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EXCLUSIVE: बिहार के DGP को रिया का जवाब- मेरी औकात ये है कि मैं सुशांत से प्यार करती हूं

सुशांत सिंह राजपूत केस में सीबीआई समेत तीन एजेंसियां जांच कर रही हैं. इस मामले में हर किसी के निशाने पर रिया चक्रवर्ती हैं. इस विवाद के बीच रिया ने आजतक से बात की और अपने ऊपर लगे सभी आरोपों पर जवाब दिया.

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रिया चक्रवर्ती ने तोड़ी चुप्पी (फाइल फोटो)
रिया चक्रवर्ती ने तोड़ी चुप्पी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रिया चक्रवर्ती का एक्सक्लूजिव इंटरव्यू
  • सुशांत केस में लगे आरोपों का दिया जवाब
  • शाम सात बजे देख सकेंगे पूरा इंटरव्यू

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मामले में सीबीआई कब रिया चक्रवर्ती को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करेगी इसका सभी को इंतजार है. लेकिन उससे पहले आज तक आपके लिए लेकर आया है रिया चक्रवर्ती का सुपर एक्सप्लोसिव इंटरव्यू जिसमें उन्होंने उन तमाम आरोपों का जवाब दिया है जो उन पर अब तक लगते रहे हैं. सीनियर जर्नलिस्ट राजदीप सरदेसाई ने रिया के साथ इस खास इंटरव्यू में उनसे वो सभी तीखे सवाल किए जो सोशल मीडिया से लेकर पब्लिक और हर जगह रिया पर उठाए जाते रहे हैं.

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राजदीप: रिया आपका बहुत बहुत शुक्रिया.
रिया: आपका बहुत बहुत शुक्रिया कि आप अब भी एक ऐसा चैनल चला रहे हैं जहां एक इंसान को अपनी बातें और अपना केस सामने रखने का भी मौका मिले, बाकी ने तो अपना फैसला सुना ही दिया है.

राजदीप: आपको लगता है कि मीडिया ट्रायल चल रहा है?
रिया: लगता? (दबी हुई हंसी में) मीडिया ट्रायल है. और बहुत ही बुरा व्हिच हंट (डायन का शिकार) जिसे कहते हैं. वो भी चल रहा है. वो भी चल रहा है. किसी को प्यार करना एक मोस्ट वांटेड क्राइम हो गया है. मुझे लगता है कि हर उस इंसान को गिरफ्तार कर लीजिए जो रिलेशनशिप में है. क्यों नहीं करते?

राजदीप: मैं एक मिनट रिलेशनशिप पर आऊंगा लेकिन उससे पहले मैं पूछना चाहता हूं, मैंने आपको इंटरव्यू में कहा इंडियाज मोस्ट वांटेड. एक बॉलीवुड एक्टर. आप आए बॉलीवुड में, आपके सपने होंगे कि मुझे बड़ा स्टार बनना है. बड़ा स्टार आज इंडियाज मोस्ट वांटेड कहा जाता है, एक तरह से विलेन कहा जा रहा है इस पूरे मामले का. किस तरह से आप देखती हैं? आपका वो सपना, और आज ये हकीकत.

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रिया: मुझे तो कभी-कभी विश्वास भी नहीं होता है कि ये मेरी लाइफ है. (सोच में पड़ते हुए) तथ्यों से दूर एक सच ये भी है कि सुशांत आज यहां नहीं है... और वो सबको सच नहीं बता सकता. मेरे सपने तो अब इतने कोसों दूर हैं कि मैं गहरी सांस लेना चाहती हूं जहां चार पांच एजेंसीज मेरे पीछे ना पड़ी हों. मैं सिर्फ एक नॉर्मल दिन देखना चाहती हूं जहां मैं सुबह उठकर बस नाश्ता कर सकूं अपने माता-पिता के साथ और मेरे परिवार में किसी एक इंसान को एंग्जायटी अटैक ना हो. तो सपने तो मेरे कब के पिछड़ गए.... पर.... मैं लड़ूंगी.

राजदीप: आप लड़ेंगी?
रिया: हां, मैं लड़ूंगी.

राजदीप: आपने कभी हिम्मत नहीं खोई है, क्योंकि जिस तरह से आरोप लगे हैं. कुछ लोग कहेंगे कि अब तो रिया चक्रवर्ती की हिम्मत भी गई होगी?
रिया: तोड़ने की तो पूरी साजिश है.... पहले मेरी फैमिली को तोड़ने की. फिर.... मुझे तोड़ने की. अब, मेरे हौसले को तोड़ने की, कि इस लड़की को ऐसा कर दो कि ये अपने आप को भी डिफेंड नहीं कर पाए.

क्या बोलती हैं कंगना जी? कि सिस्टमैटिक ब्रेकडाउन ऑफ ए फ्रेजाइल माइंड सुशांत के साथ हुआ है. तो मेरे साथ क्या हुआ है? मेरे साथ क्या हुआ है? सिस्टमैटिक ब्रेकडाउन ऑफ ए इनोसेंट फैमिली? एन इनोसेंट गर्ल? जिसने एक मासूम लड़के को प्यार किया? (बनावटी हंसी हंसते हुए) आप लोग इस बात से खुश नहीं हैं.... कि यहां पर कोई गॉसिप और कोई अतरंगी कहानी नहीं है. और.... ये कोई... विषकन्या कभी बुला देता है... कभी कोई औकात पर बात कर देता है. मतलब कुछ भी चल रहा है. मेरी लाइफ है ये?? (उदासी भरी मुस्कान) ये मेरी और मेरे परिवार की जिंदगी है.

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राजदीप: आज आप चुप्पी तोड़ रही हैं. क्यों? आज का दिन आपने क्यों चुना?
रिया: (गला साफ करके खुद को संभालते हुए) सुशांत ने बताया मुझे. सुशांत मेरे सपने में आया था.... वो काफी लोगों के सपने में आ रहा है आजकल जो उसे कभी जानते भी नहीं थे. उसने बोला कि सच बोलो. जाकर सबको बोलो कि तुम क्या हो. हमारा रिश्ता क्या था. और क्या है.

राजदीप: मैं उस रिश्ते पर आऊंगा. मैं आरोपों पर भी आऊंगा. पर पहले रिश्ते पर आते हैं.
रिया: जी.

राजदीप: आप अपने और सुशांत के रिश्ते के बारे में हमें बताइए? कब मिले? कैसे मिले? ये रिलेशनशिप शुरू कैसे हुआ?
रिया:
तो सुशांत और मैं... काफी साल से दोस्त हैं. हम लोग दो हजार...... तेहर में यश राज स्टूडियो में मिले थे. मेरी पहली फिल्म रिलीज हो चुकी थी और उनकी फिल्म काय पो चे रिलीज होने को थी. या बस हुई थी और वो वायआरएफ आ रहे थे. न्यू टैलेंट बने थे. हमारे मैनेजर्स सेम थे उस वक्त भी. हम लोग.... YRF के जिम में इंट्रड्यूज हुए. और फिर कभी-कभी यहां वहां अवॉर्ड शोज पर मिलना जुलना होता था. हम लोग काफी अच्छे दोस्त थे. शायद साल में एक बार भी मिलते हों, पर पूरी बात करते थे. कि कैसा है सब कुछ? मतलब, पूरी. सारी अपनी दिक्कतें भी शेयर कर लेते थे उसी दौरान.

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(चेहरे पर मुस्कान और भावुकता लाते हुए) मुझे अच्छा लगता था तभी भी... लेकिन लगता था कि यार कुछ अलग है ये. कुछ अलग किस्म का लड़का है ये. इसके साथ ना.. बैठ कर बात करनी पड़ेगी. पूरी बात करनी पड़ेगी.... और फिर, अप्रैल 2019... 13 अप्रैल. सुशांत और मैं... रोहिणी अय्यर जी... की पार्टी पर मिले. वहां से हमारा रिश्ता फिर... असल में शुरू हुआ. और प्यार तो सुशांत ने बोला कि उसको एक ही दिन में हो गया. पर मैंने बोला.... (हंसते हुए) कि दो तीन महीने.... दो मुझे. मैं बताती हूं... ये आई लव यू जो वर्ड है, बहुत बड़ा है. मुझे क्या पता था कि इस आई लव यू वर्ड की सजा. मुझे अब तक इस तरह काटनी पड़ेगी.

राजदीप: आप और सुशांत एक दूसरे से मिलने लगे. आप कुछ महीनों बाद उनके साथ रहने भी लगीं. आप उनकी पार्टनर बन गईं. ये बताइए. इस दौरान अप्रैल 2019 के बाद रोमांस धीरे-धीरे बढ़ता गया. और नतीजतन आप उनके साथ रहने लगीं? आपने इसे एक लंबी रिलेशनशिप के तौर पर देखा था? एक दिन मैं शादी करूंगी? किस तरह से आप देख रही थीं इस रिलेशनशिप को?

रिया: (मुस्कान) तो सुशांत और मेरा एक रनिंग, पर्सनल, एनिकडोट, मैं आपके साथ शेयर करती हूं कि, हमने कभी ऐसे फॉर्मली शादी की बात नहीं की. जाहिर है कि... लॉन्ग टर्म... अब तो लग रहा है कि दूसरे जन्म तक भी चलेगा. (हंसती हैं) एक बात मैं जरूर कहती थी कि मुझे एक छोटा सुशांत चाहिए. उसी की तरह... उसी के फेस का... एक छोटा... सुशी. तो ये हमारा एक रनिंग.. जोक था.... ऑबवियसली.. जोक भी नहीं पर. एक कपल के तौर पर हम डिसकस किया करते थे. इससे आपको पता चलेगा कि हमारा किस तरह का रिलेशनशिप था.

