लक्षद्वीप पुलिस ने गुरुवार यानी 10 जून को फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है. इस शिकायत में बीजेपी लीडर का यह आरोप है कि फिल्म निर्माता आयशा ने टीवी डिबेट के दौरान उन पर कोविड फैलाने के गंभीर इल्जाम लगाए हैं.
बता दें, बीजेपी लक्षद्वीप के यूनिट प्रेसिडेंट अब्दुल खादर हाजी ने आयशा के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. आयशा लक्षद्वीप के चेट्टीआथ आइलैंड की रहने वाली हैं. कवरट्टी पुलिस के अनुसार एफआईआर के इस केस को सेक्शन 124 A और सेक्शन 153 B के तहत देशद्रोह और नफरत फैलाने का आरोप लगाया गया है.
अब्दुल खादर हाजी नेअपनी शिकायत में लक्षद्वीप में चल रहे विवादास्पद सुधारों पर एक निजी चैनल पर हो रहे डिबेट का हवाला देते हुए कहा कि आयशा ने उस डिबेट में कहा कि केंद्र सरकार ने लक्षद्वीप में कोरोना के प्रसार के लिए 'जैविक हथियारों' का इस्तेमाल किया है.
आयशा के इस स्टेटमेंट का विरोध बीजेपी लक्षद्वीप के यूनिट द्वारा किया जा रहा है. बीजेपी लीडर का यह भी कहना है कि आयशा पार्टी के देशभक्ती वाले छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रही हैं. उनके इस एंटी नेशनल हरकत के खिलाफ एक्शन होना चाहिए.
कौन हैं आयशा ?
लक्षद्वीप की सुलताना पेशे से मॉडल भी रही हैं और उन्होंने कई मलयालम फिल्मों में काम किया है. आयशा एक लंबे समय से वहां सरकार के खिलाफ अपनी आवाज मुखर करती रही हैं. अपने विवादित बयान को सही ठहराते हुए फेसबुक पर पोस्ट भी किया है.
अपने बयान को सही ठहरा रही हैं आयशा
आयशा लिखती हैं,“मैंने टीवी चैनल की बहस में बायो वेपन (जैव-हथियार) शब्द का इस्तेमाल किया था. मैंने महसूस किया है कि पटेल और उनकी नीतियों ने एक जैव-हथियार के रूप में काम किया है. उन्होंने कहा कि पटेल और उनके दल के कारण ही लक्षद्वीप में कोरोना भी फैला. हालांकि आयशा को लक्षद्वीप साहित्य प्रवर्तक संगम का समर्थन मिला है. उन्होंने कहा कि आयशा को देशद्रोही के रूप में उन्हें दिखाना सही नहीं है.
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