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Film Review: सिर्फ सनी का तिलिस्म है एक पहेली लीला

सनी लियोन अपने ग्लैमरस अंदाज के साथ फिर से बॉक्स ऑफिस पर दस्तक दे रही हैं. आइए जानते हैं ग्लैमरस और हॉट सनी इस बार क्या लेकर आई हैं.

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रेटिंगः 2 स्टार
डायरेक्टरः बॉबी खान
कलाकारः सनी लियोन, जय भानुशाली, मोहित अहलावत, रजनीश दुग्गल और राहुल देव

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सनी लियोन का खुमार अभी उतरता नजर नहीं आ रहा है. बड़े स्टार बेशक उनके साथ काम करने से झिझकें या दूरी बनाकर रखने की कोशिश करें लेकिन छोटे सितारे और डायरेक्टर उन्हें हाथों हाथ ले रहे हैं. ऐसा ही कुछ 'एक पहेली लीला' में भी है. पूरी फिल्म में सनी ही सनी है. और सनी की वह आर्ट है जिसकी वजह से वह भारत में लोकप्रियता के मामले में बड़े-बड़े दिग्गजों पर भारी पड़ती हैः ग्लैमरस और सेक्सी अंदाज. पुनर्जन्म की इस कहानी में सनी के कई रंग देखने को मिलते हैं. लेकिन कहानी कमजोर है, सनी को अब एक्टिंग और थोड़ा कहानी पर ध्यान देना शुरू करना चाहिए.

कहानी में कितना दम
सनी लियोन (मीरा) लंदन की सुपरमॉडल है और अपने जीवन की कुछ परेशानियों की वजह से परेशान रहती है. उसे एक बार अपने प्रोजेक्ट से भारत आना पड़ता है. वह राजस्थान आती है और उसे कुछ चीजों का एहसास होने लगता है. मजेदार यह कि तीन सदी पहले मीरा लीला हुआ करती थी जो राजस्थान की लड़की थी. एक मूर्तिकार उसका दीवाना है. लीला किसी दूसरे लड़के से प्यार करती है. वर्तमान में भी उसे प्यार होता है लेकिन इतिहास पीछा नहीं छोड़ता और फिर अतीत और वर्तमान की जंग शुरू हो जाती है. कहानी बरसों पुरानी लगती है. नए पन का अभाव है. लगता है डायरेक्टर ने अपनी पूरी ताकत सनी को ग्लैमरस अंदाज में दिखाने पर झोंक दी है. फिल्म खिंची हुई लगती है और गाने बेमेल.

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स्टार अपील
सनी लियोन अगर स्क्रीन पर हो तो देखने वालों की नजरें बाकी चीजों पर कम ही जाती है. यह पूरी फिल्म सनी फैक्टर पर है, लेकिन सनी को आगे का सफर तय करने के लिए अपने एक्टिंग स्किल्स को थोड़ा और मांजना होगा क्योंकि दर्शकों को बांधे रखने की कूव्वत उनमें है, बस जरूरत है तो थोड़ा टैलेंट को निखारने की. उन्हें अपने फिल्मी करियर को सीरियसली लेना शुरू करना चाहिए. राहुल देव की ऐक्टिंग अच्छी है. मोहित अहलावत ने भी ठीक-ठाक वापसी की है. जय भानुशाली और रजनीश दुग्गल भी ओके हैं. लेकिन एक सनी सब पर भारी है.

कमाई की बात
फिल्म को भव्य बनाने की कोशिश की गई है. कई तरह के गाने हैं. लेकिन कुछ भी उस तरह असर नहीं डाल पाता जैसा डायरेक्टर ने कोशिश की है. डायरेक्शन कमजोर है. कहानी ढीली है. सबकुछ सामान्य है. सनी के फैन्स उन्हें गांव की छोरी के अंदाज में जरूर पसंद करेंगे. उन्होंने दोनों किरदारों को एकदम अलग ढंग से निभाया है. फिल्म में उन्होंने कहा है कि ग्लैमर इंडस्ट्री में सक्सेस का शॉर्टकट शॉर्ट स्कर्ट है, लेकिन वह इस शॉर्ट कट को काफी पहले अपना चुकी हैं, अब थोड़ा आगे बढ़ें. फिल्म का बजट 15 करोड़ रु. है, देखें बॉक्स ऑफिस पर सनी कितना चमत्कार कर पाती हैं.

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