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राजदीप: किस चीज ने आपको सुशांत की तरफ आकर्षिक किया?
रिया:
किस चीज ने नहीं किया? (हंसती हैं) वो सबसे ईमानदार इंसान था जिससे मैं मिली थी. उसके सामने आप.... मतलब आप और ज्यादा आप बन जाते थे. उनसे मिलकर मैं अपने आप से मिली... और उन्होंने मुझे जिस... जिस अंदाज में... जिस नजर से देखा... जिस प्यार से देखा... उस नजर से मैं अपनी नजरों में.... ऊपर हो गई. और.... हमारा रिलेशनशिप असल में... हमारी जो... दोस्ती थी... वो हमारे रिश्ते की बुनियाद थी. वो भरोसा, और... (भावुक औकर खुद को संभालने की कोशिश करती हैं.) वो ईमानदारी. वो समझ कि दूसरा बंदा आपको पूरी तरह समझता है. चाहे आप लो हो, हाई हो. ये हो, वो हो. कोई फर्क नहीं पड़ता.

राजदीप: क्या हुआ जो चीजें इतनी ज्यादा बिगड़ गईं? क्या हुआ कि रिलेशनशिप जिसे आप कहती हैं, लव जिसे आप कहती हैं. क्या हुआ कि... धीरे-धीरे. या जून 2020 तक... जून 8 की मैं आपको खासतौर पर बात करता हूं. क्या हुआ था? आपको घर क्यों छोड़ना पड़ा. आप दिसंबर से उनके साथ रह रही थीं... लेकिन जून 8, 2020 को आप सुशांत का घर छोड़ती हैं. क्यों?
रिया: (गहरी सांस लेने के बाद) तो मई के मध्य के बाद से सुशांत कूर्ग, जो कि दक्षिण भारत में एक कस्बा है वहां, शिफ्ट होने की प्लानिंग और तैयारी कर रहे थे. उन्होंने अपने लॉयर... और अपने... घर में जो फ्लैटमेट्स हैं उन्हें, और अपने एक दूसरे दोस्त आयुष शर्मा को भी फोन करके पहले बीर शिफ्ट होने का उनका प्लान था. वो काफी कंसिस्टेंटली एक घर ढूंढ रहे थे. शिफ्ट होने के लिए.

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राजदीप: वो कूर्ग के लिए रवाना होना चाहते थे?
रिया: वो कूर्ग में शिफ्ट होना चाहते थे.

राजदीप: वो कूर्ग जाना चाहते थे मई 2020 में?
रिया: (हां में सिर हिलाते हुए) मई 2020 में. और मेरे पास बल्कि मैसेज हैं उनके लॉयर के साथ कि, आप प्लीज घर आइए और उनको हेल्प कीजिए. वो वहां शिफ्ट होना चाहते हैं. वो वहां पर कुछ सेटअप करना चाहते हैं.

राजदीप: उसने स्टारडम पूरी तरह से छोड़ दिया था?
रिया: (मुस्कुराते हुए) बोल तो रहा था. पर मुझे लगा शायद... उसे लगा शायद कि वो 6 महीने वहां रुकेगा, फिर एक फिल्म करेगा और उसे एक बेस की तरह बना लूंगा. वो बहुत अलग था. वो बहुत ज्यादा इसमें... ये मुंबई लाइफ और सिटी लाइफ जैसे. वो इन सब चीजों का कोई बहुत बड़ा फैन नहीं था. उसे पहाड़, सुकून, खेती, ये उनके सपने थे. बल्कि ये हमारे सपने थे. कि हम कहीं और रहकर साल में एक फिल्म कर ही सकते हैं. मुंबई में... और क्या पता साथ ही कर लें तो... क्या ही बात हो.

राजदीप: जून 8 को क्या हुआ? वो पूरा दिन हमें बताइए?
रिया:
(गला साफ करते हुए) तो सुशांत शिफ्ट होने की तैयारी कर रहे थे और आरोपों के विपरीत कि मैं नहीं उनको जाने दे रही थी. मैं... काफी अंडरस्टैंडिंग थी उस बात को लेकर और मुझे लगा कि अगर ये उसके लिए ठीक है तो.. जो मुझे अभी भी लगता है कि ये उसके लिए बेहतर होता. तो फिर ये ठीक है. लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप भी होता है. मैं कुछ महीने वहां बिता सकती हूं. कुछ महीने अपने घर पर बिता सकती हूं. और... चलता रहा पूरे लॉकडाउन के दौरान... जब तक सुशांत का डिप्रेशन फिर से उस पर हावी नहीं हो गया. इसमें अलग-अलग फेज थे... कभी वो ठीक होते थे. कभी वो ज्यादा डिप्रेस्ड होते थे. ये बायपोलर डिसऑर्डर था.

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तो इस फेज में... वो बहुत जल्दी-जल्दी अप और डाउन होता था. मतलब तकरीबन रोज ही. ऐसे जैसे... मंडे अप, ट्यूजडे डाउन. कई बार उसी दिन पर भी. और मुझे बल्कि इस बात से बहुत घबराहट हो रही थी और इसी वजह से 3 जून को मैंने डॉक्टर कृसि छाबड़ा को संपर्क किया. उनके जो मनोचिकित्सक थे, कि आप प्लीज एक बार उनसे बात कीजिए. मुझे लग रहा है कि वो पिर से डिप्रेशन में जा रहा है. और पैरानोया भी हुआ है उसको. और मेरे पास वो चैट भी हैं.

तो आप उनसे बात कीजिए और देखिए कि उन्हें किस तरह की दवाइओं की जरूरत है. 3 जून को सुशांत की डॉक्टर से बातचीत भी हुई. डॉक्टर को लगा कि हां उन्हें मेडिकेशन की जरूरत है. हां वो डिप्रेशन से जूझ रहा है. लेकिन सुशांत मेरे साथ बहुत अजीब बर्ताव कर रहा था. और बार बार मुझे कह रहे थे कि तुम.... घर जाओ. और ये घर जाओ, घर जाओ कहीं.... दूसरी जून.... बल्कि पहली जून से ही शुरू हो गया था. कि मुझे तो कूर्ग शिफ्ट करना ही है. तुम घऱ जाओ.

क्योंकि मुझे भी एंग्जायटी अटैक हो रहे थे. मई और जून के महीने में. और मेरी हालत भी देखकर सुशांत को अच्छा नहीं लग रहा था. वो कह रहा था कि जाओ, घर जाओ. ठीक और फिर मेरी मदद करो वापस आकर. तुम ही ठीक नहीं रहोगी तो मेरी हेल्प कैसे करोगी? तो 8 जून को मेरी एक थैरिपी सेशन बुक थी डॉक्टर सुजेन वॉकर के साथ. सुबह 11.30 बजे की. तो इससे ये साबित होता है कि मेरा कोई इरादा नहीं था 8 जून को जाने का.

मैं अपने घर पर थैरिपी सेशन नहीं कर सकती थी. मैं नहीं चाहती कि मेरे माता-पिता मुझे उस हालत में देखें. मुझे एक बहादुर चेहरा उनके लिए रखना पड़ता है. क्योंकि कोई भी माता-पिता अपने बच्चे को ऐसा नहीं देखना चाहेंगे. तो इसलिए, 8 जून को जब मेरी थैरिपी सेशन थी तो मैंने सुशांत को बोला कि मेरा थैरिपी सेशान है. तो उन्होंने मुझे कहा कि नहीं. आप थैरिपी सेशन यहां मत करो. आप घर जाओ. तो मैंने कहा कि मुझे थैरिपी सेशन करके जाने दो. उन्होंने बोला कि नहीं. आप थैरिपी सेशन के पहले जाओगे. क्योंकि मेरी बहन आ रही है. मैंने उनको फोन किया है.

पिछले पूरे जून के महीने में वो अपनी बहनों से, अपने पिताजी से, लगातार फोन पर बात करते रहे कि, हां मैं कूर्ग शिफ्ट होने का प्लान कर रहा हूं. तो क्या आपमें से कोई मेरे साथ आएंगे? मुझे हेल्प करेंगे? और कोई जवाब नहीं आ रहा था कि वो आएंगे या नहीं आएंगे. फाइनली 8 तारीख को जब उन्होंने मुझे बोला कि तुम घर जाओ ही जाओ. तो मैंने बोला कि मैं जाती हूं पर एक ही कंडीशन है मेरी. कि आपकी बहन जो बॉम्बे में रहती हैं, गोरेगांव में रहती हैं, मीतू जी, वो आएं. वो यहां होंगी तो मैं जाऊंगी.

