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Bhaiyya Ji Review: खराब स्क्रीनप्ले ने ब‍िगाड़ा भैया जी का स्वैग, 100वीं फिल्म में निराश करेंगे मनोज बाजपेयी

मनोज बाजपेयी का अपना भौकाल बॉलीवुड में है. बिहार से आए मनोज ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग छाप छोड़ी है. ऐसे में हर किसी को उनकी 100वीं फिल्म का इंतजार था. अब मनोज बाजपेयी की 100वीं फिल्म 'भैया जी' रिलीज हो गई है. पढ़िए इसका रिव्यू.

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देसी सुपरस्टार मनोज बाजपेयी 
देसी सुपरस्टार मनोज बाजपेयी 
फिल्म:भैया जी
2/5
  • कलाकार : मनोज बाजपेयी
  • निर्देशक :अपूर्व सिंह कार्की

Bhaiyya Ji Review: मनोज बाजपेयी की 100वीं फिल्म का इंतजार था. अब मनोज बाजपेयी की 100वीं फिल्म 'भैया जी' रिलीज हो गई है. फिल्म के ट्रेलर से माना जा रहा था कि ये एक्शन से भरी फिल्म होने वाली है. भैया जी के किरदार में मनोज बाजपेयी का लुक को एकदम जबरदस्त था ही, साथ ही उनका ये अवतार भी एकदम नया था. लेकिन पर्दे पर जो देखने को मिला वो सोच से थोड़ा अलग था.

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क्या है फिल्म की कहानी?

बिहार के पूपरी, गांव सितामंडी के राम चरण उर्फ भैया जी का गांवभर में अलग भौकाल है. शांत स्वभाव के भैया जी को गांव में भगवान समान माना जाता है. एक वक्त था जब भैया जी ने अपने फावड़े से अच्छे-अच्छे को मौत के घाट उतारा है. लेकिन अब सालों से शेर शांत है. उसे एक ट्रैजडी ही जगा सकती है. भैया जी के दिल्ली में पढ़ने वाले छोटे भाई की हत्या हो जाती है. इस हत्या के पीछे एक ताकतवार बाप-बेटे हैं. ऐसे में भैया जी के बार-बार निवेदन करने पर जब बात नाहीं बनती तो वो नरसंहार का फैसला लेते हैं. अब कैसे भैया जी अपने बेटे जैसे छोटे भाई की मौत का बदला लेंगे, ये देखने वाली बात होगी.

परफॉरमेंस 

फिल्म में भैया जी के किरदार को मनोज बाजपेयी ने बखूबी निभाया है. इस बात में कभी कोई शक था ही नहीं कि मनोज इस दबंग और खूंखार किरदार को निभा सकते हैं या नहीं. लेकिन भैया जी का किरदार अपने आप में काफी कमजोर है. उनके इमोशन्स और रौब को मनोज बाजपेयी काफी अच्छे तरीके से पर्दे पर उतारते हैं, लेकिन फिर भी कहीं कमी रह जाती है.

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भैया जी की होने वाली पत्नी बनी हैं जोया हुसैन. जोया ने अपने किरदार को अच्छे से निभाया है. एक्ट्रेस भागीरथी बाई कदम, फिल्म में मनोज की छोटी अम्मा बनी हैं. भागीरथी की परफॉरमेंस भी काफी सही है. हालांकि छोटी अम्मा, भैया जी से चाहती क्या है ये उनके शब्दों में अलग और एक्सप्रेशन में अलग दिखते हैं. विपिन शर्मा, मगन के किरदार में हैं, जो एक पुलिसवाला और गुंडों का खबरी है. उन्हें देखना काफी मजेदार था.

जतिन गोस्वामी और सुविन्द्र विक्की ने मूवी में विलेन का रोल निभाया है. उनकी परफॉरमेंस बहुत कमाल नहीं है. तुलना की जाते तो जतिन का काम सुविन्द्र से थोड़ा बेहतर था. लेकिन दोनों ही खराब राइटिंग और वीक परफॉरमेंस के चलते इम्प्रेस नहीं कर पाए. फिल्म के बाकी सपोर्टिंग किरदारों का काम भी ठीकठाक है.

डायरेक्शन और राइटिंग 

अपूर्व सिंह कार्की ने 'भैया जी' का निर्देशन किया है. इससे पहले उन्होंने मनोज बाजपेयी के साथ 'सिर्फ एक बंदा काफी है' फिल्म की थी. उस फिल्म में जो दिक्कत थी, वही इसमें भी है. मनोज बाजपेयी ने अपना काम बखूबी निभाया है, लेकिन फिल्म का स्क्रीनप्ले कमजोर है. पिक्चर के पहले हाफ को देखने में फिर भी मजा आता है. सेकेंड हाफ में फिल्म 3 फ्लोर गिर जाती है और आप अपना सिर पकड़े उसके खत्म होने का इंतजार करने लगते हैं. इसके साथ ही मूवी का लाउड बैकग्राउंड स्कोर आपके कान फाड़ देता है. फिल्म 'भैया जी' के साथ ऐसा होने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन ये फिल्म आपको खुश कम और निराश ज्यादा करती है.

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