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Film Review: चिक फ्लिक है 'खूबसूरत'

अपनी फैशन सेंस की वजह से बॉलीवुड में खास पहचान रखने वाली अनिल कपूर की बिटिया सोनम कपूर की खूबसूरत आज रिलीज हो गई है. पढ़िए फिल्म का रिव्यू...

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रेटिंगः 2.5 स्टार
डायरेक्टरः शशांक घोष
कलाकारः सोनम कपूर, फवाद अफजल खान, किरन खेर, रत्ना पाठक और आमिर रजा हुसैन

खूबसरत चिक फ्लिक है. यानी ऐसी फिल्म जिसमें फीमेल लीड है और पूरी कहानी उसी के ईर्द-गिर्द बुनी गई है. यह अच्छा है कि सोनम कपूर अपने घरेलू प्रोडक्शन में उस जॉनर की फिल्में बना रही हैं जो अभी तक सिर्फ हॉलीवुड में प्रचलित था. उनके होम प्रोडक्शन की पहली फिल्म आयशा भी चिक फ्लिक थी और अर्बन इंडिया को अपील करती थी. खूबसूरत भी ऐसी ही फिल्म है जो इंडिया को अपील करती नजर आती है. बेशक रेखा की खूबसूरत जहां अपर मिड्ल क्लास की कहानी को कहती थी, वहीं सोनम की खूबसूरत पूरी तरह से एलीट हो जाती है. आयशा जेन ऑस्टिन के उपन्यास एम्मा पर आधारित थी तो खूबसूरत 1980 की फिल्म खूबसूरत का रीमेक है. फिल्म सामान्य है. यह हृषिकेश मुखर्जी की खूबसूरत का मॉडर्न अवतार है, लेकिन डायरेक्शन कमजोर है.

फिल्म की कहानी
सोनम कपूर नामी फिजियोथेरेपिस्ट हैं और आइपीएल के लिए काम करती हैं. एक दिन एक महाराजा हादसे की वजह से चलने से लाचार हो जाते हैं तो उन्होंने दोबारा पांव पर खड़ा करने के लिए सोनम को बुलाया जाता है. यहां सोनम की मुलाकात हुक्म चलानी वाली महारानी और बड़े ही खुश्क टाइप के उनके बेटे से होती है. और इस तरह कुछ ठंडे किस्म के लोगों के जीवन में गर्मी लाने के काम में सोनम जुट जाती हैं. खूबसूरत की कहानी को जो मॉडर्न लुक दिया गया है. वह मजेदार है. डिज्नी ने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया है तो कहानी परियों की दुनिया जैसी तो होनी ही है. 

स्टार अपील
सोनम कपूर की फैशन सेंस अच्छी है. फिल्म में भी ऐसा ही लगता है कि वे अपनी इसी सेंस को दिखाने की पुरजोर कोशिश कर रही हैं. फैशन ने उनका ध्यान ऐक्टिंग से हटा दिया लगता है. सोनम को थोड़ा ऐक्टिंग पर जोर देना होगा क्योंकि उन्हें पूरी तरह से रोल में घुसना नहीं आता. उनकी ऐक्टिंग बहुत सतही हो जाती है. फवाद बढ़िया लगते हैं. उनके कैरेक्टर में जिस तरह की इंटेनसिटी चाहिए थी, उन्होंने उसे डालने की पूरी कोशिश की है. रत्ना पाटक शाह ने अच्छा काम किया है. आमिर रजा मजेदार हैं. लेकिन किरण खेर को थोड़ा चेंज करना चाहिए. वह हर कैरेक्टर और खासकर मां के किरदार में लाउड हो जाती हैं. 

कमाई की बात
फिल्म अर्बन ऑडियंस या कहें मल्टीप्लेक्स ऑडियंस के लिए है. म्यूजिक अच्छा है. यूथ को कनेक्ट करता है. फैशन का तामझाम कुछ ज्यादा है. फिल्म कुछ हिस्सों में अच्छी लगती है. सोनम-फवाद की कैमिस्ट्री ठीक ही है. शहरी ऑडियंस अगर फिल्म से जुड़ता है तो फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कारोबार कर सकती है.

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