बल्कि मैंने उन्हें बोला था कि अभी 12 बजे हैं, कितने बजे आएंगी मीतू जी? तभी मैं जाऊंगी. जब वो बिल्डिंग के नीचे होंगी. उन्होंने कहा कि नहीं. वो एक दो घंटे में आने वाली हैं. आपको उनके आने से पहले जाना होगा. और हां, मेरे और उनके परिवार के रिश्ते कुछ खास नहीं थे. शुरुआत से ही काफी तकलीफें थीं. उनके परिवार को अब तो जायज ही है, बिलकुल ही साफ हो गया है कि बिलकुल भी पसंद नहीं हूं. मेरे ऐसे स्ट्रॉन्ग इमोशन्स ना हैं, ना थे उनके लिए. और जब कोई इंसान, मेंटल हेल्थ, डिप्रेशन, या किसी भी हेल्थ प्रॉब्लम से गुजर रहा होता है. तो फैमिली का वहां होना बहुत जरूरी होता है. इस बात को मैं समझती हूं, जानती हूं, मानती हूं. इसीलिए मैं चाहती थीं कि उनकी बहन आएं, और तो ही मैं जाऊं. तो जिस दिन मैं निकली, मैं चाहती थी कि मीतू, सुशांत की बहन वहां पर हों. और वो थीं.

राजदीप: तो सुशांत ने आपसे कहा 8 तारीख को, कि आप चले जाइए अपने घर?
रिया:
जी

राजदीप: जो भी थैरिपी सेशन करनी है अपने घर में करिए, यहां मत करिए?
रिया:
जी

राजदीप: ...और उनकी बहन आती हैं. मैं आपसे इसलिए पूछ रहा हूं क्योंकि, आपके और महेश भट्ट के बीच में व्हाट्सएप चैट निकली है, उसी दिन की. जहां एक तरफ आप उनको कह रहे हैं. थैंक्यू सो मच. मुझे आखिरकार अब रोशनी दिख गई है. कि मुझे क्या करना है. इससे लगता है कि आपने निर्णय लिया कि मुझे सुशांत को छोड़ना है. मैं आपसे ये पूछ रहा हूं. फिर से पूछ रहा हूं... सुशांत ने आपसे कहा, घर छोड़ने के लिए. फिर आपने महेश भट्ट से ये क्यों कहा?
रिया: जी, सुशांत ने मुझे कहा उसका घर छोड़ने के लिए. क्योंकि आपको कोई बोलेगा यहां से चले जाओ. जाओ... आप प्लीज जाओ अभी. अभी आपका हो गया. मतलब आप अपना सामान ले जाओ.

राजदीप: पर आप दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे. ये एक इमोशनल रिश्ता था जो टूट रहा था?
रिया:
जी, जब मैंने आपकी देखभाल की है, पूरे एक साल से. जबसे आप बीमार हैं या नहीं हैं. इतना प्यार है हमारे बीच में. आज मेरी तबीयत खराब हो गई है. आज मुझे वही प्रॉब्लम हो रही है. जो कि... एक इंसान जो कि मानसिक बीमारी से जूझ रहा है. उसके गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड, पति-पत्नी को अक्सर.... एक दूसरे के साथ रहते-रहते. ये सेम प्रॉब्लम हो सकती है. ये जानते हुए आप कह रहे हैं कि आप जाइए. इससे मैं टूट चुकी थी. मैं पूरी खत्म हो चुकी थी. वैसे ही मुझे एंग्जायटी थी. ऊपर से मुझे पैनिक अटैक हो रहे थे. मैं पूरी तरह से टूट गई थी. मेरे में आगे बढ़ने का हौसला नहीं बचा था.

मैंने भट्ट साब से बात की क्योंकि मेरे लिए वो एक फादर फिगर हैं, उसके विपरीत जो लोगों ने हमारे रिश्ते को बना दिया है. अगर आप चैट पढ़ेंगे तो देखेंगे कि वो मुझे चाइल्ड बुलाते हैं और वो मुझे सर. (भावुक होते हुए.) मैंने उन्हें फोन किया ये बोलने के लिए कि सर मेरे में अब दम नहीं रहा. मैं आगे कैसे बढ़ूं. मैं क्या करूं? मुझे निकाल दिया उसने. अब मैं क्या करूं? उन्होंने बोला कि अपने पिता के बारे में सोचो. उनके लिए स्ट्रॉन्ग रहो. तुम नहीं टूट सकती. (रिया की आंखों में आंसू डबडबा आए)

इसी बात तो घालमेल करके, पहले तो मुझे उनकी गर्लफ्रेंड बना दिया. उनकी बेटी मेरी उम्र की है. चैट में लिखा है चाइल्ड और सर. (सुबकते हुए) दूसरी बात... क्या मैं किसी से सलाह भी नहीं ले सकती अगर मैं टूट जाऊं तो? क्या कोई मुझे ये नहीं बोल सकता कि डोंट ब्रेक. बी स्ट्रॉन्ग. ये एक क्राइम है?

राजदीप: तो जो इमोशनल व्हाट्सएप चैट आपके और भट्ट साब के बीच जिन्हें कुछ लोगों के द्वारा माना जा रहा है कि इनके बीच कोई रिश्ता होगा.. आप मुझे आज कह रही हैं कि महेश भट्ट आपके लिए किसी फादर फिगर की तरह थे. और कुछ नहीं था आप दोनों के बीच में. आपने उनको लेकिन फोन किया जब आपको लेकिन घर छोड़ना पड़ा?
रिया:
पहले मतलब, उसी दिन. किसी वक्त पर. और... जी हां, भट्ट साब से मेरी काफी लगातार बात होती आई है. जब से मैंने उनके साथ फिल्म की है. बल्कि सुशांत और भट्ट साब का रिश्ता भी बहुत खास था. वो उन्हें मेरे परे जानते थे. सुशांत भट्ट साब को 2018 में मेरे परे मिले हैं. उनकी कोई फिल्म के लिए बात हुई होगी. सुशांत ने बाकायदा ट्वीट भी किया है कि भट्ट साब से मिलकर मुझे इतना अच्छा लगा कि प्यार आ गया. ये एक ट्वीट है. उसकी बात कोई क्यों नहीं सुनता.

राजदीप: क्या भट्ट साब ने आपको सुशांत को छोड़ देने के लिए कहा?
रिया:
नहीं, और अगर उन्होंने ऐसा कहा भी होता तो कोई फर्क नहीं पड़ता. किसी को ये बोलना आसान नहीं होता है कि उसे छोड़ दो और वो सुन ले. ये दिल का मामला है.. ये कोई मजाक नहीं है. आज मैं भी अपने छोटे भाई को बोलूं कि आप अपनी रिलेशनशिप छोड़ दो. तो थोड़ी ना वो मेरी बात मानेगा. भट्ट साब ने मुझे कहा कि तुम टूट नहीं सकती हो. इस लेवल पर आकर. अगला लेवल मेडिकेशन है. अपने पिता के बारे में सोचो. मजबूत बनो. आप नहीं टूट सकती हैं इस तरह.

राजदीप: आप और सुशांत इस रिलेशनशिप में, साथ यूरोप चले गए थे. वहां ऐसे क्या होने लगा कि आपको लगा कि सुशांत की तबीयत खराब होने लगी? कब से आपको पता चला? आप अप्रेल से उनके साथ थीं, कब आपको पता चला कि शायद सुशांत डिप्रेशन से जूझ रहा है. उनको ड्रिपेशन मेंटल.... किसी तरह की मानसिक दिक्कत, संभावित रूप से बायपोलर जिसे कहते हैं. सुशांत को वो दिक्कत है. कब आपको ये पता चला? उस यूरोप के ट्रिप पर?

रिया: यूरोप के ट्रिप जाने वाले दिन सुशांत ने मुझे और सबको बताया कि उसको फ्लाइट में बैठने से बहुत क्लोस्ट्रोफोबिया है. इसके लिए वो एक दवाई लेता है. जिसका नाम है मोडाफिनी. और उसके पास वो दवाई हमेशा होती थी. उसने फ्लाइट में जाने से पहले वो दवाई खुद ही ले ली. उसे कोई प्रिस्क्रिप्शन वगैरह नहीं लेना पड़ा क्योंकि उसके पास पहले ही वो दवाई थी.

संभवतः वो हर फ्लाइट से पहले लेते होंगे. वहां पहुंच कर पहले हम पैरिस लैंड हुए. पहले तीन दिन सुशांत कमरे से नहीं निकला. जो मुझे काफी लगा कि क्या हुआ. वो बहुत एक्साइटेड था कि हम पेरिस जाएंगे ताकि कोई उसे नहीं पहचाने. ताकि वो मुझे अपना असली अंदाज दिखा सके. जो उसका फन नेचर था. कि मैं कितना फन हूं कि मैं सड़कों पर भी चल सकत हूं मैं ये भी कर सकता हूं. जो इंडिया में वो नहीं कर पाते थे.

लेकिन वहां जाकर वो रूम से नहीं निकले. उसके बाद जब हम दूसरी जगह गए स्विट्जरलैंड वो काफी ठीक थे. उनकी एनर्जी अच्छी थी, वो बाहर भी निकल रहे थे, वो खुश थे. उसके बाद जब हम इटली गए. हम लोग एक होटल में ठहरे. होटल का नाम- पलाजो मैग्नेनी फरेनी. ये एक भूतिया होटल है. ये हमें बुकिंग से पहले नहीं पता था. हमारे कमरे में एक अजीब सा डोंब जैसा स्ट्रक्चर था. उसमें अजीब-अजीब तस्वीरें थीं.

