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जब NH10 में अनुष्का शर्मा का डार्क-खूंखार अवतार देखकर दंग रह गई थी जनता, 'पाताल लोक' से है फिल्म का ये कनेक्शन

एक तरफ अनुष्का के पास 'पीके', 'सुल्तान' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में थीं, जो उन्हें दीपिका पादुकोण के टक्कर में खड़ा करती थीं. दूसरी तरफ वो 'सुई धागा' और 'परी' जैसी फिल्मों में एक्सपरिमेंट कर रही थीं. और इस एक्सपरिमेंट की शुरुआत जिस फिल्म से हुई उसे फिल्म लवर्स आज भी एक कल्ट थ्रिलर मानते हैं. ये फिल्म है 'NH 10'.

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जब NH10 में डार्क-खूंखार अनुष्का को देख दंग रह गई जनता
जब NH10 में डार्क-खूंखार अनुष्का को देख दंग रह गई जनता

बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा को आपने हाल ही में भारत-न्यूजीलैंड के क्रिकेट मैच में अपनी स्क्रीन्स पर देखा होगा. शायद आपने ध्यान ना दिया हो लेकिन अनुष्का को बड़े पर्दे पर नजर आए 7 साल से ज्यादा हो चुके हैं. वो आखिरी बार शाहरुख खान स्टारर 'जीरो' (2018) में बड़े पर्दे पर नजर आई थीं. लेकिन कमाल ये है कि स्क्रीन से दूर होने के बावजूद अनुष्का का नाम इंडस्ट्री की बड़ी एक्ट्रेसेज में गिना जाता है. 

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ऐसा मानने की एक बड़ी वजह ये है कि एक तरफ अनुष्का के पास 'रब ने बना दी जोड़ी', 'पीके', 'सुल्तान' और 'संजू' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में हैं, जो एक समय उन्हें दीपिका पादुकोण की टक्कर में खड़ा करती थीं. दूसरी तरफ अनुष्का 'सुई धागा' और 'परी' जैसी फिल्मों में अपने किरदार के साथ एक्सपरिमेंट करने से नहीं चूकती थीं. इस एक्सपरिमेंट की शुरुआत जिस फिल्म से हुई उसे फिल्म लवर्स आज भी एक कल्ट थ्रिलर मानते हैं. ये फिल्म है 'NH 10'. 

क्यों आइकॉनिक फिल्म थी NH 10?
अनुष्का शर्मा स्टारर 'NH 10', 13 मार्च 2015 को रिलीज हुई थी और इस साल ये फिल्म अपना एक दशक पूरा करने जा रही है. दस साल पहले अनुष्का की ये फिल्म अपने आप में एक अनोखी रिवेंज थ्रिलर बनकर आई थी. फीमेल लीड फिल्मों में तब वैसी हिंसा नहीं होती थी जैसी 'NH 10' में देखने को मिली. ऊपर से अनुष्का जिस तरह इस फिल्म में एक्शन में नजर आईं वो एक बहुत रॉ और खूंखार इमेज थी. रोड ट्रिप का प्लान बिगड़ने की कहानी पर 'NH 10' से एक साल पहले ही आलिया भट्ट की 'हाईवे' रिलीज हो चुकी थी. 

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उस फिल्म में आलिया का किरदार और उसका मंगेतर दिल्ली से हाईवे राइड के लिए निकलते हैं और उनका सामना मेवात से चलने वाले एक किडनैपिंग गैंग से हो जाता है. किडनैप हो चुकीं आलिया किडनैपर्स के कब्जे में रहते हुए दुनिया और जिंदगी को देखने की एक नई नजर डेवलप करती नजर आती हैं. अनुष्का की 'NH 10' में भी कहानी कुछ ऐसी ही थी, लेकिन बेसिक प्लॉट के बाद दोनों कहानियों के लीड किरदार अलग-अलग तरह से आगे बढ़ते हैं. 

