
'आत्मकथा लिखने की औकात नहीं, न ही मिजाज है, और न ही मूड. एक उपन्यास लिख रहा हूं.' अपनी आत्मकथा को उपन्यास की शक्ल देकर पीयूष मिश्रा ने असल में बता दिया है कि ये कितना कठिन काम है. ये आसान नहीं है, एक किताब (तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा) में अपने जीवन में घटी उन बातों और किस्सों का जिक्र करना जो आपको जाने अनजाने दर्द दे जाती हैं. जो दूसरों को मौका देती हैं, आपको जज करने का. लेकिन पीयूष मिश्रा ने ऐसा कर दिखाया है.
किताब के जरिए कल्पना और यथार्थ से टकराते हुए पीयूष ने अपने जीवन के उस हिस्से का जिक्र किया है, जिन्हें हर कोई अनछुआ-अनकहा ही छोड़ना बेहतर समझता है. तमाम बातों के साथ पीयूष ने इस किताब में अपने जीवन में आने वाले पहले और दूसरे प्यार का जिक्र भी किया है. साथ ही जिक्र किया अपनी लाइफ के पहले किस का और उसके बाद उमड़े आक्रोश के बादल का.
10वीं में हुआ जूनियर टीचर से प्यार
पीयूष उस वक्त दसवीं क्लास में थे. जब उन्हें उनकी जूनियर टीचर मिस जिंजर से प्यार हुआ. वो केरल की थीं और बेहद खूबसूरत थीं. टीचर अक्सर ही पीयूष को बुलाकर उनसे गाने सुना करती थीं. धीरे धीरे दोनों में नजदीकियां बढ़ गईं. खाना पीना भी साथ होने लगा, वो अपने प्रांत की चीजें पीयूष को खिलातीं. मस्ती मजाक के दौर में बात इतनी बढ़ गई कि टीचर ने पीयूष के गाल पर किस तक कर दिया था. वो हमेशा पीयूष से कहतीं कि तुम्हें 10 साल पहले पैदा होना चाहिए था.
एक दिन जब स्कूल में बहुत कम लोग बचे थे, छात्रों की भीड़ छंट चुकी थी. टीचर रोजाना की तरह पीयूष से गाना सुन रही थीं. लेकिन दोनों के अंदर एक सैलाब सा उमड़ रहा था. एक्टर अपनी किताब और इंटरव्यू के जरिए पहले भी बता चुके हैं कि उनकी खुद की चाची ने ही उनका यौन शोषण किया था. ये घटना पीयूष के दिलों-दिमाग पर छाई हुई थी. गाना गाने के बाद बात करते हुए पीयूष इमोशनल हो गए, ये देख टीचर भी भावुक हो गई थीं. दोनों करीब आ गए और लिप किस कर लिया.
लेकिन स्कूल में किसी ने ये देख लिया और पीयूष के परिवार में खबर कर दी. इसका रिजल्ट ये निकला कि एक्टर की उनके पापा ने डंडे से पिटाई की, उन्हें स्कूल से टर्मिनेट कर दिया गया. टीचर को भी सब कुछ छोड़कर अपने शहर केरल वापस जाना पड़ा.
प्यार में काट ली कलाई
दूसरी दफा जब पीयूष मिश्रा को प्यार हुआ तो वे कॉलेज में आ चुके थे. उस वक्त वे 20 साल के थे. पिता के कहने पर एक्टर ने डॉक्टरी में एडमिशन लिया था, लेकिन साथ ही कला मंदिर से आर्ट में भी रूचि जगाए हुए थे. जहां उनकी मुलाकात 28 साल की एक युवती से हुई, जिसकी मासूमियत और खूबसूरती पर वो फिदा हो गए थे. रोजाना उसे अपनी साइकिल पर बैठाकर घर से लेने और छोड़ने जाते, साथ ही रास्ते में चाट-गोलगप्पे का लुत्फ उठाते. क्योंकि ग्वालियर शहर छोटा था और पीयूष के पिताजी को लोग ज्यादा जानते थे. किसी ने ये खबर उनके घर तक पहुंचा दी. हालांकि दोनों दोस्त ही थे, और ये एकतरफा प्यार था, लेकिन उस जमाने में लड़की के साथ हमेशा घूमना फिरना बड़ी बात हुआ करती थी.
इस खबर को सुनते ही उनकी मां का पारा हाई हो गया. वो उस जगह पहुंच गईं, जहां वो काम करती थी और खूब खरी खोटी सुनाई. ये बात जब पीयूष को पता चली तो उन्होंने गुस्से में अपने हाथ की कलाई काट ली. किताब में पीयूष ने लिखा- ड्रॉइंग रूम में सब लोग बैठे थे. मैं सीधा अपने कमरे में घुसा और दरवाजा बंद किया. ताजा ब्लेड निकाली और नस काट ली. पीयूष ने लिखा- उस दिन से बाप -बेटे का रिश्ता खत्म हो गया था. उन्होंने ठान लिया था कि बस अब जिंदगी भर सर कहेंगे.
हालांकि इसके कुछ समय बाद पीयूष ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया और दिल्ली आ गए. यहां एक्टर की मुलाकात उनकी लाइफ पार्टनर प्रिया से हुई. यहां भी कहानी फिल्मी ही है, दोनों ने भागकर शादी की थी. बड़े-बड़े उतार-चढ़ाव से होते हुए कपल ने अपनी शादीशुदा जिंदगी के 28 साल पूरे कर लिए हैं. पीयूष और प्रिया के दो बच्चे हैं- जोश और जय.