सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस समय जूलरी कंपनी तनिष्क के एक एड को घेरे में लिया गया है. इस एड को लव जिहाद जैसे टर्म्स को बढ़ावा देने वाला बताया गया और सोशल मीडिया पर इसे लेकर भारी विरोध देखने को मिला. इसके बाद तनिष्क को वो एड हटाना पड़ा. अब इस पूरे मामले पर बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की प्रतिक्रिया भी आ गई है. कंगना ने भी तनिष्क का विरोध किया है और इस एड पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
कंगना ने इस एड पर अपने विचार व्यक्त करते हुए लिखा- एड का जो कॉन्सेप्ट था वो उतना गलत नहीं था जितना उसका एग्जिक्यूशन गलत लगा. एक हिंदू धर्म की लड़की की शादी मुस्लिम परिवार में हुई. लड़की सहमे हुए स्वर में अपनी सास से पूछ रही है कि ये रस्म तो आप लोग के यहां मानी नहीं जाती है तो फिर क्यों हो रही है. क्या वो उस घर की नहीं है? क्यों उसे ये पूछने की जरूरत पड़ रही है. क्यों वो अपने ही घर में इतनी दबी-दबी सी लग रही है. शर्मनाक.
The concept wasn’t as much a problem as the execution was,the fearful Hindu girl apologetically expressing her gratitude to her in-laws for the acceptance of her faith, Isn’t she the woman of the house? Why is she at their mercy? Why so meek and timid in her own house? Shameful. https://t.co/LDRC8HyHYI
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) October 12, 2020
कंगना यहीं तक नहीं थमीं. इसके बाद इस मसले पर उन्होंने दो ट्वीट और किए. कंगना ने और कई दृष्टिकोण से तनिष्क के इस एड की निंदा की. उन्होंने कहा- ये एड कई मायनों में गलत है. वो महिला जो पहले से घर में रह रही है उसे स्वीकृति तब मिली जब उसके कोख में घर का वारिस आ गया. उसकी घर में क्या अहमियत है. ये एड सिर्फ लव जिहाद को ही नहीं प्रमोट करता बल्कि सेक्सिज्म को भी बढ़ावा देता है.
As Hindus we need to be absolutely conscious of what these creative terrorists are injecting in to our subconscious, we must scrutinise, debate and evaluate what is the outcome of any perception that is fed to us, this is the only way to save our civilisation #tanishq
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) October 13, 2020
हिंदू धर्म को लोगों को किया आगाह
इसके अलावा कंगना ने हिंदू धर्म के लोगों को आगाह करते हुए कहा- एक हिंदू होने के नाते हमें आतंकवादियों के इस कलात्मक अंदाज से भी दूर रहना होगा जो हमारे मनोभाव में ऐसे बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं. ये बहुत जरूरी हो गया है कि हम अपने इर्द-गिर्द की हर एक सोच को अच्छे से परखें और जानने की कोशिश करें कि इस तरह की विचारधारा हमें कितना प्रभावित कर सकती है और हमारा कितना नुकसान कर सकती है. यही एक रास्ता है जिससे हम अपनी सभ्यता हो बचा सकते हैं.