scorecardresearch
 

Almost Pyaar with DJ Mohabbat film Review: Gen Z इश्क, लव जिहाद का ट्विस्ट, फिल्म में इम्प्रेसिव है विक्की

अनुराग कश्यप की फिल्मों का अपना मिजाज रहा है. हमेशा पर्दे पर डार्क, कॉम्प्लेक्स, ब्रूटल कहानियों को परोसने वाले अनुराग ने पहली बार आज के जनरेशन 'Gen Z' को अपने जेहन में रखकर लव स्टोरी लेकर आए हैं. अनुराग का यह एक्सपेरिमेंट कितना कामयाब रहा, जानने के लिए पढ़ें ये रिव्यू.

Advertisement
X
ऑलमोस्ट प्यार विथ डीजे मोहब्बत
ऑलमोस्ट प्यार विथ डीजे मोहब्बत
फिल्म:ऑलमोस्ट प्यार विथ डीजे मोहब्बत 
2.5/5
  • कलाकार : अलाया एफ, करण मेहरा, विक्की कौशल
  • निर्देशक :अनुराग कश्यप 

बॉलीवुड हमेशा अपनी फिल्मों के जरिए 'प्यार' की सटीक परिभाषा को तलाशता रहा है. हर डायरेक्टर ने अपने नजरिए से प्यार को दर्शकों के सामने परोसा है. अनुराग कश्यप ने अपनी फिल्म 'ऑलमोस्ट प्यार विथ डीजे मोहब्बत' के जरिए आज के जनरेशन की यूथ की लवस्टोरी को समझकर उसे पर्दे पर उतारने की कोशिश की है. 

Advertisement

कहानी 
डलहौजी में रहने वाली 16 साल की स्कूल स्टूडेंट अमृता(अलाया एफ) को डीजे मोहब्बत की बातों और गानों से इश्क है. वो उससे मिलने कॉन्सर्ट में जाना चाहती हैं. इस इरादे को पूरा करने के लिए वो 21 साल के याकूब (करण मेहरा) की मदद से भाग जाती है. दोनों ही मासूम हैं और उनका मकसद केवल डीजे मोहब्बत को सामने परफॉर्म करते देखना है. घर से भागे दोनों को इस बात का अंदाजा नहीं है कि पीठ पीछे ये अपने लिए कितनी मुश्किलें छोड़ आए हैं. परिवार वाले, मीडिया, पुलिस और समाज ने उनके इस मकसद को लव जिहाद का रंग दे दिया.

वहीं दूसरी ओर लंदन में रहने वाली आयशा (अलाया एफ) को वहां पब में प्ले करने वाले डीजे हरमीत (करण मेहरा) से एकतरफा प्यार हो जाता है. वो उसे पाने के लिए उसे झूठ तक बोलने में कोई ऐतराज नहीं है. एक दूसरे से लिंक उनकी कहानी का सूत्रधार है डीजे मोहब्बत (विक्की कौशल). अब इन दोनों की लव स्टोरी से क्रांति कैसे आती है? क्या अमृता और याकूब डीजे मोहब्बत से मिल पाते हैं? हरमीत और आयाशा की लव स्टोरी क्या मोड़ लेती है? इन सब सवालों का जवाब आपको थिएटर में मिलेगा. 

Advertisement


डायरेक्शन 
अनुराग कश्यप की फिल्में भले ही डार्क रही हों लेकिन उन फिल्मों में अंडरकरंट चल रही लव स्टोरीज को नकारा नहीं जा सकता है. अनुराग ने प्यार को हमेशा अलग अंदाज में परोसा है. ऐसी कॉप्लेक्स कहानियां जो समाज के दायरों में शायद फिट न हों और खासकर जो हमारे पेट्रियाकी सिस्टम को चैलेंज करे. डीजे मोहब्बत में भी अनुराग का वो एलिमेंट कहां छिपा रह सकता है. लव जिहाद, कट्टरता, पेट्रियाकी सिस्टम, होमोफोबिक जैसे गंभीर मुद्दों को अनुराग ने एक धागे में पिरोने की कोशिश की है. एक डायरेक्टर के तौर पर अनुराग ने इस फिल्म के जरिए आज की जनरेशन की नब्ज को टटोलने की कोशिश की है. इस फिल्म में अनुराग की निजी जिंदगी में पिता के रूप में एक्स्पीरियंस की कुछेक झलक मिलती है.

