सोनू सूद कोरोना काल से ही लोगों की मदद में जुटे हुए हैं. सोनू को अपने इस काम की वजह से कई आरोप-प्रत्यारोप का भी सामना करना पड़ा है. पिछले दिनों ही सोनू सूद और जीशान सिद्दीकी पर रेमडेशिविर के डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर गंभीर आरोप भी लगाए गए थे.
इसी केस के सिलसिले में सोनू ने बॉम्बे हाई कोर्ट में इंटरवेंशन (हस्तक्षेप) फाइल की है. सोनू का कहना है कि नीलेश नखवाल द्वारा फाइल की गई पीआईएल(जनहित याचिका) उन्हें और उनके काम को प्रभावित कर रही है. इस मामले में उनकी भी बात सुनी जानी चाहिए.
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सोनू एक लंबे समय से सोशल मीडिया के जरिये लोगों की मदद में लगे हुए हैं. ट्विटर व इंस्टाग्राम पर लोगों की जरुरतों को पूरा करने वाले सोनू पर नीलेश नखवाल ने यह आरोप लगाते हुए जनहित याचिका दायर की थी कि सोशल मीडिया पर लगातार रेमडेसिविर की सप्लाई कैसे की जा रही है, जबकि स्टेट में लोग इसकी कमी की शिकायत कर रहे हैं और कईयों की जान चली गई है.
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इस याचिका के बाद अदालत ने यह निर्देश दिया था कि रेमडेसिविर वितरण मामले में सोनू सूद जैसी हस्तियों की भूमिका की जांच की जानी चाहिए क्योंकि जब रेमडेसिविर सरकारों के पास ही उपलब्ध था, तो उनके पास वितरण के लिए कैसे आया. तब से सोनू कानूनी पचड़ों में फंसे हुए हैं.