मैंने बोला कि यहां से चेकआउट करते हैं लेकिन वो नहीं माना. उसके बाद से उनकी हालत और थोड़ी थोड़ी खराब होने लगी. मतलब वो कमरे से बाहर नहीं निकलना चाह रहे थे पूरी ट्रिप के दौरान. मैंने उनसे बात की और उन्होंने मुझसे कहा कि 2013 में उनके साथ ऐसा हुआ था कि जब उन्हें एक डिप्रेसिव एपिसोड हुआ था. वो एक साइकैट्रिस्ट से मिले थे जिनका नाम शायद मिस्टर हरेश शेट्टी है. और उन्होंने ही सुशांत को ये मोडाफिनी वाली दवाई प्रिस्क्राइब की थी.

क्योंकि तब तक मुझे शक होने लगा था कि यार आपको क्या हुआ है? आपको बुखार है, आप क्यों नहीं.... क्या हो रहा है. तब उसने मुझे ये बातें बताई. साइकैट्रिस्ट से मिलने के बाद वो ठीक थे. बीच-बीच में उन्हें कई बार एंग्जाइटी एटैक आते थे. लेकिन अब वो काफी ज्यादा डिप्रेस और परेशान रहने लगे थे. तो हमें ये ट्रिप कट शॉर्ट करनी पड़ी. अगर आपका पार्टनर ठीक महसूस नहीं कर रहा है तो आप क्या करोगे आप वापस आ जाओगे.

राजदीप: आपने ट्रिप कटशॉट कर दी, ट्रिप में आपके भाई शोविक भी आपके साथ आए थे, कोई खास वजह? वहां दो लोग हैं जो एक दूसरे से प्यार करते हैं. आप यूरोप जा रहे हैं साथ में. आप अपने भाई शोविक को भी लेकर जाते हैं?

रिया: असल में शोविक और सुशांत के बीच भी काफी प्रेम था. कभी-कभी हम मजाक करते थे कि शोविक ही मेरी सौतन है. मुझे क्या पता था कि इतनी सारी बातें अब आकर खड़ी हो जाएंगी. उस वक्त पता नहीं हम कहां थे. शोविक, सुशांत और मेरी साथ में एक कंपनी फॉर्म हुई थी. ट्रिप से ठीक पहले. इस कंपनी का नाम था रियैलिटिक्स. R-H-E-A-L-I-T-Y-X.

इससे साफ जाहिर होता है कि सुशांत मुझे शायद थोड़ा पसंद ही करता होगा कि उसने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मेरे नाम के साथ जोड़ा होगा. या ये भी मैंने शायद उन्हें फोर्स किया होगा ये आरोप मुझ पर लग जाएं आगे जाकर. इस कंपनी में मैं मेरा भाई और सुशांत तीनों बराबर के पार्टनर्स हैं. पार्टनर बनने के लिए आपको तीनों लोगों को अपने अकाउंट से 33 हजार, 33 हजार, 33 हजार भरने होते हैं.

मेरे भाई के 33 हजार मैंने उसे ट्रांसफर किए ताकि वो भर सके. स्वाभाविक रूप से क्योंकि वो नौकरी नहीं कर रहा है. इसके अलावा इस कंपनी में कोई ट्रांसेक्शन नहीं हुई. हमारे इस इटली के ट्रिप में मेरे भाई ने हमें जॉइन किया क्योंकि ये जोर सुशांत ने डाला था. ये चैट भी मेरे पास हैं. प्लीज आजा, प्लीजा आजा, प्लीजा आजा. उसके कैट के एग्जाम थे और वो भी कनफ्यूजन में था कि मेरी बहन और उसका बॉयफ्रेंड साथ में हैं, तो मैं क्यों जाऊं.

राजदीप: क्योंकि ये एक इमेज आ गई है कि आपने और आपके परिवार ने सुशांत के पैसे पर ऐश करना शुरू कर दिया था, ये पूरा जो यूरोपियन ट्रिप था, सुशांत ने उसके लिए पूरे पैसे भरे थे. रिया, शोविक और चक्रवर्ती परिवार सुशांत के पैसे पर मौज कर रहा था? ये सही है या नहीं? कि सुशांत ने हर चीज के पैसे खर्च किए इस ट्रिप में?

रिया: नहीं, पेरिस में मेरा एक शूट था एक कंपनी के साथ. शियन. जो कि कपड़ों की कंपनी है उसका एक फैशन शो था. उसके भी चैट. सब प्रूफ हैं मेरे पास. उस फैशन शो को अटेंड करने के लिए मुझे पैरिस बुलाया जा रहा था. मेरी टिकटें बिजनेस क्लास और होटल की टिकटें बुक थीं नैचुरली. लेकिन सुशांत ने सोचा कि इसमें से यूरोप ट्रिप की जाए. तो उसने वो टिकटें कैंसिल करा दीं. जो कि मेरे पास हैं. अगर साबित करना पड़े तो.

उसने वो टिकटें कैंसिल कीं और फर्स्ट क्लास की टिकटें बुक कीं. और फिर बाकी की ट्रिप पर उसने होटल का बिल भरा. वो ऐसा करना चाहता था. मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं थी. मुझे चिंता इस बात की थी कि बहुत ज्यादा लंबा ट्रिप है. बहुत ज्यादा पैसे खर्च हो रहे हैं. लेकिन वो ऐसे ही किंग साइज जिया करता था.

राजदीप: आरोप ये है कि आप उनके पैसे पर अय्याशी कर रही थीं?
रिया: मुझसे पहले भी 6 लड़कों के साथ थाइलैंड एक ट्रिप पर गया था. जहां उसने 70 लाख रुपये खर्च किए और एक प्राइवेट जेट लेकर गया. ये सुशांत की लाइफस्टाइल चॉइसेज थीं. वो जैसे भी अपनी जिंदगी जीना चाहता है. उसमें आप कौन होते हैं बताने के लिए कि उसे कैसे जीना चाहिए. उसे 5 स्टार में रहना चाहिए और गर्लफ्रेंड को साथ ले जाना चाहिए कि नहीं. उसकी मर्जी ना? वो लड़कों को भी ले गया था ट्रिप पर. क्या उन्होंने ने भी उसे फोर्स किया.... ऐसा करने के लिए?? और जी नहीं मैं सुशांत सिंह राजपूत के पैसों पर नहीं जी रही थी. हम एक कपल की तरह रहा करते थे.

राजदीप: तो ये तीन कंपनियां, जो सुशांत के नाम पर हैं, दो में आप और आपके भाई डायरेक्टर हैं. आप कह रहे हैं कि कोई ट्रांजेक्शन उस कंपनी से नहीं हुआ. ये जो सुशांत का आइडिया था कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की कंपनी बनाई है. आप तीनों ने ये कंपनी क्यों बनाई? क्योंकि ये कहा जा रहा है कि कई अकाउंट्स हैं इस कंपनी के. अलग-अलग बेनामी अकाउंट आपके भाई के नाम पर हैं... और आप लोगों ने पैसा वहां से हड़प लिया है. सही.. गलत?
रिया:
प्रूफ क्या है इसका? ढूंढ लीजिए अकाउंट्स कौन से हैं? एक रुपया नहीं ट्रांसफर हुआ है. ना ही रियैलिटिक्स में और जिस दूसरी कंपनी की आप बात कर रहे हैं वो एक NGO है.... जो हम खोलना चाह रहे थे. जिसका नाम है फ्रंट इंडिया फॉर वर्ल्ड. जिसमें सुशांत बच्चों को मुफ्त में शिक्षा उपलब्ध कराना चाहता था. इस विषय में काम चल रहा था हमारा.

राजदीप: आपके पास विविड एंड रियैलिटी एक्स जिसे सितंबर 2019 में स्टैबलिश किया गया. जिसके लिए आपने एक लाख रुपये जमा किए. इसमें रिया, शोविक और सुशांत डायरेक्टर थे. आप कह रही हैं कि आपने 33-33 हजार....
रिया:
इसमें 66 हजार रुपये मेरे हैं. (हंसती हैं)

राजदीप: 66 हजार आपके हैं. 33 हजार उस कंपनी में सुशांत के हैं. एक फ्लैट खरीदा था इस कंपनी से... पनवेल में? सही है?
रिया:
(चौंकते हुए) नहीं. पूरी तरह गलत है ये.

राजदीप: ठीक है. दूसरी कंपनी. फ्रंट इंडिया फाउंडेशन फॉर वर्ल्ड. ये आप कह रहे हैं NGO की तरह थी. पेड अप कैपिटल एक लाख है और डायरेक्टर शोविक और सुशांत हैं?
रिया:
इसमें सुशांत 99 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है. शोविक इसलिए क्योंकि नाम के लिए आपको किसी को डालना पड़ता है. वो सिर्फ एक प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है.

राजदीप: तीसरी कंपनी, इंसालवेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड. गुरुग्राम में बेस्ड है लेकिन इसमें आपकी या आपके भाई की हिस्सेदारी नहीं है. मैं ये समझना चाहता हूं कि आरोप लगा है कि आपके भाई... ने विविड्रिज रियैलिटी एक्स कंपनी का पता 17 बार बदला था. क्या आप ये कह रही हैं कि इन कंपनियों में कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ था?
रिया:
ये पूरी तरह से बेबुनियाद बात है. जीरो ट्रांजेक्शन है उन दोनों कंपनियों में जिनसे मैं और मेरे भाई जुड़े हुए थे. एक रुपया ना आया है ना गया है. सिवाए उन 33 हजार के जिनके बारे में हम बात कर चुके हैं. इन कंपनीज के कोई फ्लैट कैसे होंगे जब कोई ट्रांजेक्शन ही नहीं आए हैं. ये पूरी तरह से बेबुनियाद और गलत आरोप हैं. मैं इस तरह के आरोप लगाने वाले लोगों से जानना चाहतीं हूं कि सबूत कहां हैं?

