
IIFA 2025: जयपुर में 8 और 9 मार्च को आईफा (IIFA) अवार्ड्स 2025 शो आयोजित होने जा रहा है. बॉलीवुड-हॉलीवुड समेत वीआईपी हस्तियां आईफा अवॉर्ड समारोह में शामिल होंगी. आईफा अवॉर्ड सेरेमनी से पहले राजधानी जयपुर में आईफा ट्रॉफी की रेप्लिका पहुंच चुकी है. विश्व प्रसिद्ध आमेर महल के जलेबी चौक में आईफा अवॉर्ड ट्रॉफी रखी गई है. आमेर महल के अलावा अल्बर्ट हॉल समेत अन्य पर्यटक स्थलों पर भी आईफा अवॉर्ड ट्रॉफी रखी गई है. आईफा ट्रॉफी देसी- विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रही है. टूरिस्ट्स आईफा ट्रॉफी के साथ सेल्फियां और फोटोग्राफ्स लेकर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं.
आमेर महल के अधीक्षक डॉ. राकेश छोलक के मुताबिक, आईफा अवॉर्ड की ट्रॉफी आमेर महल के जलेबी चौक में रखी गई है, जहां टूरिस्ट्स ट्रॉफी के साथ सेल्फी ले सकते हैं. आईफा अवॉर्ड ट्रॉफी देसी विदेशी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. जयपुर शहर में अन्य जगहों पर भी आईफा अवॉर्ड ट्रॉफी की रेप्लिका को रखा गया है. 8 और 9 मार्च को होने वाले आईफा अवॉर्ड समारोह में बॉलीवुड और हॉलीवुड समेत कई वीआईपी हस्तियां पहुंचेंगी.
'आईफा अवॉर्ड होने से वैश्विक स्तर पर राजस्थान की एक अलग पहचान बन जाएगी. जयपुर के विभिन्न पर्यटन स्थल आमेर फोर्ट, हवा महल, जंतर मंतर, अल्बर्ट हॉल समेत अन्य पर्यटक स्थलों पर आईफा अवॉर्ड ट्रॉफी को रखकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है.'
शोले फिल्म के 50 साल का जश्न
जयपुर में शोले फिल्म के 50 साल पूरे होने का जश्न मनाया जाएगा. आईफा अवॉर्ड के तहत राज मंदिर सिनेमा में स्पेशल स्क्रीनिंग होगी. राजमंदिर में 9 मार्च को शोले फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी जाएगी, जिसमें कई सेलिब्रिटीज भी शामिल होंगे. बता दें कि राज मंदिर सिनेमा के साथ ही शोले फिल्म को 50 साल पूरे होने जा रहे हैं.
शोले फिल्म 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई थी. वहीं, राज मंदिर सिनेमा काफी ऐतिहासिक माना जाता है. राज मंदिर सिनेमा का उद्घाटन 1 जून 1976 को हुआ था. शोले और राज मंदिर के 50 साल पूरे होने का जश्न जयपुर के लिए ऐतिहासिक पल होगा. सिनेमा प्रेमियों के लिए राजमंदिर सिनेमा काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. 8 मार्च को जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में आईफा डिजिटल अवॉर्ड कार्यक्रम होगा. 9 मार्च को आईफा अवॉर्ड का ग्रैंड फिनाले होगा, जिसमें भारतीय सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ कार्यों और कलाकारों को आईफा अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा.
शोले सिर्फ फिल्म नहीं, बल्कि भावना है: आंद्रे टिमिन्स
आईफा के सह-संस्थापक आंद्रे टिमिन्स ने कहा कि शोले सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक भावना है. यह एक अमर कृति है, जो आज भी कहानीकारों और दर्शकों को प्रेरित करती है और इसे सम्मान देने के लिए राज मंदिर से बेहतर स्थान और क्या हो सकता है? यह सिनेमाघर भी पांच दशकों से सिनेमा प्रेमियों की पसंदीदा जगह रहा है. उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारतीय सिनेमा की आत्मा को एक भव्य वास्तुकला के चमत्कार के साथ जोड़ने का हमारा तरीका है. यह ऐसा क्षण होगा, जिसे हमेशा याद रखा जाएगा.
बता दें कि 1975 में रिलीज हुई रमेश सिप्पी की फिल्म शोले आज भी भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे पसंदीदा फिल्मों में गिनी जाती है. इस फिल्म के किरदारों में जय-वीरू के रूप में अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र के अलावा गब्बर सिंह के रूप में अमजद खान और ठाकुर के रूप में संजीव कुमार ने काफी शोहरत बटोरी थी.