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Film Review: बॉबी जासूस की जान हैं विद्या बालन

विद्या बालन की बॉबी जासूस रिलीज हो गई है. फिल्म में वे हैदराबादी जासूस के रोल में हैं. फिल्म को दीया मिर्जा ने प्रोड्यूस किया है. पढ़ें फिल्म का रिव्यू...

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बॉबी जासूस
बॉबी जासूस

स्टारः 3
डायरेक्टरः समर शेख
कलाकारः विद्या बालन, अली फजल, अर्जन बाजवा, सुप्रिया पाठक और किरण कुमार
बजटः लगभग 20 करोड़ रु.

विद्या बालन कैरेक्टर को जीना जानती हैं और उन्होंने बॉबी जासूस में यह दिखा दिया है. उनकी आंखों में, उनकी बातों और हाव-भाव में हर जगह बॉबी ही दिखती है. वह बॉबी जो इस समाज में अपनी शर्तों पर जीना चाहती है. अपनी पंसद का काम करना चाहती है. वह बेबाक है. किसी की परवाह नहीं करती है और उसे बनना है तो सिर्फ जासूस. फिर लेडी जासूस का कॉन्सेप्ट बॉलीवुड में एकदम नया है. 30 की उम्र की एक लड़की का समाज और परिवार से संघर्ष भी बेहतरीन चीज है. एक और खास बात, कहानी फिल्म में जहां विद्या के साथ कोलकाता एक कैरेक्टर के रूप में था तो बॉबी जासूस में हैदराबाद. 

कहानी में कितना दम
बॉबी (विद्या) को जासूसी करने का जुनून है और उसे बनना है तो सिर्फ जासूस. लेकिन उसके अब्बू (राजेंद्र गुप्ता) चाहते हैं कि उनकी 30 साल की बेटी यह पागलपन छोड़े और हर अच्छी लड़की की तरह अपना घर बसाए. लेकिन बॉबी अच्छी लड़की नहीं बनना चाहती. उसे तो अपना जुनून पूरा करना है. वह डिटेक्टिव एजेंसी खोलती है. फिर उसे एक ऐसा केस मिलता है, जिसमें वह उलझती ही चली जाती है. फिल्म का फर्स्ट हाफ जहां दिलचस्प है, वहीं सेकंड हाफ में जासूसी के साथ ही बाकी फैक्टर (परिवार, प्यार और भावनाएं) बहुत ज्यादा हावी होने लगते हैं.

स्टार अपील
विद्या बालन को किरदार जिंदा करना आता है. वह अपने इस हुनर को द डर्टी पिक्चर और कहानी में दिखा चुकी हैं. इस बार भी उन्होंने हैदराबादी बॉबी को परदे पर जिंदा कर दिया है. ऐसा लगता ही नहीं है कि विद्या ऐक्टिंग कर रही हैं. सब कुछ होता चला जाता है. उन्होंने फिल्म में 12 गेटअप लिए हैं और सारे ही अनोखे हैं. इस तरह के गेटअप अभी तक की बॉलीवुड की जासूसी फिल्मों में कम ही देखने को मिले हैं. अली फजल भी ठीक हैं. करने के लिए ज्यादा कुछ है नहीं. पिता के रूप में राजेंद्र गुप्ता भी बढ़िया है.

कमाई की बात
बॉबी जासूस को बहुत ही लिमिटेड बजट में बनाया गया है. फिल्म की लागत लगभग 20 करोड़ रु. बताई जाती है. इस तरह फिल्म काफी सेफ दिखती है. बॉबी जासूस का कैरेक्टर ऑडियंस से कनेक्ट करने का काम करता है लेकिन कहानी थोड़ा तंग करती है. अगर बॉबी ने दर्शकों को अपने चक्कर में उलझा लिया तो फिल्म अच्छा बिजनेस कर सकती है. बाकी वर्ड ऑफ माउथ भी मायने रखता है. लेकिन यह साफ है कि फिल्म पूरी तरह से विद्या के कंधों पर है.

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