राजदीप: क्योंकि सुशांत सिंह राजपूत के परिवार ने कहा है कि आपने 15 करोड़ सुशांत सिंह राजपूत से लिए. ये उनके पिता की कंप्लेंट है जो पटना पुलिस में दायर है. 2019 में सुशांत के अकाउंट में 17 करोड़ रुपये थे. कुछ महीनों में 15 करोड़ ट्रांसफर हुए जिनमें से इन अकाउंट्स का कोई लिंक नहीं है. इसकी जांच होनी चाहिए कि ये पैसा कहां गया. आप पर एक तरह से आरोप ये है कि ये एक तरह से मनी लॉन्डरिंग था या फ्रॉड था. 17 करोड़ कहां गए? रिया?
रिया:
यही तो मैं पूछ रही हूं. कहां हैं वो 17 करोड़ जो मेरे बैंक अकाउंट में दिखने चाहिए? और मेरी जांच हो रही है. मुझे मुंबई पुलिस जांच कर चुकी है. मेरी ईडी जांच कर चुकी है. आगे जाकर सीबीआई भी करेगी. और उसके आगे जाकर अब सुनाई दे रहा है कि NCB भी करेगी. और मैं सारी जांचों में कॉपरेट करूंगी. आप मुझे बताइए... आप क्यों नहीं बताते कि ये 15 करोड़ कहां हैं? क्योंकि मेरे अकाउंट में नहीं हैं. अब जो मुझे समझ में आया है क्योंकि सुशांत की बैंक स्टेंटमेंट्स भी पब्लिक हो गई हैं... कि उसके अकाउंट में भी नहीं थे. और अगर उनके पिताजी कभी उनसे मिले ही नहीं हैं.. तो उन्हें कैसे पता कि ये 17 करोड़ आए थे उनके अकाउंट में या गए थे.

राजदीप: आपके नाम पर कुछ प्रॉपर्टी कही जा रही हैं. ईडी के मुताबिक आपकी एक प्रॉपर्टी जो खार ईस्ट में है. एक प्रॉपर्टी कही जा रही है रायगढ़ में. कि ये प्रॉपर्टी करोड़ों के हैं. और आपके इनकम टैक्स रिकॉर्ड के हिसाब से देखें तो नेटवर्थ आपका 10 लाख से 12 लाख... और 14 लाख होता है. तो इतने महंगे प्रॉपर्टी कहां गए.? खार में आपकी कोई प्रॉपर्टी है?
रिया:
जी, तो मैं सुशांत से मिलने से पहले खरीदने की कोशिश में लगी थी. उसका जो पेडअप मैंने दिया है... वो 72 लाख रुपये की प्रॉपर्टी है जिसमें से 50 लाख का लोन कराया गया था... HDFC बैंक के द्वारा. सारे कागज और प्रूफ मैं ईडी को दे चुकी हूं... और मेरे पास हैं. इसका बैंक लोन अभी भी भरा जा रहा है. मुझे 50 लाख रुपये अभी देने हैं. 17 हजार का मेरा EMI है मंथली. जो मैं अब पता नहीं कहां से दूंगी क्योंकि मेरी जिंदगी तो पूरी तरह से खारिज कर दी है सुशांत के परिवार ने.

दूसरी बात.. जो उसका पहला पेडअप कैपिटल है 20 या 30 लाख का वो मैंने अपनी बचत से भरे हैं. ये एक 300 स्क्वायर फुट का घर है. आप घुसेंगे खत्म हो जाएगा.

राजदीप: तो सुशांत सिंह राजपूत के जो अकाउंट थे, कोटक महेंद्रा, एचडीएफसी, स्टैंडर्ड चार्टर्ड. आप कह रही हैं कि इन तीनों अकाउंट से कहीं कोई पैसा नहीं गया आपके अकाउंट में? आपने ईडी को कहा है कि एक पैसा नहीं गया आपके नाम पर? सुशांत के अकाउंट से एक भी पैसा आपके या आपके परिवार के पास नहीं गया है?
रिया:
बिलकुल. जीरो रुपये ट्रांसफर हुए हैं सुशांत के किसी भी बैंक अकाउंट से मेरे परिवार के किसी भी सदस्य के अकाउंट में.... या मेरे अकाउंट में. सिर्फ मैंने एक बार अपने अकाउंट से सुशांत को 35 हजार रुपये ट्रांसफर किए थे क्योंकि एक दिन... मुझे पता चला कि उन्होंने प्यार मोहब्बत में मेरे हेयर एंड मेकअप के पैसे दे दिए थे. और मुझे लगा कि हाय नहीं. मैं ये वापस कर देती हूं. तो उन्हें बिना बताए ये मैंने उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए. ये इकलौता ट्रांसेक्शन है सुशांत के अकाउंट्स और मेरे या मेरे परिवार के सदस्यों में से किसी के भी अकाउंट्स में.

राजदीप: मैं फिर पूछना चाहता हूं कि क्या वजह है कि सुशांत के परिवार ने इतने गंभीर आरोप आप पर लगाए हैं. उनके पिता ने लगातार आरोप किए हैं. उनके व्हाट्सएप का जवाब भी आप नहीं देती थीं. उन्होंने कहा कि नवंबर में वो लगातार आपको व्हाट्सएप कर रहे थे. सुशांत से मिलना चाहते थे. आप उनको मिलने नहीं दे रही थीं. ये परिवार उनका आरोप लगा रहा है कि आपने सुशांत को सभी तरफ से घेर लिया था. उनके स्टाफ को आपने बदल दिया. आप एक तरह से सुशांत के लाइफ को कंट्रोल करना चाहती थीं. आप उनके परिवार को उनके नजदीक भी नहीं आने दे रही थीं?
रिया:
जी, ऐसा उनका कहना है. पर ऐसा बिलकुल भी सच नहीं है. क्योंकि, पहली बात तो. क्योंकि लास्ट में तो उनकी बहन के साथ थे ना, 8 से लेकर 13 तक. तो आइसोलेशन की बात कहां से आती है अगर मैं ही बोल रही हूं कि बहन ही आएं.

दूसरी बात. फरवरी में वो अपने जीजा जी ओपी सिंह से बांद्रा के एक कैफे में मिलकर अच्छे से खाना खा रहे हैं. बात कर रहे हैं. स्माइल कर रहे हैं. ये तस्वीर आपको पब्लिक डोमेन में मिल जाएगी. तो कहां आती है बात आइसोलेशन की. तीसरी बात, 20 जनवरी को वो चंडीगढ़ गए हैं रोड से. अपनी बहन और जीजा ओपी सिंह के घर रहने. अब वो एक रात या दो रात रहकर वापस आ गए. अगर मैं आपके.... भाई को आइसोलेट कर रही हूं. तो आप क्यों नहीं उन्हें रोकते? जब वो चंडीगढ़ आए हैं... आप क्यों नहीं उन्हें रोकते? (गुस्सा करते हुए) क्यों आए हैं वो वापस? वो नहीं रहना चाहते थे आपके साथ. उन्हें आप शायद नहीं पसंद हों. इसमें मेरी कोई गलती नहीं है. मेरे चैट पढ़ लीजिए उनके साथ. मुझे पता भी नहीं था वो वापस आ रहे हैं.

राजदीप: फरवरी में ओपी सिंह जी महाराष्ट् के एक पुलिस अफसर को व्हाट्सएप करते हैं कि मुझे लगता है कि मेरे भाई जो सुशांत की जो जिंदगी है वो खतरे में है. आप कुछ देखिए. कहीं न कहीं उन्हें भी संदेह था कि आपके साथ रहने से... उनके भाई की जिंदगी को कोई खतरा है ऐसा?
रिया:
देखिए वो एक ऑफिसर हैं जो यूनिफॉर्म में हैं. मुझे लगता है कि वो प्रोटोकॉल अच्छी तरह समझते होंगे. अगर उन्हें इतनी ही तकलीफ थी तो वो उनके साथ कैफे में बैठकर हंसते हुए मुस्कुराते हुए खाना क्यों खा रहे थे? उसी फरवरी के उसी टाइम ड्यूरेशन में. वो जाकर एक लिखित शिकायत दे देते. उनकी बात को कोई मान ही लेता. ये टैक्स्ट मैसेज में कहने से कि... उनको बुलाकर उनको पीटो. ये उनकी भाषा है. आप रिया को पकड़ लीजिए और उसे मारिए. ये है उनके मैसेज में. ये कहां से वैलिड हुआ?

राजदीप: रिया आपके और सुशांत के फैमिली के बीच में रिश्ते कैसे थे? और सुशांत के आपके परिवार के साथ कैसे रिश्ते थे?

