शाहरुख खान को इन दिनों लोग इंडिया का सबसे बड़ा सुपरस्टार कहते हैं. पिछले साल बॉलीवुड को दो रिकॉर्डतोड़ ब्लॉकबस्टर देने वाले शाहरुख आज बिग स्क्रीन और जनता के दिलों पर राज करते हैं. मगर उन्होंने एक्टिंग में अपनी शुरुआत बड़े संघर्ष के साथ की थी.
1992 में रिलीज हुई 'दीवाना' से बतौर लीड हीरो इंडस्ट्री में लॉन्च हुए शाहरुख, पहले कई छोटे किरदार निभा चुके थे. अब शाहरुख की ऐसी ही एक शुरुआती फिल्म का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
जब बड़े पर्दे पर गे कॉलेज स्टूडेंट बने शाहरुख
सुपरस्टार शाहरुख खान के बारे में आज भी बहुत सी ऐसी बाते हैं जो बहुत लोगों को नहीं पता. क्या आपको पता है कि एक नेशनल अवॉर्ड फिल्म में शाहरुख ने एक गे कॉलेज स्टूडेंट का सपोर्टिंग कैरेक्टर प्ले किया था?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 1989 में आई, इंग्लिश टीवी फिल्म 'In Which Annie Gives It Those Ones' का एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है. इस वीडियो में शाहरुख एक कॉलेज स्टूडेंट के रोल में नजर आ रहे हैं. फिल्म में उन्होंने लीड किरदार निभा रहे अर्जुन रैना और अरुंधती रॉय के सीनियर का रोल किया था. उनका किरदार इस फिल्म में गे था.
'In Which Annie Gives It Those Ones' की राइटर मशहूर ऑथर अरुंधती रॉय थीं और उन्होंने फिल्म में एक्टिंग भी की थी. और अरुंधती के एक्स हस्बैंड प्रदीप किशोर ने ये फिल्म डायरेक्ट की थी. इस फिल्म को दो नेशनल अवॉर्ड मिले थे.
फिल्म में शाहरुख के साथ ही रोशन सेठ, ऋतुराज सिंह और मनोज बाजपेयी जैसे कलाकार भी सपोर्टिंग रोल में थे. ये सभी आगे चलकर फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम बने. इस फिल्म से एक साल पहले उन्होंने टीवी सीरियल 'फौजी' में एक्टिंग डेब्यू किया था. इन दोनों के अलावा शाहरुख ने 'उम्मीद', 'वागले की दुनिया', 'दिल दरिया' 'महान कर्ज' और 'इडियट' जैसे कई प्रोजेक्ट्स में छोटे-छोटे रोल किए थे. टीवी शो 'सर्कस' ने शाहरुख को बहुत पॉपुलैरिटी दिलाई थी, जिसके बाद उन्हें फिल्मों के ऑफर भी आने लगे.
स्क्रीन पर जेंडर बदलने से नहीं घबराते थे शाहरुख
करियर की शुरुआत से ही शाहरुख कभी रिस्क लेने से नहीं चूकते थे और 90s में अपने किरदारों के जेंडर के साथ एक्स्परिमेंट एक बहुत बड़ी बात थी. जहां प्रदीप किशोर की फिल्म में शाहरुख ने गे कॉलेज स्टूडेंट का रोल किया, वहीं कल्पना लाजमी की फिल्म 'दरमियां'(1997) में एक किन्नर का रोल करने के लिए भी वो बहुत एक्साइटेड थे. उन्होंने कल्पना को खुद फोन करके ये रोल करने की इच्छा जाहिर की थी.
शाहरुख ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि उस वक्त वो बड़े स्टार बन चुके थे और साल में चार फिल्में करते थे. इसलिए कल्पना लाजमी के हिसाब से वो टाइम मैनेज नहीं कर पाए थे.
शाहरुख ने बताया था, 'वो मुझसे मिलने आईं, उन्होंने मुझे काबिल समझा. उन्होंने मुझे कहानी सुनाई और हमारा सबकुछ फिक्स भी हो गया कि हम करेंगे. लेकिन उनको मैंने एक ही चीज रिक्वेस्ट की थी, क्योंकि मैं आउट ऑफ टर्न ये फिल्म करूंगा, मैं नॉर्मली चार फिल्में साल में करता हूं. मैंने कहा इसको आप बस सितंबर में चालू कर लें, मेरी रिक्वेस्ट है आपसे. मैं आपसे पैसे की और कोई रिक्वेस्ट नहीं कर रहा. मैं रोल करना चाहता हूं, अगर आपको लगे मैं कर सकता हूं. अगर आप सितंबर तक इंतजार कर लें तो मैं आपको सात दिन दूंगा. तो उन्होंने कहा ठीक है.' मगर टाइम का ये खेल मैनेज नहीं हो सका और शाहरुख की जगह आरिफ जकारिया ने ये किरदार निभाया.