फिल्में समाज का आईना होती हैं. अधिकतर फिल्मों में लोगों को समाज की कड़वी हकीकत से रूबरू कराया जाता है. तमिल भाषा में बनी जय भीम फिल्म की कहानी भी ऐसी है. जय भीम एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है, जिसमें आदिवासी लोगों के साथ होने वाले अत्याचार को बखूबी दिखाया है. फिल्म को हिंदुस्तान की जनता ने तो प्यार दिया ही, लेकिन अब चीन में भी इसकी काफी सराहना हो रही है.
आदिवासी कपल की कहानी पर बनी है फिल्म
टी.जे. ज्ञानवेल के निर्देशन में बनी फिल्म में सूर्या, के. मणिकंदन, लिजोमोल जोस और प्रकाश राज ने अहम भूमिका निभाई है. फिल्म की कहानी ऐसे वकील के जीवन पर आधारित है, जो आदिवासी लोगों के साथ होने वाले अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाता और जीतता भी है. फिल्म में दिखाया गया कि कैसे पुलिस अपने फायदे के लिये मासूम और गरीब लोगों के जीवन के साथ खेलती है.
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फिल्म में पुलिस की हैवानियत को इतने करीब से दिखाया गया कि कुछ सीन्स देख कर आपकी रूंह कांप उठे. फिल्म को IMDb पर 9.3/10 रेटिंग दी गई है. जय भीम ने चीन में भी काफी बेहतर प्रदर्शन किया है. चीन के रिव्यू प्लेटफॉर्म Douban पर फिल्म को 8.7/10 रेटिंग दी गई है. तमिल फिल्म को इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर इतना प्यार मिलना, बेहद बड़ी बात है.
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चीन की जनता को क्यों पसंद आई फिल्म
चीन की जनता को जय भीम की कहानी इसलिये भी पसंद आई, क्योंकि तमिल के जैसा ही केस चीन में भी हुआ था. जय भीम की कहानी की तरह जापान में एक चीन की महिला की हत्या कर दी गई थी, जिसके खिलाफ न्यायपालिका में काफी लंबा केस लड़ा गया था. इसके अलावा फिल्म में जाति के आधार पर लोगों के साथ होने वाले भेदभाव को भी दर्शाया गया.
भ्रष्टाचार, जाति व्यवस्था और अन्याय के खिलाफ बनी फिल्म की कहानी चीन के लोगों के दिल को छू गई. बस इसलिये हर कोई फिल्म की तारीफ करते नहीं थक रहा. अगर आपने फिल्म नहीं देखी है, तो अब भी देर नहीं हुई देख लीजिये. अच्छा लगेगा.