रिया: मेरी सुशांत की फैमिली के साथ रिश्ते अच्छे नहीं थे. क्योंकि अप्रैल में, जब मैं सुशांत को मिली थी 2019 में, तो शुरू में उनकी बहन प्रियंका और उनके ब्रदर इन लॉ सिद्धार्थ... जो कि सुप्रीम कोर्ट के वकील माने जाते हैं. वो रह रहे थे सुशांत के साथ. उनकी बहन और मेरे साथ एक हादसा हुआ जो... उन्होंने काफी शराब पीकर. मुझे अनुचित तरह से गलत जगहों पर छूने की कोशिश की. (यहां पर प्रियंका की बात हो रही है) और अगले दिन मैंने सुशांत को... अगले दिन मेरा शूट था. मैं चेन्नई गई थी अपनी फिल्म के मुहूर्त के लिए. मैंने सुशांत को फोन पर बताया तो उसने बोला कि तुम क्यों चली गईं रात को? आधी रात को. मैंने बोला ऐसा-ऐसा हुआ मेरे साथ.

अगले दिन जब मैं चेन्नई में थी. तब सुशांत और उसकी बहन की आपस में खुद लड़ाई हुई इस बारे में. सुशांत ने मुझे मैसेज भेजे हैं. जो अभी भी पब्लिक डोमेन में हैं. जहां वो खुद कह रहा है कि मेरी बहन मुझे फिर से मैन्युपुलेट कर रही है. उसने इनफ्लुएंस किया है नशे में. और वो अपने ब्रदर इन लॉ को बोल रहे हैं कि सिड भाई आप भी जानते हैं किस तरह की हैं वो.

राजदीप: उन्होंने आपको मोलेस्ट करने की कोशिश की?
रिया:
जी.

राजदीप: आप इस बात पर अड़ी हुई हैं?
रिया:
पूरी तरह से.

राजदीप: यानि कि आप और सुशांत के परिवार में रिश्ते बिलकुल बिगड़ गए थे?
रिया:
शुरु से ही खराब थे. बल्कि उसके बाद वो वापस चली गईं और उन्होंने कोशिश की सुशांत पर केस करने की.

राजदीप: लेकिन अगर आप सुशांत से प्यार करती थीं तो आप परिवार के साथ घुली मिलीं क्यों नहीं? परिवार... आप सुशांत से इतना प्यार करती थीं और उनसे शादी एक दिन करना चाहती थीं. परिवार को साथ लेने की कोशिश आपने क्यों नहीं की?
रिया:
मैंने की कोशिश. जब नवंबर में वो वाटरस्टोन क्लब आए थे सुशांत को मिलने, जब उनकी तबीयत बहुत खराब थी. मैं बाकी बहनों को नहीं जानती थी. अगर प्रियंका के साथ मेरा रिश्ता खराब था या अच्छा था.... बाकियों के साथ तो कोई रिश्ता नहीं था? मुझे नवंबर में पता चला कि उनकी एक बहन मुंबई में भी रहती हैं. जिस वक्त वो लोग आए नवंबर में... मुझे तब एहसास हुआ कि इनकी एक बहन मुंबई में भी रहती हैं. मीतू जी. और जब उनकी बहनें आईं. बल्कि जो उनकी बड़ी दीदी हैं. मैंने उनके पैर छुए मिलते ही.

मैंने प्रियंका को गले लगाया वॉटर स्टोन में कि जाने दो जो भी हुआ. आपके भाई की मेंटल हेल्थ सबसे जरूरी चीज है. आप आ गईं. बहुत अच्छा हुआ. मैं यही तो सोच रही हूं. दो महीने से लड़का रो रो के आपको बुला रहा है कि दीदी मैं ठीक नहीं हूं आ जाओ... आ जाओ. आप क्यों नहीं आए? (हैरान होते हुए.) और आप उसे रातों रात वॉटर स्टोन में छोड़कर चली गईं. उस हालत में.?

अगर उन्हें लग रहा था कि मैं उसके लिए सही लड़की नहीं हूं. अगर उन्हें लग रहा था कि मैं उसे आइसोलेट कर रही हूं और वो डिप्रेशन में है. तो वो क्यों छोड़कर गईं उसे... वॉटरस्टोन में? क्या मैं वहां खड़ी थी? बंदूक लेके? कि आप निकलिए यहां से? नहीं ना? तो क्यों गए वो? जब वो चंडीगढ़ गया तो क्यों नहीं रोका उसे? लिखित शिकायत क्यों नहीं दी? जब बॉम्बे आए तो उसके साथ हंसकर खाना खाने की बजाए, आपने कंप्लेंट क्यों नहीं दी?

राजदीप: तो आप कह रही हैं कि जहां आपके रिश्ते सुशांत के परिवार से बिगड़ गए थे वहीं कहीं न कहीं सुशांत के रिश्ते भी उसके परिवार से बिगड़ गए थे? क्योंकि हमारे पास इतने वीडियो हैं जिसमें वो सब एक साथ हैं.. वो अपनी बहनों के साथ हैं. लग रहा है बड़ा.... नॉर्मल लग रहा है... सुशांत को देखकर लग रहा है कि वो खुश है. वो खुश नजर आ रहा है अपने परिवार के साथ. आज आप मुझे कह रही हैं कि वो रिश्ता उतना नॉर्मल नहीं था जितना लोगों को लगता है? वो वीडियोज देखकर तो हम सबको लगता है कि सामान्य रिश्ता है.
रिया:
ठीक बात है. पूरी तरह ठीक बात है. मैं भी ये मानना चाहती थी... कि उसके परिवार और उसका रिश्ता अच्छा है. मैं चाहती थी कि परिवार इनवॉल्व हो जाए. मैं चाहती थी कि परिवार मेंटल हेल्थ में भी इनवॉल्व हो जाए. परिवार सब समझे. लेकिन वो आते थे.... उनमें क्या अनबन होती थी... वो एक ही दिन में बिछड़ जाते थे. उनकी बहन मीतू जनवरी में चंडीगढ़ से आने के बाद.... उनकी बहन सुशांत के घर में रह रही थीं. मैंने उनके साथ कोशिश भी की. हमने साथ में एक ट्रांसिडेंटल मेडिटेशन का कोर्स किया है. 6 दिन. अगर उनको मुझसे इतनी नफरत थी... तो वो मेरे साथ 6 दिन पैन केक, पिज्जा और ट्रांसिडेंटल मेडिटेशन क्यों कर रही थीं वो? ये कैसा आइसोलेशन हुआ?

राजदीप: और उनके पिता? सिंह साहब?
रिया:
सुशांत सिंह राजपूत और उनके पिता जी के रिश्ते. सुशांत के शब्दों में कहूं तो बचपन से ही काफी अच्छे नहीं थे. क्योंकि उनके पिता ने उन्हें बहुत युवा उम्र में छोड़ दिया था. वो अपनी मां को बहुत चाहते थे और बहुत मिस करते थे. और क्योंकि उनके पिता जी ने उनकी मां को छोड़ दिया था इसलिए सुशांत इस बात से बहुत आहत हुआ था. स्वाभाविक रूप से कोई भी छोटा बच्चा अपनी मां के लिए ये बात जरूर फील करेगा. मेरे सुशांत की लाइफ में आने से पहले 2019 में... सुशांत अपने पिता से नहीं मिला था. पिछले 5 साल से. (खामोशी)

राजदीप: अब मुझे उस सवाल पर आने दीजिए... बार-बार मैं ये सवाल पूछ रहा हूं.. क्योंकि ये बार-बार आ रहा है. 'डिप्रेशन'. अब मुझे आज सच्चाई चाहिए. क्या सुशांत डिप्रेशन से जूझ रहा था? क्या सुशांत की तबीयत इतनी खराब हो गई थी कि आपको उनको इतने डॉक्टरों को मिलाना पड़ा. ये कब से डिप्रेशन में चले गए? क्योंकि ये सबसे जो बड़ा सवाल है. कि क्या वाकई सुशांत बायपोलर ट्रीटमेंट के लिए इतने डॉक्टरों के पास बंबई जा रहा था? क्या जरूरत थी? या आप उनको कह रही थीं कि नहीं सुशांत तुम डिप्रेशन में हो और उन्हें उन डॉक्टरों के पास लेकर जा रही थीं? जबरदस्ती लेकर जा रही थीं?
रिया:
मैं ऐसा क्यों चाहूंगी? अगर आप.... अभी इतने सारे आरोप लगे हैं मुझ पर... अगर मुझे सब इतना ही मतलबी समझते हैं. तो मेरी तो फिल्म है सुशांत के साथ. हम लोग एक फिल्म कर रहे हैं. मेरी लाइफ की सबसे बड़ी फिल्म. मैं क्यों नहीं चाहूंगी कि ये फिल्म हो? मैं क्यों नहीं चाहूंगी कि वो सब कुछ सही हो उस बीच में? मेरा प्यार और मेरा को-स्टार दोनों साथ ही साथ कमाल हों उस फिल्म में. सुशांत को डिप्रेशन था. उसको इतना ज्यादा एंग्जायटी शुरू में था. कि वो एक साइकैट्रिस्ट से खुद मिलना चाहते थे.

