फिल्म का नाम: कबाली
डायरेक्टर: पा रंजीत
स्टार कास्ट: रजनीकांत , राधिका आप्टे, विंस्टन चाव ,धंसिका, दिनेश रवि, किशोर , जॉन विजय ,
अवधि: 2 घंटा 30 मिनट
रेटिंग: 3 स्टार
रजनीकांत की फिल्म कबाली रिलीज हो गई है. हर कोई साउथ सुपरस्टार रजनीकांत के इस नए गैंगस्टर अवतार को देखने के लिए बेकरार हैं. लेकिन फिल्म देखने से पहले आइए जान लेते हैं कि आखिर कैसी है यह फिल्म:
कहानी
रजनीकांत जिन्हें लोग 'कबाली' के नाम से जानते हैं वह 25 साल बाद मलेशिया की जेल से रिहा होते हैं और उनके दुश्मन आज भी उन्हें खत्म
करने की साजिश में लगे है, कई बार कबाली पर हमला भी होता है पर हर बार दुश्मन के दांव पर भारी पड़ता है कबाली का वार.
हमेशा सूटबूट में रहनेवाला कबाली बिलकुल अकेला है, कबाली का अतीत बेहद खुशनुमा था पर दुश्मनों ने उसकी पत्नी (राधिका आप्टे) और होने वाले बच्चे
को खत्म कर दिया और उसे धोखे से जेल भिजवा दिया और अब वो 25 साल बाद मलेशिया से माफिया राज खत्म करने की ठान लेता है और इसी दौरान
अतीत के कुछ राज खुलते हैं, जिससे कबाली की जिंदगी में एक बार फिर खुशियां लौट आती हैं और आखिरकार सुपर स्टार रजनीकांत अपने दुश्मनों को
मात देने में कामयाब होते हैं.
स्क्रिप्ट
पहला हाफ काफी कसा हुआ है. फिल्म बांध कर रखती है, लेकिन इंटरवल के बाद कहानी की गति बहुत धीमी हो जाती है और फिल्म
बोरिंग लगने लगती है. कबाली अगर 20 मिनट छोटी होती तो बेहतर होती.
अभिनय
रजनीकांत फुल फॉर्म में है, बूढ़े डॉन के किरदार की बात करें या उनके फाइट करने के स्टाइल की या फिर उनके लुक्स की, वो लाजवाब
दिखते हैं. फिल्म के इमोशनल सीन्स में राधिका आप्टे ने भी बहुत अच्छा काम किया है हालांकि स्क्रीन स्पेस राधिका के पास कम है मगर रजनीकांत जैसे
सुपरस्टार की फिल्म में वे अपनी छाप छोड़ने में कामयाब नजर आती हैं.
कुलमिलाकर यह कहा जा सकता है कि फिल्म की प्रोडक्शन वैल्यू अच्छी है और सिनेमैटोग्राफी भी सराहनीय है. अगर सिर्फ कहानी की गति पर काम किया होता तो बात कुछ और होती, फिर भी निर्देशक पीए रंनजीत एक कर्मशियल एक्शन फिल्म बनाने में सफल हैं क्योंकि उनकी कमियां रजनीकांत के स्टारडम से छिप जाती हैं.