'NH 10' में भी लीड किरदार यानी अनुष्का अपने पति के साथ रोड ट्रिप पर निकलती है. एक ढाबे पर दोनों एक कपल से टकराते हैं और उन्हें बचाने के चक्कर में उनकी ऑनर किलिंग के गवाह बन जाते हैं. ऑनर किलिंग करने वाले ताकतवर लोग हैं और अब वो इस कपल के पीछे पड़ जाते हैं और अनुष्का के पति को मार देते हैं. अनुष्का का किरदार क्राइम और क्रिमिनल्स के ऐसे दलदल में फंस जाता है, जो सामाजिक सम्मान की आड़ में धड़ल्ले से ऑपरेट कर रहे हैं. 

बचकर निकलना जब कोई ऑप्शन नहीं बचता तो कुछ ऐसा होता है जो स्क्रीन पर देखने वाले आज भी नहीं भूल पाते. अनुष्का शर्मा का किरदार 'NH 10' में अपने पति के मौत का बदला उन गैंगस्टर्स से लेता नजर आता है. फिल्म में अनुष्का जिस तरह तड़पा-तड़पा कर गैंगस्टर्स को मारती हैं, उस डार्क अंदाज में तबतक लोगों ने किसी एक्ट्रेस को नहीं देखा था. पेट्रियार्की, जेंडर का स्ट्रगल, गरीब-अमीर, गांव-शहर जैसी कई थीम्स को ये फिल्म बड़े सटीक तरीके से लिमिटेड समय में दिखाने में कामयाब रही थी.

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'पाताल लोक' से पहले का 'पाताल लोक'
डायरेक्टर नवदीप सिंह 2007 में बॉलीवुड की सबसे बेस्ट नॉएर फिल्मों में से एक 'मनोरमा सिक्स फीट अंडर' डायरेक्ट कर चुके थे. लेकिन उनकी अगली दो फिल्में 'बसरा' और 'रॉक द शादी' शूट शुरू होने के बाद बंद हो चुकी थीं. एक पुराने इंटरव्यू में नवदीप ने बताया था कि दो फिल्में बंद होने के बाद उन्हें समझ आ चुका था कि कागज से लेकर स्क्रीन तक एक कहानी को लाना, बॉलीवुड में एक बहुत बड़ा टास्क है. 

नवदीप और उनके राइटर सुदीप शर्मा जो कुछ भी लिख रहे थे उसमें कोई ना कोई दिक्कत हो जाती थी. तो उन्होंने सुदीप की लिखी 'NH 10' की कहानी के साथ अनुष्का शर्मा को अप्रोच किया. इस नीयत से कि टॉप एक्ट्रेस राजी हो जाए तो प्रोड्यूसर खोजने में आसानी होगी ऊपर से ये जिस स्टाइल की फिल्म थी, इसे शूट करना आसान था और बजट भी कम लगता. लेकिन अनुष्का ने मना कर दिया क्योंकि वो अनुराग कश्यप की 'बॉम्बे वेलवेट' में बिजी थीं. 

फिर ये स्क्रिप्ट राजकुमार राव और फ्रीडा पिंटो को पिच की गई, मगर उन दोनों ने भी मना कर दिया.मगर 'बॉम्बे वेलवेट' के डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने अनुष्का से 'NH 10' की स्क्रिप्ट और डायरेक्टर के बारे में बात की, तो अनुष्का ने फिर से स्क्रिप्ट पढ़ी. इस बार वो सिर्फ फिल्म में काम करने के लिए ही नहीं, बल्कि इसे प्रोड्यूस करने के लिए भी राजी हो गईं. 

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'NH 10' से ही अनुष्का ने अपना प्रोडक्शन हाउस क्लीन स्लेट फिल्म्स शुरू किया था (अब इसे उनके भाई चलाते हैं). बाद में अपने इसी प्रोडक्शन हाउस से अनुष्का ने 'पाताल लोक' भी प्रोड्यूस किया, जिसके राइटर 'NH 10' लिखने वाले सुदीप शर्मा थे. 'NH 10' के डायरेक्टर नवदीप सिंह, 'पाताल लोक' पर डेवलपमेंट कंसल्टेंट थे. 