उन्होंने ये रिक्वेस्ट की. मुझे मेरी फैमिली में कोई ऐसी हिस्ट्री नहीं है. मैं इतनी ज्यादा परिचित नहीं थी उस वक्त मेंटल हेल्थ से और डिप्रेशन से और एंग्जायटी से. ये एक बहुत बड़ी चीज मेरी जिंदगी में आई है. मुझे फिर समझ में आया.... पहले मुझे लगा कि क्यों? ये ठीक है... चला जाएगा एक दो दिन में. फिर उसने जोर दिया कि उसे एक साइकैट्रिस्ट को मिलना ही है. और हम एक नहीं... हम चार-पांच जाने माने टॉप साइकैट्रिस्ट से मिले हैं जिनसे साथ सुशांत ने ट्रीटमेंट लिया. वो हिंदुजा हॉस्पिटल में एडमिट हुआ है डिप्रेशन के लिए अंडर डॉक्टर कर्सी छाबड़ा जो कि एक जाने-माने डॉक्टर हैं. उसके अलावा डॉक्टर परवीन दाता भी उनकी डॉक्टर रह चुकी हैं. क्योंकि वो ट्रेवल कर रही थीं तो सुशांत ने डॉक्टर कर्सी छाबड़ा पर शिफ्ट किया.

वो डॉक्टर को मिलकर खुद चुनता था कि वो फलां फलां डॉक्टर के साथ ट्रीटमेंट लेना चाहता है या नहीं. वो बातचीत के आधार पर इस चीज का फैसला किया करता था.

राजदीप: दवाइयां कौन दे रहा था? डॉक्टर दे रहे थे या आप दे रहे थे?
रिया:
डॉक्टर्स प्रिस्क्रिप्शन देते हैं. उस प्रिस्क्रिप्शन के बगैर आप कहीं से ये दवाइयां नहीं ला सकते हो. ये सब प्रिस्क्राइब दवाइयां होती हैं. 4 डॉक्टर और शायद 25 से 30 प्रिस्क्रिप्शन... हर हफ्ते. बल्कि आप एक हफ्ते देरी से भी वो दवाइयां नहीं ले सकते हो.

राजदीप: क्या आपने सुशांत के लिए डॉक्टर खोजे थे?
रिया:
नहीं, मैंने नहीं खोजे. 

राजदीप: क्या सुशांत आपसे मिलने से पहले इन डॉक्टरों से मिल रहा था या आपसे जब मिलने लगा उसके बाद उसने मिलना शुरू किया?
रिया:
2013 में उन्होंने मुझे बताया था कि वो एक साइकैट्रिस्ट से मिल चुके हैं. उसके बीच में मुझे नहीं पता कि वो किन किन से मिले होंगे या नहीं मिले होंगे. लेकिन हां वो एक दवाई जरूर लेते थे जो बाद में उन्हें डॉक्टर छाबड़ा ने प्रिस्क्राइब की तो मैंने बोला कि अरे ये तो वही दवा है. जो तुम लेते हो. और तब मुझे समझ में आया कि शायद वो किसी साइकैट्रिस्ट से मिले भी होंगे 2013 और....

राजदीप: सुशांत खुद जानते थे कि उनको इस तरह की मेंटल डिप्रेशन थी?
रिया:
जी, और उनकी जो मां हैं, जो गुजर गईं. जिनसे वो बेहद प्यार करते थे. और बल्कि मुझे लगता है कि उनके डिप्रेशन का बहुत एक बड़ी वजह ये है कि वो अपनी मां के बिना नहीं जी पा रहे थे. वो भी मेंटल इलनेस की शिकार थीं और उन्हें भी डिप्रेशन था. (भावुक होते हुए रिया बोलती हैं) और इसी कारण से असल में उनकी..... वो नहीं रहीं. (ग्लास उठाकर पानी पीती हैं)

राजदीप: ये मानसिक दिक्कत क्या कहीं न कहीं आपके रिश्ते के बीच में आ गया? कि आप कहीं न कहीं इस बात से लड़ रही थीं कि सुशांत मानसिक दिक्कत से जूझ रहे थे. आप दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे.. लेकिन इस प्यार के बीच जिस तरह से डिप्रेशन उन्हें हो रहा था. ये आपको धीरे-धीरे दूर हटाने लगा था.?
रिया:
असल में चीजें बिलकुल उल्टी थीं. इससे हम काफी करीब आ गए क्योंकि अगर आप किसी के लिए एक केयर टेकर बन जाते हो. किसी नर्स या किसी मां की तरह. आपको उनकी हर गलती माफ होती है. आपको उनसे... ऐसा... ऐसा प्यार हो जाता है कि उसमें कोई शर्तें नहीं होती हैं. आप उन्हें पूरी तरह समझते हो और वो भी अपनी... अपनी सारी सच्चाई आपसे शेयर करते हैं. जब कोई अपने डर आपके साथ साझा करे. ये असल में उस रिश्तो को पूरी तरह बदल कर रख देता है.

क्योंकि अब कोई फसाद और कोई झूठ नहीं रहा. और सुशांत ने मेरे साथ वो किया था और मैंने भी उसके साथ यही किया. हमारी एक कमाल की दोस्ती शुरू हुई और ऐसा नहीं था कि वो 24 घंटे डिप्रेशन में रहते थे. कुछ दिन उनके बहुत खराब होते थे. बल्कि दिसंबर में वो काफी ठीक हो गए थे. डॉक्टर कर्सी छाबड़ा की वजह से. और वो मैसेज भी हैं मेरे पास. कि मैंने डॉक्टर को मैसेज किया कि आखिरकार मैं ठीक हूं. मैं खुश हूं.

राजदीप: ये जितने भी मैसेज जो आपके और उन प्रोफेशनल डॉक्टर्स के बीच हैं. वो सारे क्या आपके पास हैं?
रिया:
सारे के सारे.

राजदीप: क्या ये मैसेज आपने ईडी के सामने रखे हैं? मुंबई पुलिस के सामने रखे हैं?
रिया:
जी

राजदीप: ...और अगर कल को सीबीआई आए या ड्रग्स कंट्रोल के लोग आएं तो आप उनके सामने रखेंगे?
रिया:
जी, ईडी ने पहले ही मेरे फोन के सारे बैकअप ले लिए हैं. मुंबई पुलिस ने मेरे सारे फोन्स देख लिए हैं. और जाहिर तौर पर मैं सीबीआई और एनसीबी को सब कुछ दूंगी. मैं यहां कॉपरेट कर रही हूं. लेकिन बाहर इतनी कहानियां बना रहे हैं कि मेरी मां अस्पताल में एडमिट होने वाली हैं कल.

(झुझलाते हुए) क्या मुझे अपनी बेगुनाही साबित करने का मौका नहीं मिलेगा? (आंखें लाल हो जाती हैं)

राजदीप: मिलेगा लेकिन आपने इतने दिन से अपनी बात नहीं रखी ना. इसीलिए मैं आपसे पूछ रहा हूं... आप कह रहे हैं कि क्या मुझे मेरी बेगुनाही लोगों के सामने रखने का मौका नहीं मिलेगा? हम आपको मौका दे रहे हैं. आपकी बात रख रहे हैं. लेकिन ये सवाल उठता है कि इतने हफ्तों से आप इतनी चुप क्यों रहीं? ये सवाल उठेगा ना? इसलिए लोगों को लगा है कि आप कहीं न कहीं कुछ छुपा रही हैं.
रिया:
खामोशी मेरी कमजोरी नहीं है. खामोशी मेरा सम्मान थी.... सुशांत के लिए. खामोशी मेरा सम्मान थी एक चल रही जांच के लिए. मेरी कोई ड्यूटी नहीं थी कि मैं मीडिया पर आकर या किसी शो पर आकर सब कुछ बताऊं. मेरी पहली जिम्मेदारी मुंबई पुलिस को थी. उसके बाद मेरी जिम्मेदारी ईडी को रही. अब सीबीआई है. अब आगे ये है पर... वैसे ही सब लोग सब कुछ लीक कर रहे हैं.

राजदीप: एक और सवाल, जो डिप्रेशन का जो सवाल है, क्या आपने कभी सुशांत के परिवार वालों को उनका इलाज कराने से रोका था? क्या आपने उनको कहा कि आप नहीं आ सकतीं इसमें?
रिया:
जी नहीं.

राजदीप: क्या आपने उनको सच्चाई बताई थी कि सुशांत इतने डॉक्टरों के पास जा रहा है. ये सब बताया था या...
रिया:
जी, जी. जब वो नवंबर में आए थे. मैं उनके साथ बैठी थी और मैं काफी खुश थी कि वो चंडीगढ़ जा रहे हैं उनके साथ. क्योंकि उनकी जो बड़ी बहन हैं. ओपी सिंह जी की वाइफ. उन्होंने कहा कि मैं सब जानती हूं मेंटल हेल्थ के बारे में. मैंने अपनी मां की भी देखभाल की है. और मैं बहुत आत्मविश्वास से भरा महसूस कर रही थी. और मैंने उन्हें बताया कि ठीक है मैम. ये लीजिए, ये हैं डॉक्यूमेंट, ये हैं प्रिस्क्रिप्शन, ये हैं डॉक्टर्स के नंबर्स, ये हैं दवाइयां. आप प्लीज टच में रहिएगा.

राजदीप: एक कहीं न कहीं आप पर ये आरोप इसी से होता है, जैसा कि मैंने पहले भी कहा कि आप सुशांत को कंट्रोल कर रही थीं. सब कुछ आप ही के जरिए हो रहा था. उनका स्टाफ, उनके पैसे, उनकी जिदंगी, जैसे ही आप एक साथ रहने लगीं, आपने स्टाफ बदल दिया, उसके बाद सुशांत बदल गया या आप बदल गईं लेकिन कहीं न कहीं आपने उनके परिवार को कट ऑफ किया. आपने क्यों ये सब बदलाव किया? सुशांत की जिंदगी में एक तरह से आपने कंप्लीट कंट्रोल करवाया.

