक फिल्में करना चाहते थे. लेकिन इस फिल्म को लेकर आमिर के भी कुछ डाउट थे. 

जॉन ने बताया, 'जब 'सरफरोश' बन गई तो आमिर चाहते थे कि ये उनकी दो कमर्शियल फिल्मों के बाद आए क्योंकि उन्हें ये कमर्शियल फिल्म नहीं लग रही थी. इसलिए ये डिले भी हुई. लेकिन जब 'सरफरोश' आखिरकार रिलीज हुई, तो दूसरी कमर्शियल फिल्मों से ज्यादा चली. ये 'गुलाम' के बाद आई थी. इससे उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें ऐसी फिल्में करने की जरूरत है जिनमें ऑरिजिनल स्टोरीज हों. तब उन्होंने 'लगान' की और उनके रवैये में ये बदलाव नजर आने लगा था.'

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