सिंगर-कंपोजर बप्पी लाहिड़ी का मंगलवार को निधन हो गया. 69 साल की उम्र में बप्पी दा ने अंतिम सांस ली. आर्टिस्ट और म्यूजिक लवर्स शोक में डूबे हुए हैं. बप्पी दा का 'डिस्को किंग' के नाम से जाना जाता था. बप्पी दा ने ही भारत को डिस्को पॉप कल्चर से रूबरू कराया. इनके सदाबहार गाने ऐसे रहे, जिनपर आज भी लोग खुद को थिरकने से रोक नहीं पाते हैं. म्यूडिक इंडस्ट्री के लिए बप्पी दा का चले जाना, बहुत बड़ा लॉस है.
बप्पी दा रहे ऊषा उत्थुप के लिए स्पेशल
बप्पी लाहिड़ी और ऊषा उत्थुप ने साथ मिलकर कई एवरग्रीन गाने गाए हैं. सभी सुपरहिट हुए हैं. जब ऊषा उत्थुप को बप्पी दा के निधन की खबर मिली तो उन्हें यकीन नहीं हुआ. वह न्यूज सुनकर रोने लगीं. बांगला आजतक डॉट इन संग बातचीत में ऊषा उत्थुप ने कहा, "मैं उनके बारे में क्या कहूं... बप्पी दा सच में 'डिस्को किंग' रहे हैं. मुझे धक्का लगा जब बप्पी दा के निधन की खबर मुजे मिली. मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है कि ऐसा हो चुका है. वह इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं, मेरे लिए बहुत शॉकिंग न्यूज है. सच कहूं तो वह मेरे लिए अभी भी जिंदा हैं. मैं 50 साल से सिंगिंग की दुनिया में एक्टिव हूं. पिछले 40 सालों में मैंने 'रम्बा हो' और 'हरी ओम् हरी' गाना हर शो में गाया है. इसके अलावा 'कोई यहां आहां नाचे-नाचे', 'ऊरी ऊरी बाबा' जैसे गाने भी लिस्ट का हिस्सा रहे हैं. मैं गाने की कुछ लाइनें बप्पी दा के लिए कहना चाहती हूं, तोमाय अमी भालोबाशी तोमाय अमी चाय (मैं तुमसे प्यार करती हूं और तुम्हें चाहती हूं)."
ऊषा उत्थुप ने आगे कहा कि मुझे नहीं लगता कि बप्पी दा जिस इज्जत को डिजर्व करते थे, उन्हें वह मिली है. मेरी बहुत ही खूबसूरत यादें और स्पेशल मैमोरी उनके साथ रही है. वह एक 'ट्रेंड सेटर' थे. एक इलैक्ट्रॉनिक मशीन की मदद से बप्पी दा ने 'रम्बा हो' गाने को कंपोज किया था. 'डिस्को सॉन्ग' सुनकर पहले लोग हंसा करते थे, लेकिन बप्पी दा ने इस कल्चर के प्रति लोगों की धारणाओं को बदला है. आज भी 'आई एम अ डिस्को डांसर' गाना लोगों को पसंद है. मेरी और बप्पी दा की पेयरिंग काफी शानदार रही है.
शाम को ‘लंच’, तड़के ‘डिनर’ करते थे बप्पी दा, रुला देती है संघर्ष की कहानी!
ऊषा ने आखिर में कहा, "कोविड-19 पेंडेमिक से पहले मैं आखिरी बार बप्पी दा से मिली थी. इसके बाद से हम दोनों की बातचीत फोन पर ही हुई है. कई बार हुई है. उन्होंने मेरे से दो गाने भी गाने को कहे. मैं उस समय कोलकाता छोड़कर मुंबई नहीं जो सकी थी. ऐसे में उन्होंने मुझे कहा था कि वह मुझे ट्रैक भेज देंगे और मैं यहीं से रिकॉर्ड कर सकती हूं. मैंने उनसे कहा कि मैं खुद ये दोनों गाने करना चाहती हूं, जिससे किसी और को यह मौका न मिल जाए. बप्पी दा ने फिर मुझे संतावना दी थी कि कोई और यह गाने नहीं करेगा, हम दोनों ही साथ में इन गानों को करेंगे."
(रिपोर्ट- Soumita Chowdhury)