रिया: ये पूरी तरह से आधारहीन बात है. सुशांत का जो स्टाफ है पिछले डेढ़ साल में. और जो लोग उसके साथ रहते थे. सिद्धार्थ पीठानी सुशांत.... सिद्धार्थ पीठानी सुशांत को मुझसे पहले से जानता था. जब मैं सुशांत के घर आई तो सिद्धार्थ पीठानी पहले से सुशांत के साथ रहते थे. दूसरे... जो मिरांडा. जो सुशांत के हाउस मैनेजर हैं. उन्हें सुशांत की बहन प्रियंका ने हायर किया. और वो भी मेरे पहले से थे. तीसरे उनके कुक केशव और उनके क्लीनर नीरज.. इन सबको सुशांत पहले से जानते थे.... दीपेश को सुशांत को पहले से जानते थे.

मैं इन लोगों को जानती भी नहीं थी, सुशांत ने मुझे इन लोगों से मिलाया. मैंने इन स्टाफ वालों को हायर नहीं किया. बिलकुल भी नहीं किया.

राजदीप: आप ये संदीप सिंह को जानती हैं जिनका नाम बार-बार आ रहा है?

रिया: जी नहीं. मैं नहीं जानती.

राजदीप: वो कहते हैं कि बड़े अच्छे दोस्त थे वो सुशांत के.

रिया: तो कहां थे वो पिछले डे़ढ़ साल तक... मैंने ना नाम सुना है उनका. ना कभी घर आए हैं. सुशांत के कॉल लॉग में भी मैं आपको गारंटी देती हूं कि उनका कोई नाम नहीं होगा. कोई जिक्र नहीं होगा.

राजदीप: ये जो आरोप है कि सुशांत को मिलने वाली फिल्मों में आपको हीरोइन बनाया जाए. कहीं न कहीं आप सुशांत पर दबाव बना रही थीं कि उसके जो डायरेक्टर्स हैं उनमें आपका भी रोल होना चाहिए. आप सुशांत का शोषण कर रही थीं और उसका इस्तेमाल कर रही थीं. ये आरोप आप पर लगे हैं? कि रिया चक्रवर्ती अपने करियर के लिए.. अपने परिवार के लिए... सुशांत सिंह राजपूत... एक आगे बढ़ता हुआ स्टार... को साथ उन्हें कंट्रोल कर रही थी. 
रिया:
आरोप तो लगा है लेकिन...

राजदीप: ये प्यार नहीं था. ये एक रिश्ता था जिसका आप फायदा उठा रही थीं?
रिया:
आप रूमी जाफरी जी से भी ये बात जरूर पूछिएगा कि किस वे में ये फिल्म बनते बनते बन रही थी. मेरी फिल्म चेहरे हो रही थी फिल्म सिटी में. जून या जुलाई 2019 में. सुशांत मुझे अक्सर छोड़ने आते थे सेट पर और मिलने आते थे सेट पर. वहां उनकी मुलाकात रूमी जाफरी जी से हुई. और उनका वहां पर एक कनेक्शन बना कि दोनों एक ही थिएटर ग्रुप में काम करते थे. उनका आपस में प्यार वाला रिश्ता शुरू हो गया. उन्होंने रूमी जाफरी जी को कहा कि पहले रिया और मैं... मुझे प्ले करना है आपके साथ नादिरा बब्बर जी वाला. लैला मजनू. और अन्नू कपूर सर भी उस प्ले को डायरेक्ट करेंगे और आप भी इस प्ले को लिखेंगे. उसके बाद आगे जाके सुशांत ने बोला कि नहीं प्ले में तो 10 महीने लग जाएंगे. मैं तो स्टार हूं. मुझे तो जल्दी करना है. फिर आगे भी काम करना है. तो हम एक फिल्म करते हैं.

एक दिन वॉटर स्टोन में बैठे-बैठे गोविंदा सर की फिल्म देख रहे थे. हीरो नंबर वन. और सुशांत ने बोला कि यार ये फिल्म किसने लिखी है.. मुझे उसके साथ काम करना है. उसने गूगल किया और उसे पता चला कि रूमी जाफरी ने लिखी है. तो उन्होंने खुद रूमी जाफरी को फोन किया. वो अकेले उनसे मिलने गए. उन्होंने बोला कि सर आप लिखेंगे. रिया एक्ट्रेस होंगी. मैं हीरो होऊंगा. करें? और सब लोग सहमत थे. सब लोग खुश थे.

........

राजदीप: आपको सुशांत की मौत की जानकारी कैसे मिली? 
रिया चक्रवर्ती:
14 को करीब दो बजे अपने भाई के साथ घर में थी, मेरी एक फ्रेंड हैं. उनका मुझे फोन आया था कि ऐसी अफवाह है, इसे रोको. सुशांत को बोलो की बयान दे...तब मुझे लगा कि ये कैसे हो सकता है. लेकिन 15 मिनट के अंदर ही सच सामने आ गया था.

राजदीप: क्या आप उनके घर गईं?
रिया चक्रवर्ती: 
नहीं, मैं उनके घर नहीं गई थीं. मुझे बताया गया था कि उनके अंतिम संस्कार के वक्त मेरा नाम नहीं था, इंडस्ट्री के लोगों का नाम था. लेकिन मेरा नाम नहीं था, क्योंकि उनका परिवार नहीं चाहता था की मैं वहां पर जाऊं.

राजदीप: क्या उनके परिवार ने कहा कि आप अंतिम संस्कार में नहीं आ सकती हैं..क्योंकि आप उनसे प्यार करती थीं?
रिया चक्रवर्ती: 
कुछ लोगों ने मुझे घर आकर समझाया कि तुम वहां नहीं जा सकती हो. अगर तुम गईं तो निकाल दिया जाएगा, इसलिए मत जाओ. लेकिन मेरे दोस्तों ने कहा कि आप एक बार बॉडी जरूर देख लें.

राजदीप: आप शवगृह गई थीं, जहां सुशांत की बॉडी रखी हुई थी और आपने कहा कि सॉरी बाबू?
रिया चक्रवर्ती: 
हां..और वहां पर कोई क्या कहेगा? अगर किसी की जान चली गई थी, आई एम सॉरी की आपने अपनी जान गंवा दी. आज भी मैं सॉरी हूं क्योंकि इस तरह की बातें हो रही हैं, मौत का मजाक बना दिया गया है. मैं सॉरी हूं क्योंकि आज उनके काम को याद नहीं किया जा रहा है.

राजदीप: आप शवगृह में कितनी देर तक रहीं?
रिया चक्रवर्ती: 
मैं 3-4 सेकेंड तक रुकी थीं, क्योंकि पोस्टमॉर्टम होना था. लेकिन जब एम्बुलेंस की ओर शव को ले जा रहा था, तो मैंने सॉरी कहा और सुशांत के पैर छुए.

राजदीप: एक खबर जो आ रही है, कि सिद्धार्थ पीठानी जो उनके हाउसमेट थे, उन्होंने सीबीआई को ये जानकारी दी है कि जून 8 तक, ये सीबीआई सूत्रों के जरिए. कि आपने आईटी वाले को बुलाकर हार्ड ड्राइव डिलीट करा दिया था? सुशांत भी वहा मौजूद थे. आपने ऐसा क्यों किया? क्या था? कोई ऐसी हार्ड ड्राइव है सुशांत के घर में जिसे आपने डिलीट किया?

रिया: ये पूरी तरह से आधारहीन आरोप है. ऐसी कोई हार्ड ड्राइव मेरे संज्ञान में नहीं है. कोई इंसान नहीं आया जब तक मैं थी. मेरे जाने के बाद अगर उनकी बहन जो 8 से लेकर 13 जून तक जो वहां थीं, उन्हें ये सारी बातें पता होंगी अगर ऐसा कुछ भी हुआ है तो. मेरी मौजूदगी में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

मुझे नहीं लगता है कि उसने ऐसा कुछ कहा होगा. मुझे लगता है कि ये फिर से एक नई कहानी रची जा रही है जैसे कि हर रोज एक नई कहानी रची जाती है जो कि पूरी तरह से आधारहीन होती है.

राजदीप: क्योंकि उस हार्ड डिस्क पर कई.... आपने तो आज हमें बताया है लेकिन ऐसा लगता है कि आपने फाइनल डिसीजन उस दिन ले लिया था. 'नो टर्निंग बैक' ये आपने कहा है आपके व्हाट्सएप में, मुझे लगता है शायद भट्ट साहब के साथ. क्या उस दिन आपने निर्णय लिया था कि भले सुशांत डिप्रेशन में हो लेकिन मैं अब यहां नहीं रह सकती?

रिया- मुझे बिल्कुल बहुत ज्यादा आहत और दुखी महसूस हो रहा था कि उन्होंने मुझे कॉलबैक नहीं किया. उन्होंने मुझे वापस नहीं बुलाया. क्या उसके लिए सब खत्म हो गया है? क्या बस इतना ही था? कि अब मैं बीमार हूं तो आप नहीं चाहते.... मुझे. तो नैचुरली अगर आपको कोई भी ऐसा बोले तो आपको बुरा तो फील होगा लेकिन ये जो आप रेफर कर रहे हैं शायद उसका इस बातचीत से कोई लेना देना है नहीं.

 

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