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'इंडिया नहीं भारत चाहिए...', देश के नाम पर बहस के बीच बोले टीवी के श्रीकृष्ण नीतिश भारद्वाज

इन दिनों इंडिया वर्सेज भारत पर चल रहे विवाद ने तूल पकड़ लिया है. एक पक्ष जहां इसे इंडिया के नाम को जायज ठहरा रहा है, तो वहीं दूसरा पक्ष चाहता है कि अब देश को भारत को गुलामी की मानसिकता से आजादी मिलनी चाहिए.

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नीतिश भारद्वाज
नीतिश भारद्वाज

नीतिश भारद्वाज जिन्होंने टेलीविजन में कृष्णा के किरदार को अमर दिया था. वो इन दिनों अपने थिएटर शो चक्रव्यूह को लेकर चर्चा में हैं. नीतिश अपने नाटक के सिलसिले में दिल्ली पहुंचे थे. इसी बीच चल देश के नाम को लेकर चल रही बहस पर भी नितीश ने अपनी राय रखी है. 

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मेरा वोट 'भारत' नाम को है

आजतक डॉट इन ने भारत और इंडिया के नामों के बीच चल रहे डिबेट पर जब नितीश भारद्वाज की  राय जाननी चाही कि भारत या इंडिया? में से टीवी के कृष्ण किस नाम को चुनना पसंद करेंगे? जवाब में नितीश कहते हैं, भारत...मैं चाहूंगा कि हमारे देश को भारत के नाम से ही पहचाना जाए. दरअसल मैं बता दूं, यह विष्णु पुराण से आया शब्द है. हमारी पहचान भी सनातन धर्म की वजह से ही विश्वभर में रही है. तो भारत नाम ही होना चाहिए. नीतिश आगे कहते हैं, वहीं इंडिया जो शब्द है, वो ग्रीक वर्ड इंडिका से आया है. जिसे ब्रिटिश द्वारा दिया गया है. इसलिए मेरा वोट भारत को ही है. बता दें, इससे पहले अक्षय कुमार ने भी इस पर तुरंत एक्शन लेते हुए अपनी अपकमिंग फिल्म का टाइटिल 'मिशन रानीगंज द ग्रेट भारत रेक्यू' को बदल दिया है. पहले 'इंडियन' रेस्क्यू था, जिसे बदलकर 'भारत' कर लिया गया है. 

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नितीश से जब हमने जानना चाहा कि आइडियोलॉजी को लेकर इंडस्ट्री दो हिस्से में बंटी है. एक आइडियोलॉजी के होने की वजह से काम मिलने में दिक्कत होती है? या दो अलग विचारधारा वाले एक साथ काम कर पाते हैं? इसके जवाब में नितीश कहते हैं, मैं बस यही कहना चाहूंगा कि यहां कुछ ही प्रोड्यूसर्स और एक्टर्स हैं, जो सामने आकर इंडियन ट्रेडिशन या एतिहासिक चीजों पर काम करना चाहते हैं. जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. 

वहीं नितीश की राजनीति में सक्रियता कम हो गई. इसकी कोई वजह? जवाब में कहते हैं, हां, ये बदलाव तो आते ही रहते हैं. जैसा कि मैंने अब कृष्णा ही मुझे सही वक्त पर सही रास्ता दिखाएंगे. 

क्या है मामला

जब से जी-20 में इंडिया की जगह भारत का नाम आया है तब से इस पर लगातार विवाद बढ़ने लगा हैं. बता दें कि PM मोदी ने शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति के साथ भारत नाम को जोड़ा है, जो पहले इंडिया नाम से था. इसको लेकर अब TMC ने बीजेपी पर सवाल खड़े किए हैं.

 

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