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पहले वीकएंड पर 1 करोड़ कमाए राजीव खंडेलवाल की सम्राट एंड कंपनी ने, जानें फिल्म के बारे में

टीवी के डैशिंग स्टार रहे राजीव खंडेलवाल की इस शुक्रवार रिलीज हुई फिल्म सम्राट एंड कंपनी बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी. ज्यादातर इंग्लिश मीडिया ने फिल्म की खिंचाई की और एक आध स्टार दिए. वहीं फिल्म की प्रमोशन भी ढंग से नहीं की गई. नतीजतन, फिल्म पहले वीकएंड पर बमुश्किल 1 करोड़ रुपये ही कमा पाई.

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राजीव खंडेलवाल की फिल्म सम्राट एंड कंपनी का प्रमोशन कमजोर रहा
राजीव खंडेलवाल की फिल्म सम्राट एंड कंपनी का प्रमोशन कमजोर रहा

टीवी के डैशिंग स्टार रहे राजीव खंडेलवाल की इस शुक्रवार रिलीज हुई फिल्म सम्राट एंड कंपनी बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी. ज्यादातर इंग्लिश मीडिया ने फिल्म की खिंचाई की और एक आध स्टार दिए. वहीं फिल्म की प्रमोशन भी ढंग से नहीं की गई. नतीजतन, फिल्म पहले वीकएंड पर बमुश्किल 1 करोड़ रुपये ही कमा पाई.

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सम्राट एंड कंपनी एक मर्डर मिस्ट्री पर बेस्ड फिल्म है. सम्राट तिलकधारी उर्फ एसटीडी मुंबई का एक डिटेक्टिव है. उसका साथी है चक्रधर उर्फ सीडी. सीडी सनसनी नुमा एक प्रोग्राम का एंकर भी है और फिल्म में फन एलिमेंट लाने के लिए तैनात किया गया है. सम्राट के पास पहुंचती है शिमला से एक लड़की. नाम है डिंपी. डिंपी को टेंशन है अपने पिता महेंद्र प्रताप सिंह की. महेंद्र एक बड़े विला में रहते हैं और कई दिनों से बीमार चल रहे हैं. विला में बगीचा सूख रहा है और कई अजीब चीजें हो रही हैं.

सम्राट और सीडी शिमला आते हैं और साहित्य प्रेमी महेंद्र के बड़े परिवार और आसपास के लोगों से मिलते हैं. फिर एक एक कर मर्डर और छानबीन का सिलसिला शुरू हो जाता है. इस दौरान मिमिक्री आर्टिस्ट, काम वाली बाई, पड़ोसन, प्रेमी, बाबा और मैनेजर, सब पर एक एक कर शक का फंदा कसता और खुलता है. पुराने शिकवे, साजिशें, संपत्ति का झगड़ा और सौतेलापन सरफेस पर आता है.

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डायरेक्टर कौशिक घटक ने फिल्म की स्क्रिप्ट हिंदी दर्शकों को ध्यान में रखकर तैयार की है. यानी यह शर्लाक होम्स और ऐसे ही कई इंग्लिश डिटेक्टिव जॉनर के जाने माने नामों से भरपूर प्रेरित है. इसी वजह से इंग्लिश फिल्मों के शौकीनों को सख्त हिदायत दी जाती है कि इसके आसपास भी न फटकें. लेकिन ये मुल्क सीआईडी सीरियल देखने वालों का भी है. उन्हें मेरी तरह इस फिल्म में कई चीजें मजेदार लगेंगी. फिल्म में एक दो गानों के ब्रेक को छोड़ दें तो ठीक ठाक पेस है, इसलिए मिस्ट्री बचती बढ़ती रहती है. हालांकि कई जगह अंदाजा लगाना आसान रहता है.

राजीव खंडेलवाल बहुत ज्यादा नाटकीय लगे हैं. उन्हें सुनकर ऐसा लगता है जैसे पारसी रंगमंच के दिनों का एक्टर अचानक जासूस बन गया हो और वनलाइनर मारने के फेर में फंसा रहता हो. राजीव के हेल्पर सीडी के रूप में गोपाल दत्त ने अच्छा काम किया है. मगर एक वक्त के बाद उनका किरदार भी दोहराव का शिकार दिखता है. फिल्म की कथित लीड एक्ट्रेस मदालसा शर्मा डिंपी के रोल में फिलर की तरह हैं और उन पर फिल्माया लव सॉन्ग जबरन और अझेल है. फिल्म में एक और आइटम सॉन्ग भी बर्दाश्त करना पड़ेगा.

फिल्म में गिरीश कर्नाड थे, मगर उन्हें जल्द चलता कर दिया गया. सुधांशु चटर्जी समेत बाकी एक्टर्स की भीड़ भी कामचलाऊ ही है. टाइमपास के लिए फिल्म देख सकते हैं, मगर ज्यादा उम्मीदों का बोझ लेकर न जाएं. जल्द ही फिल्म टीवी पर भी दिखाई देगी तो नहीं जाएंगे तो कुछ मिस भी नहीं करेंगे. शायद यही सोचकर जनता पहले वीकएंड पर फिल्म देखने नहीं गई. वीक डेज पर भी इसका उबरना मुश्किल ही लगता है.

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