मेवात के गैंगस्टर्स में फंसे सावित्री-सत्यवान 
'NH 10' में अनुष्का और उनके किरदार की कहानी को एक इंटरव्यू में नवदीप सिंह ने 'सावित्री-सत्यवान' की माइथोलॉजिकल कहानी से इंस्पायर बताया था. लेकिन इस कहानी में ट्विस्ट जरा अलग लेवल का था. जैसे सावित्री ने अपने मर चुके पति को दोबारा जीवित करवाने के लिए कड़ी तपस्या की थी, उसी तरह 'NH 10' में अनुष्का का किरदार अपने पति को बचाने के लिए कड़ी चुनौतियों का सामना करता है. लेकिन यहां उसे तपस्या या पूजा नहीं करनी, बल्कि भयानक हिंसा करनी थी. 

जब लड़कों की भीड़ से घिर गई थीं अनुष्का
'NH 10' का फील जितना रियल है उसकी एक बड़ी वजह ये थी कि इसे रियल लोकेशंस पर ही शूट किया गया था. एक इंटरव्यू में डायरेक्टर नवदीप ने बताया था कि उन्होंने ये फिल्म दिल्ली से सटे, हरियाणा के मेवात इलाके में की थी जो भयानक अपराधों और गैंगस्टर्स के लिए कुख्यात रहा है. शूट के वक्त कई बार ऐसी भीड़ जुट जाती थी जिसे हटाना मुश्किल था और हटाने की कोशिश करने पर वो गुस्सा होने लगते थे.

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'NH 10' के प्रमोशंस के दौरान एक्टर दर्शन कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक बार तो शूट पर जुटे लड़के काफी एग्रेसिव हो गए थे. शूट की लोकेशंस पर जुटी भीड़ में से कुछ लड़के अनुष्का को इम्प्रेस करने के लिए बाइक पर स्टंट्स करने लगे और कुछ हवा में फायरिंग करके दिखाने लगे. ये देखकर सब इतना डर गए थे कि आखिरकार उस दिन का शूट कैंसिल करना पड़ा था. नवदीप सिंह ने बताया था कि उस दिन सेट पर करीब 2000 लोग जुट गए थे. 

44 दिन में शूट हुई 'NH 10' फाइनली इस तरह बनकर तैयार हुई कि इसकी हिंसा सेंसर बोर्ड के गले की हड्डी बन गई. अनुष्का की फिल्म पहले 6 मार्च के दिन रिलीज होने वाली थी. लेकिन सेंसर ने फिल्म से कई सीन और डायलॉग हटाने को बोल दिया जिसे लेकर नवदीप बहुत खुश नहीं थे. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि सेंसर बोर्ड ने जो कट्स लगाए हैं उन्होंने फिल्म को हल्का करने के साथ-साथ इसका फ्लेवर भी फीका किया है. 

डायरेक्टर के हिसाब से 'NH 10' को सेंसर ने हल्का कर दिया था. लेकिन फिर भी फिल्म में अनुष्का ने जिस तरह का एक्शन किया था उसे देखकर लोग अवाक थे. इस तरह की हिंसा उस समय की मेनस्ट्रीम फिल्मों में हीरो भी बहुत ज्यादा नहीं करते दिखते थे. लेकिन यहां 'NH 10' में अनुष्का एक्ट्रेस होकर ऐसा कर रही थीं, ऊपर से अनुष्का ने ये सारा एक्शन खुद ही किया था. 

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करीब 18 करोड़ के बजट में बनी 'NH 10' ने बॉक्स ऑफिस पर 32 करोड़ रुपये से ज्यादा कलेक्शन किया था और कामयाब फिल्म रही थी. पिछले कुछ समय से 'NH 10' की तर्ज पर कई फिल्मों ने महिलाओं को रिवेंज ड्रामा में दिखाने की कोशिश की है, लेकिन अनुष्का स्टारर फिल्म जिस तरह हिट रही थी, वैसा कमाल अभी तक कोई दूसरी फीमेल लीड एक्शन फिल्म नहीं कर पाई है.

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