पिछले दिनों रणदीप हुड्डा की अपकमिंग फिल्म वीर सावरकर को लेकर एक खबर ने मीडिया की सुर्खियां बटोरी थी. कहा जा रहा था रणदीप ने इस फिल्म में अपने किरदार के लिए 26 किलो वजन घटाया है. यह भी लिखा गया कि इस पूरे चार महीने के वक्त रणदीप केवल एक खजूर और एक गिलास दूध का सेवन किया करते थे. सोशल मीडिया पर एक ओर जहां ये खबर आग की तरह फैली, तो वहीं दूसरी ओर रणदीप के इस डाइट प्लान पर लोगों के निगेटिव रिएक्शन भी रहे. कईयों का कहना था कि इस तरह के प्लान से लोगों की हेल्थ भी बिगड़ सकती है. ऐसे में जब हमने खुद रणदीप हुड्डा से उनके इस डाइट प्लान की हकीकत जानने की कोशिश की, तो उन्होंने मीडिया में चल रही खबरों को सरासर गलत बताया है.
आजतक डॉट इन से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान रणदीप कहते हैं, न्यूज जो आई है, वो बिलकुल भी सही नहीं है. मैं आपके जरिए सही इंफोर्मेशन देना चाहता था. देखो, बहुत सारे लोग अपना वजन घटाने की होड़ में लगे हैं. मुझे डर है कि लोग इस तरह की खबरों को पढ़कर कॉपी न करने लग जाए. मैं क्लैरिफाई करना चाहता हूं कि मैं दूध और डेट्स के डाइट पर नहीं था. यह बहुत ही खतरनाक है, इससे आपकी सेहत खराब हो सकती है. इसको बिलकुल भी फॉलो न करें.
रणदीप आगे कहते हैं, यह सच है कि इस किरदार के लिए मैंने 26 किलो वजन घटाया था. पहली बात तो यह कि आम लोगों को इतना वजन कम करने की जरूरत है नहीं. हम जैसे एक्टर्स को इस तरह के अग्रेसिव तैयारियों से गुजरना पड़ता है. मेरे साथ तो यह भी हो गया कि मेरी जो फिल्म तीन से चार महीने में बनकर तैयार होनी थी, उसे बनने में लग गए एक साल से भी ज्यादा. इस फिल्म के लंबे शेड्यूल की वजह से मुझे लगभग 7 महीने तक अंडरवेट रहना पड़ा था. उस दौरान मेरा वजन करीब 62 किलो के आसपास होगा. इतना कम वजन रखने की वजह से मुझे कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अव्वल, तो रिकवरी में ही बहुत मुश्किल हो रही है. इसके अलावा जॉइंट्स, डाइजेशन में दिक्कतें आने लगी थी. मैं ये किसी को ऐसी डाइट की सलाह नहीं देना चाहूंगा.
रणदीप आगे कहते हैं, इस दौरान मैंने अलग-अलग डाइट फॉलो की. मेरी बहन है डॉ अंजली हुड्डा, जो इंटरनल मेडिसीन स्पेशलिस्ट हैं. वो भी मुझे डाइट के दौरान एडवाइज करती रहती हैं. उनकी सलाह के बावजूद मुझे इतनी तकलीफ हुई है. मैंने इतने एक्सपर्ट लोगों के बीच में इस तरह का एक्सरसाइज और डाइट फॉलो किया है. इसलिए मेरी सलाह है कि आप बिना किसी एक्सपर्ट के मदद से इस तरह की चीजों में न पड़ें. वो कहावत है न कि आप जब ब्यूटी मैगजीन पढ़ने के बाद खुद को बदसूरत समझ बैठते हो. इसलिए अपनी हेल्थ और क्षमता को समझते हुए इस तरह की चीजों से दूर रहें. आप बेशक हेल्दी डाइट मेंटेन करें, लेकिन इस एक्स्ट्रीम लेवल पर जाने की सलाह तो मैं किसी को नहीं दूंगा.
अपने असल डाइट रूटीन पर रणदीप कहते हैं, मैंने इस दौरान पैलियो डाइट, इंटरमीटेंट फास्टिंग, वाइटमिन सप्लाईज, पांच दिनों में मुझे 6 से 7 किलो वजन घटाने थे. इन सारे प्रोसेस से मैं गुजरा हूं. वो भी एक्सपर्ट्स की निगरानी में. ये जो गलत खबर फैल गई थी, कि खजूर और दूध से वजन घटता है, वो बहुत ही अनहेल्दी है. मैं केवल डेट्स नहीं खाता था, मैं एग्स, चीले, नट्स, डार्क चॉकलेट जैसी चीजें अलग-अलग स्टेज पर खाया करता था. इस बीच मैंने अपने लिए चीट डेट भी तय कर लिए थे.
अपने इस ट्रांसफर्मेशन पर रणदीप कहते हैं, सावरकर साहब एक जट्ट नहीं थे. मुझे उनके किरदार में ढलने के लिए बहुत कुछ करना पड़ा था. इसलिए मैंने किया था. हां, मुझे केवल तीन महीने के लिए ही इस डाइट में रहना था, लेकिन दुर्भाग्यवश एक साल तक के स्ट्रेच में चला गया. जिसका खामियाजा मैं अभी भी भुगत रहा हूं. मेरा मसल्स की स्थिति खराब हो गई है कि जिससे मेरे घुटनों के मसल्स की लिगमेंट टियर हो चुकी है. मैं दोबारा इस तरह की अग्रेसिव डाइट नहीं करने वाला हूं.