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सुरों की मल्लिका और म्यूजिक की दुनिया की कोहिनूर लता मंगेशकर अब हमारे बीच नहीं रहीं. अपनी मधुर आवाज से सभी का दिल जीतने वाली सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर स्वभाव से कोमल और विनम्र थीं. भले ही वे विश्व विख्यात थीं, लेकिन उन्हें कभी इस पर गुरूर नहीं हुआ. अपने प्यार भरे स्वभाव के कारण लता दीदी ने बारामती के एक सामान्य फोटोग्राफर श्याम शिंदे के दिल में भी अपनी खास जगह बना ली थी. उनकी मेहमान नवाजी ने फोटोग्राफर को बेहद इंप्रेस और खुश कर दिया था.
लता मंगेशकर को खास चिन्ह से किया गया था सम्मानित
ये दिलचस्प किस्सा 2001 का है, जब वरिष्ठ नेता शरद पवार के स्पेशल इनविटेशन पर स्वर कोकिला लता दीदी ने बारामती का दौरा किया था. उस समय मालेगांव सहकारी चीनी मिल के शिवनगर विद्या प्रसारक मंडल के नए भवन के उद्घाटन समारोह में लता दीदी शामिल हुई थीं. इस मौके पर शरद पवार ने लता मंगेशकर को एक खास चिन्ह से सम्मानित किया था.
कार्यक्रम के बाद शरद पवार फिर से विद्या प्रतिष्ठान पहुंचे थे. लेकिन उस समय लता मंगेशकर के कार्यक्रम की तस्वीरें देखने पर उन्हें लता दीदी की सम्मान चिन्ह वाली फोटो नहीं दिखी थी. इसके बाद शरद पवार ने तुरंत कार्यक्रम की तस्वीरें लेने वाले फोटोग्राफर श्याम शिंदे को बुलाया और उनसे इस बारे में पूछा.
दरअसल, कड़ी सुरक्षा की वजह से फोटोग्राफर लता मंगेशकर की प्रतीक चिन्ह लेते हुए मंच पर फोटो क्लिक नहीं कर पाए थे. यह सुनकर शरद पवार ने सीधे लता मंगेशकर को फोन किया और कहा- एक फोटोग्राफर आपके पास आएगा, वह सम्मान चिन्ह के साथ आपकी एक फोटो लेना चाहता है. लता दीदी ने भी इस बात पर अपनी सहमति जताई थी.
लता मंगेशकर ने खास अंदाज में की थी फोटोग्राफर की मेहमान नवाजी
फोटोग्राफर श्याम शिंदे अगले दिन पुणे में लता मंगेशकर के बंगले पर पहुंच गए. बंगले पर पहुंचते ही लता दीदी ने शिंदे से पूछा कि वो क्या लेना चाहेंगे. इतनी बड़ी शख्सियत की मेहमान नवाजी देखकर शिंदे खुशी से झूम उठे और उन्होंने चाय की पेशकश की. चाय आने तक लता मंगेशकर ने शिंदे के कारोबार के बारे में थोड़ी पूछताछ की.
बारामती के सबसे पुराने फोटोग्राफर शिंदे के पिता और उनकी फोटोग्राफी के बारे में सुनकर लता मंगेशकर ने उत्सुकता और उत्साह से उनके पुराने फोटोग्राफी बिजनेस के बारे में भी पूछ ताछ की. सामान्य फोटोग्राफर होने के कारण शिंदे लता मंगेशकर के उनके प्रति खास स्वभाव और प्यार से काफी खुश हो गए थे. उन्हें लगा कि इतनी विश्व प्रसिद्ध व्यक्ति उनके साथ सोफे पर बैठी हैं और उनसे पूछताछ कर रही हैं.
आज तक से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि लता मंगेशकर से उनकी सीधी मुलाकात का पल वो जीवन में कभी नहीं भूल सकेंगे. फोटो खिंचवाने का पल चंद मिनटों का था, लेकिन उनकी सादगी और मेहमान नवाजी हमेशा याद की जाएगी. उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर के निधन से समाज ने एक प्यार करने वाली इंसान को खो दिया है.