Ardh Review: कई बार ऐसा होता है कि किसी फिल्म से आपको बहुत ज्यादा उम्मीद होती है. पर फिल्म वैसी नहीं निकलती जैसा कि आप सोचते हैं. 'अर्ध' की कहानी भी वैसी है. अर्ध देखने के बाद समझना मुश्किल है कि इसकी कहानी को कैसे समझाया जाए, लेकिन आप तक रिव्यू पहुंचाना भी जरूरी है. इसलिये चलिये बताते हैं कि आखिर राजपाल यादव और रुबीना दिलैक स्टारर फिल्म पर समय बर्बाद करना चाहिये या नहीं.
अर्ध की अधूरी कहानी
मायानगरी मुंबई में हर रोज कई लोग एक्टर बनने का ख्वाब लेकर आते हैं. इनमें से कुछ कामयाब होते हैं और कुछ नहीं. 'अर्ध' फिल्म भी मायानगरी की यही सच्चाई बयां करती है. मूवी की कहानी शिवा (राजपाल यादव) की लाइफ के स्ट्रगल को दिखाती है, जो दिन-रात एक्टर बनने का सपना देख रहा है. शिवा शहर में अकेला नहीं रहता है, बल्कि उसके साथ उसकी वाइफ मधु (रुबीना दिलैक) और एक बच्चा भी है. एक्टर बनने के लिये शिवा एक नहीं, बल्कि तरह-तरह के काम करता है. जैसे पार्वती नाम से किन्नर बनकर लोगों से पैसे लेना.
शिवा किन्नर बन कर पैसे कमाता है ये बात सिर्फ उसकी पत्नी मधु और दोस्त सत्या (हितेन तेजवानी) को पता है. शिवा अपना सपना पूरा कर सके इसके लिये मधु भी काम करती है, ताकि घर चलाने में अपने पति का हाथ बंटा पाये. दिन-रात मेहनत करने के बाद भी शिवा किसीऑडिशन में सेलेक्ट नहीं हो पाता, क्योंकि लोगों को लगता है कि उसमें एक्टर बनने का एक भी गुण नहीं है. जिंदगी की तमाम उलझनों और संघर्षों के बाद शिवा फिल्मी दुनिया का हीरो बन पाता है या नहीं. ये जानने के लिये आपको Zee 5 पर ये फिल्म देखनी पड़ेगी.
फिल्म में क्या अच्छा है?
'अर्ध' देखने के बाद ये बताना बहुत जरूरी है कि फिल्म में क्या अच्छा है और क्या खराब. अगर आप राजपाल यादव के फैन हैं, तो ये मूवी देख सकते हैं. वरना फिल्म देखने की और खास वजह है नहीं. 'अर्ध' में राजपाल यादव ट्रांसजेंडर के रोल में नजर आ रहे हैं, लेकिन इस रोल में उन्होंने ऐसा कुछ खास कमाल नहीं किया जिससे आपके मुंह से Wow... निकले. इसमें कोई दोराय नहीं कि राजपाल यादव बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर में से एक हैं, लेकिन फिल्म में उनके कैरेक्टर को मजबूती से नहीं गढ़ा गया है. वहीं दूसरी ओर 'अर्ध' टीवी की जानी-मानी एक्ट्रेस रुबीना दिलैक की डेब्यू फिल्म है, लेकिन मूवी देखने के बाद मन में यही सवाल आता है कि रुबीना कहां हैं.
पहली बात रुबीना को फिल्म में बहुत कम स्क्रीन टाइम मिला और जितना मिला भी वो अपने रोल में काफी फेक नजर आईं. हितेन तेजवानी का भी ऐसा ही हाल था. हितेन भी फिल्म में काफी कम समय के लिये दिखे.
क्यों ना देखें फिल्म?
'अर्ध' की कहानी पर बॉलीवुड में पहले भी तमाम फिल्में बनाई जा चुकी हैं. इसलिये इसमें देखने के लिये कुछ नया नहीं है. फिल्म का डायरेक्शन काफी अजीब और झूठा नजर आता है. वैसे ये फिल्म जी5 पर फ्री में देख सकते हैं, लेकिन समय की कीमत जानते हैं तो इस पर वक्त जाया ना करें, तो ही बेहतर होगा. वरना बाद में मत कहना कि बताया नहीं. फिर भी देखना है, तो एक बार देख कर दिल बहला सकते हैं.