रेसलर संग्राम सिंह को स्वच्छ भारत अभियान का नया ब्रैंड एंबेस्डर चुना गया है. इसकी अनाउंसमेंट इंडियन गर्वनमेंट की ओर से आवास और शहरी मामलों के सचिव मनोज जोशी ने किया है. अपने इस नए रोल और भी कई मुद्दों पर संग्राम हमसे दिल खोलकर बातचीत करते हैं.
आजतक डॉट इन से एक्सक्लूसिव बातचीत पर संग्राम बताते हैं, मेरी हमेशा से यही कोशिश रही है कि लाइफ में डिसीप्लीन से रहूं. अगर कहीं नल खुला है और लाइट बिना वजह जल रही है, तो मैं उसे जाकर बंद कर देता हूं. मैं सरकार का बहुत शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे इसके लिए चुना है, तो मेरी यही कोशिश रहेगी कि उनके इस विश्वास को पूरी जिम्मेदारी से पूरा करूं. अपनी सीमा से बाहर जाकर काम करने की कोशिश करूंगा.
अपनी तैयारी पर संग्राम कहते हैं, मैं चाहता तो किसी शहर से भी इसकी शुरुआत कर सकता था, लेकिन मैंने सोचा सबसे पहले अपने घर व गांव से इसकी शुरुआत करूं. सरकार ने जब इसकी शुरुआत की थी, तो यकीन मानें, पिछले महीने पूरे हरियाणा स्टेट में मेरा गांव स्वच्छता में नंबर वन आया है. संग्राम आगे कहते हैं, मैं यह मानता हूं कि स्वच्छता का खतरा गांव में नहीं बल्कि शहरों में ज्यादा है. शहर में ज्यादातर इंसान चिप्स खाते रैपर बाहर फेंक देते, कोल्डड्रिंक पीते बोतल बाहर गिरा देते, गुटका या सिगरेट पीते, तो रास्ते में ही उसे फेंक देते, ये थोड़े ज्यादा पढ़े लिखे लोगों को समझाना ज्यादा मुश्किल हो जाता है. ये लोग पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं, वहीं गांव वाले भले डिग्री के साथ न हों, लेकिन समझ उनमें ज्यादा होती है.
संग्राम कहते हैं, मैं अपनी जिंदगी में कई ऐसे इंटलेक्चुअल लोगों से मिला हूं, तो देश के बारे में बड़ी-बड़ी बातें तो करते हैं लेकिन जमीनी हकीकत से वो काफी परे हैं. सही मायने में उन्हें पता नहीं कि हम कहां पर हैं और क्या कर रहे हैं.
श्रमदान अभियान के दौरान रेसलर अंकित काफी चर्चा में आए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी बातचीत की वीडियो भी वायरल हुई थी. अंकित का जिक्र करते हुए संग्राम कहते हैं, हां.. वो हमारे हरियाणा का बच्चा ही है. अंकित ने भी हमारी तरह बहुत ही साधारण परिवार से अपना शुरुआत किया है. जब मैंने उसका वीडियो देखा, तो उसके बारे कई बातें चली थी. वो यूथ को फिटनेस चैलेंज देकर उन्हें इंस्पायर करता है. ऐसे लोगों को तो और आगे जाना चाहिए. मुझे बड़ा अच्छा लगा कि सिंपल और साधारण सा लड़का आज प्रधानमंत्री जी से बात कर रहा है. मैं जल्द ही अंकित से बात करूंगा कि हम इस मुहीम में और क्या अलग कर सकते हैं और एक दूसरे को जोड़ सकते हैं.
देशभक्ति को लेकर मुखर रहे संग्राम कहते हैं, बुरा तब लगता है, जब किसी स्पोर्ट्सपर्सन को राजनीति ऐजेंडे में फंसाया जाता है. आप कुछ करें, तो भी परेशान होंगे और न करें तो भी आपको घसीटा जाएगा. मेरा मानना है कि आप सेल्फलेस होकर अपने काम पर लगे होते हैं, तो फिर आपको लोगों के जजमेंट की परवाह नहीं रह जाती है. हालांकि सोशल मीडिया पर मुझे भी ट्रोल किया जाता है. जब वक्त मिलता है, तो मैं उनके कमेंट्स पढ़ लिया करता हूं. इससे मुझे भी पता चल जाता है कि कौन-कौन सी अच्छी गालियां चल रही हैं, कौन से ताने फेमस है. बहुत ज्यादा गलत गालियां देते हैं, तो मैं कहता हूं कि भई ये टैलेंट कहां से लेकर आए हो.
संग्राम कहते हैं, हालांकि मैं कई बार उनकी बातों को सुनता हूं. कुछ लोग कहते हैं कि आपको निष्पक्ष होना चाहिए. आपको किसी पार्टी के लिए कुछ बोलना नहीं चाहिए. मैं उनकी बातों को भी सीरियसली लेता हूं.