बॉलीवुड के 'हीमैन' धर्मेंद्र की दीवानगी फैंस में कई गुना ज्यादा है. उनकी एक्टिंग और चार्मिंग पर्सनैलिटी का हर कोई कायल है. 60 के दशक में फिल्मों में एंट्री करने वाले धर्मेंद्र ने अपने 60 साल से ज्यादा के फिल्मी करियर में खूब नाम कमाया. यूं तो कई लोग उनके फैन हैं, लेकिन धर्मेंद्र अगर किसी के फैन रहे हैं तो वो लेजेंडरी एक्टर दिलीप कुमार थे. धर्मेंद्र उनके इतने बड़े फैन थे कि वो खुद को दिलीप कुमार का भाई समझते थे. ऐसा उन्होंने खुद एक किताब में लिखा है.
जब दिलीप कुमार से मिले थे धर्मेंद्र
ऑटोबायोग्राफी 'दिलीप कुमार: द सबस्टेंस एंड द शैडो' में धर्मेंद्र बताते हैं, '1952 में मैं मुंबई कुछ समय के लिए आया था. उस दौरान मैं लुधियाना में पढ़ाई कर रहा था. पता नहीं लेकिन किसी कारण से मुझे ये लगने लगा था कि मैं और दिलीप कुमार का भाई हूं. मैं एक दिन उनके घर के बाहर खड़ा हुआ और मेरी किस्मत थी कि अगले ही दिन मैं उनके घर के अंदर चला गया.'
'मैं उनके घर के मेन गेट के बाहर खड़ा था. मुझे किसी ने भी अंदर जाने से नहीं रोका. उनके घर में लकड़ी की सीढ़ियां थीं जो सीधा उनके कमरे की तरफ जाती थीं. मुझे फिर किसी ने नहीं रोका. मैं ऊपर जाने लगा और वहां किसी एक कमरे के बाहर जाकर खड़ा हो गया.'
'मैंने एक गोरे, पलते और सुंदर से आदमी को अपने सोफे पर सोते हुए देखा. कुछ समय के बाद उसे आभास हुआ कि कोई अनजान आदमी उसकी तरफ देख रहा है. वो चौंककर उठा और वो इंसान और कोई नहीं बल्कि खुद दिलीप कुमार थे.'
'दिलीप कुमार ने मुझे देखा और चीखने लगे'
धर्मेंद्र ने आगे बताया कि दिलीप कुमार उन्हें देखते ही चिल्लाने लगे थे. वो ये मंजर देखकर काफी डर गए थे. उन्हें अपने किए पर बहुत पछतावा था. एक्टर ने बताया- वो खड़े होकर मुझे घूरने लगे. वो चौंक गए कि कैसे एक अनजान इंसान उनके कमरे में घुस गया और उन्हें उस तरह निहार रहा है. दूसरी तरफ मैं था जिसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो पा रहा था. मेरे सामने दिलीप कुमार, मेरे आइडल खड़े थे. उन्होंने अपने नौकर को बुलाया. मैं डर गया और सहमकर वहां से भाग गया और देखता रहा कि कोई मेरे पीछे तो नहीं आ रहा.
'थोड़ी दूर जाकर जब मुझे विश्वास हुआ कि मैं सुरक्षित हूं, तब मुझे लगा कि मैंने एक सितारे की निजी जिंदगी में दखलअंदाजी करके कितना लापरवाही वाला काम किया है. क्या हुआ अगर घर के गेट पर कोई वॉचमैन या घर का सदस्य नहीं था मुझे रोकने के लिए?'
धर्मेंद्र ने इसी किताब में बताया था कि उनकी मुलाकात दिलीप कुमार से सुपरस्टार की बहन ने करवाई थी. वो 1958 में एक कॉम्पिटीशन के विजेता बने थे जहां उनकी बहन भी पहुंची थीं. जहां उन्होंने उनसे रिक्वेस्ट की और फिर वो सुपरस्टार से उनके घर में मिल पाए. इसके कुछ सालों के बाद ही धर्मेंद्र ने फिल्मों में अपना पहला कदम फिल्म 'दिल भी तेरा, हम भी तेरे' से रखा. जिसके बाद वो लगातार फिल्मों में अपने हुनर के दम पर नाम कमाते रहे. लेकिन इस दौरान उन्होंने कभी दिलीप कुमार के साथ किसी फिल्म में काम नहीं किया था.