बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की जमानत की सुनवाई इस समय सेशन कोर्ट में चल रही है. ड्रग्स केस मामले में एनसीबी ने अपना पक्ष रखा है. एनसीबी का कहना है कि कोर्ट तीनों (आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धानेचा) में से किसी भी आरोपी को बेल पर जमानत न दे.
एनसीबी ने कहा, "पूछताछ के दौरान जो चीजें सामने आईं हैं, उसमें आर्यन खान आरोपी पाए गए हैं. रिक़ॉर्ड में सामने आया है कि आर्यन खान विदेश में किसी व्यक्ति के कॉन्टैक्ट में बने हुए थे. वह इंटरनेशन ड्रग नेटवर्क का हिस्सा हैं. छानबीन आगे की जारी है." एनसीबी का यह भी कहना है कि अरबाज से आर्यन ड्रग्स लेते थे और आर्यन ने अरबाज के कनेक्शन से कई बार ड्रग्स खरीदी हैं. अरबाज मर्चेंट के पास से छह ग्राम चरस बरामद हुई है. सेक्शन 29 एनडीपीएस एक्ट के तहत दोनों ही आरोपी पाए गए हैं.
एनसीबी ने रखा अपना पक्ष
वहीं, आरोपी 17 और 19 नंबर (अचित कुमार और शिवराज हरिजन) ने आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट को ड्रग्स सप्लाई की. सभी एक बड़ी चेन का हिस्सा हैं, जिसमें ये चारों भी आरोपी पाए गए हैं. छानबीन के शुरुआती दौर में आर्यन खान से जुड़े कई लोग सामने आए हैं, जिनका इंटरनेशनल कनेक्शन मिला है. छानबीन के लिए हमें थोड़ा वक्त चाहिए. देखना होगा कि आखिर हम इस चेन को तोड़ने के लिए किस फॉरेन एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं. एनसीबी ने आगे अपने स्टेटमेंट में कहा कि एक आरोपी से मेफेड्रोन नामक पदार्थ को कमर्शियल मात्रा में सीज किया गया है. इन्हें आइसोलेशन में नहीं रखा जा सकता. ये सभी आरोपी हैं, क्योंकि कहीं न कहीं ये एक-दूसरे से कनेक्टेड हैं. ऐसे में किसी एक को जमानत मिलना सही नहीं. एनडीपीएस एक्ट के तहत इस आरोपी का कनेक्शन सभी गिरफ्तार हुए आरोपियों के साथ नजर आया है. इस समय यह शख्स कस्टडी में हैं और पूछताछ की जा रही है. इस शख्स की व्हॉट्सएप चैट्स और फोटोज के साथ कई चीजें फोन से निकलकर सामने आई हैं. यह शख्स ड्रग चेन में शामिल है और इससे ये गिरफ्तार हुए आरोपी भी जुड़े नजर आए हैं.
आर्यन खान को फिर जेल या बेल? NCB के जवाब से बढ़ सकती हैं मुश्किलें, सुनवाई जारी
पंचनामा में एनसीबी ने लिखा है कि आर्यन और अरबाज दोनों ही इंटरनेशनल क्रूज के ग्रीन गेट से गिरफ्तार किए गए हैं. बिना क्लासिक एमवी एक्स्प्रेस कार्ड के ये दोनों कैसे क्रूज में जा सकते हैं? अगर किसी को सजा सुनाई जाती है तो उसे एक साल की जेल हो सकती है, बशर्ते एनसीबी षडयंत्र में और जानकारी कोर्ट को मुहैया करा सके, तभी. सीसीटीवी फुटेज को भी सामने रखा जा सकता है, अगर कोर्ट डिमांड करता है तो. एनसीबी का कहना है कि अगर इन आरोपियों को बेल दे दी जाती है तो वह सबूतों से खिलवाड़ कर सकते हैं और सबूत भी मिटाने की कोशिश कर सकते हैं. सेक्शन 37 कठिन है, क्योंकि इन सभी पर इस समय सेक्शन 28 और 29 लागू हुए हैं.