कैसी है कहानी? 

कहानी की बात करें, तो फर्स्ट हाफ कहानी के बैकड्रॉप को स्टैबलिश करने में गुजरता है. फिल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा खींचा सा है और दो कहानियों को समांतर रूप से दिखाने की वजह से स्क्रीनप्ले पर बिखराव, थोड़ा कंफ्यूजन साफ दिखता है. लेकिन सेकेंड हाफ में ऐसी उलझन महसूस नहीं होती है. और कहानी के जिस मोड़ पर फिल्म खत्म होती है, उसकी उम्मीद आपने नहीं की होगी. इस फिल्म में डीजे के रूप में विक्की कौशल फ्रेशनेस लाते नजर आते हैं. खासकर प्यार को लेकर बोले गए विक्की के सवांदों में गुलजार साहब का एक्स्पीरियंस और अनुराग के तंज का बैलेंस साफ नजर आता है. 

Advertisement

टेक्निकल 
फिल्म का मजबूत पक्ष है इसका टेक्निकली बहुत खूबसूरत होना और अमित त्रिवेदी की म्यूजिक ने तो इसमें सोने पर सुहागा जैसा काम किया है. फिल्म के सारे गाने आज की यूथ के टेस्ट और लाइफ स्टाइल को जेहन में रखकर लिखे गए हैं. चाहे वो 'नेटफ्लिक्स ऐंड चिल' की बात हो या फिर 'मोहब्बत से क्रांति आएगी' गानों के बोल में आज के लिंगो का बखूबी इस्तेमाल किया गया है. जो यूथ को काफी पसंद आएगा. साथ ही अमित ने इस बात पूरा ख्याल रखा है कि गाने की आत्मा पर इसका कोई प्रभाव न पड़े. Sylvester Fonseca की सिनेमैटोग्राफी ने लंदन, डलहौजी जगहों को सटीक तरीके से दिखाया है. सिल्वर स्क्रीन पर फिल्म को ब्लू और पिंक कलर पैलेट में रंगा गया है, जो फिल्म को थोड़ा डार्क दिखाती है. अनुराग की सभी फिल्मों के साथ रंग का एक्स्पेरिमेंट रहा है. कोणार्क सक्सेना फिल्म के फर्स्ट हाफ को थोड़ा एडिट कर क्रिस्प कर सकते थे. 

एक्टिंग 
एक परफेक्ट स्क्रिप्ट को अगर एक बेहतरीन एक्टर का सपोर्ट न मिले, तो फिल्म अधूरी सी लगती है. फिल्म का कमजोर पक्ष इसके एक्टर्स हैं. बेशक अलाया एफ ने एक स्कूल गर्ल से लेकर लंदन की टीनएज में खुद को बखूबी प्रेजेंट किया है लेकिन टिंगटॉन्ग ऐप बनी बेगम.. के रूप में इरीटेटिंग लगी हैं. अपने किरदार के संग अलाया ने इंसाफ किया है. वहीं डेब्यू करने जा रहे फिल्म के लीड एक्टर करण मेहरा को अपने एक्स्प्रेशन पर काम करने की सख्त जरूरत है. याकूब के किरदार में कुछ जगह में एक्सप्रेशन का ओवरडोज देते नजर आते हैं, तो वहीं डीजे हरमीत के रूप में कहीं अंडर एक्स्प्रेशन लगे हैं. आखिर के पंद्रह मिनट में उनकी एक्टिंग ने खामियों पर बैलेंस किया है लेकिन क्या फायदा, गाड़ी तो अपने प्लैटफॉर्म से कब की निकल चुकी है. मनमर्जियां फिल्म में इश्क में हारे विक्की कौशल के किरदार का स्पि‍नऑफ है डीजे मोहब्बत. जब-जब स्क्रीन पर आए हैं, उनकी सहज एक्टिंग से मोहब्बत होना लाजमी है.  

Advertisement


क्यों देखें
कहानी अलग है. एक वर्ग को देखकर लिखी गई है, तो जाहिर है इस फिल्म को एक मौका मिलना बनता है. लेकिन हां, अगर आप ये सोच कर जा रहे हैं कि विक्की कौशल की फिल्म है, तो बता दें कि निराशा हाथ लगेगी. 

 

Advertisement
Advertisement