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Film Review: बैंग बैंग. ऊप्स, ये तो फुस्स हो गई

कोहिनूर चुराया है यार, कुछ तो इज्जत करो. 'बैंग बैंग' फिल्म का नायक राजवीर बार बार गुंडे बदमाशों से यह बात कहता है. और अब हम फिल्म बनाने वालों से कह रहे हैं. 'नाइट एंड डे' का रीमेक बना रहे हो यार. रितिक कटरीना का हॉट पेयर ले रहे हो यार. एक्शन पर इतनी मेहनत कर रहे हो यार. कहानी की भी कुछ इज्जत कर लेते.

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Hrithik Roshan and Katrina Kaif in Bang Bang
Hrithik Roshan and Katrina Kaif in Bang Bang

फिल्म रिव्यूः बैंग बैंग
एक्टरः रितिक रोशन, कटरीना कैफ, डैनी, जावेद जाफरी, पवन मल्होत्रा
डायरेक्टरः सिद्धार्थ आनंद
ड्यूरेशनः 2 घंटे 26 मिनट
रेटिंगः 2

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कोहिनूर चुराया है यार, कुछ तो इज्जत करो. 'बैंग बैंग' फिल्म का नायक राजवीर बार बार गुंडे बदमाशों से यह बात कहता है. और अब हम फिल्म बनाने वालों से कह रहे हैं. 'नाइट एंड डे' का रीमेक बना रहे हो यार. रितिक कटरीना का हॉट पेयर ले रहे हो यार. एक्शन पर इतनी मेहनत कर रहे हो यार. कहानी की भी कुछ इज्जत कर लेते.

'बैंग बैंग' फिल्म जबरदस्त पैकेजिंग मगर घटिया स्क्रिप्ट, कमजोर एक्टिंग और सुस्त स्क्रीनप्ले का पिटारा है. थोड़े ज्यादा को कम समझिए. हॉल में फिल्म खत्म होने के बाद कुछ ऊंघते तो कुछ सोते नजर आए. और बाहर के गलियारे में एक भाभी जी भइया जी से यह बोलतीं कि 'समझ ही नहीं आया, रोमांटिक फिल्म दिखा रहे हैं कि एक्शन. कर नहीं पाए ठीक से.'

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कहानी जो कहानी न हो पाई
एक कुख्यात आतंकवादी है. ओमार नाम है. वह ब्रिटेन से भारत की प्रत्यपर्ण संधि न हो पाए, इसके लिए कोहिनूर हीरे की चोरी का प्लान बनाता है. राजवीर नाम का चोर ऐसा कर दिखाता है. और फिर छुट्टियां बिताने शिमला चलाता है. वहां दादी की प्यारी हरलीन बैंक की फ्रंट डेस्क पर माथा फोड़ रही है. घूमनी है दुनिया, मगर यहां अटकी है. और तब आता है खुदा का बच्चा. राजवीर. इसके साथ होती है एक गलतफहमी की डेट. फिर गुंडे-बदमाश और भारतीय सीक्रेट सर्विस के लोग हरलीन के पीछे पड़ जाते हैं.ऐसे में राजवीर बेचारा, हरलीन को लिए लिए पूरी दुनिया न घूमे, तो आखिर क्या करे. आखिर में पता चलता है. राजवीर कौन है. उसका मकसद क्या है. क्या वह वाकई हरलीन से प्यार करता है. और हरलीन क्या करती है. वैसे ये सब पता करने के लिए आखिर तक के इंतजार की जरूरत नहीं. पहली रील में ही आगे की कहानी साफ हो जाती है.

एक्टिंग की बात मत कीजिए
फिल्म में रितिक रोशन की एक्टिंग औसत है. डांस के तो वह खुदा हैं. एक्शन भी अच्छा किया है. मगर एक चीज होती है, एक्टिंग. जो रितिक को आती है. मगर यहां नजर नहीं आई. और कटरीना. उफ्फ तौबा. दर्शक कितना भी कहानी में ये पेच डालें कि बचपन में कनाडा में थी. या पापा यूके सेटल हो गए थे. उनकी अटकी हुई हिंदी की कैफियत नहीं मिलती. कटरीना ने कॉमेडी करने की खतरनाक कोशिश की है. ईश्वर से प्रार्थना है कि आप मेरी तरह उसके हमले से सही सलामत बच निकलें. फिल्म के बाकी एक्टर भी औसत हैं.

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कमजोर नकल लगता है एक्शन
रितिक कटरीना रोमांटिक सीन्स में खूबसूरत दिखते हैं. मगर उनके रोमांस के चक्कर में फिल्म की रफ्तार की धन्नो लग जाती है. और फिर रही सही कसर बीच बीच में आते गाने पूरा करते हैं. गाने बिलाशक अच्छे हैं, मगर एक चीज होती है सिचुएशन. जो इन कर्णप्रिय सप्तकों के लिए जबरन पैदा की जाती है. फिल्म का एक्शन अच्छा है, मगर टुकड़ों में. मसलन, पानी में चेज का सीन सीट पर पकड़ मजबूत कराता है. इसीलिए शायद इसका इस्तेमाल फिल्म के ट्रेलर में किया गया. मगर ज्यादातर एक्शन सीन अंग्रेजी फिल्मों की कमजोर नकल लगते हैं. और कार. वह तो हमारे रोहित शेट्टी भइया इत्ती अच्छी उड़ाते हैं कि कोई क्या मुकाबला करेगा.

अजवाइन सी कॉमेडी है बस
'बैंग बैंग' टॉम क्रूज और कैमरून डियाज की 2010 में आई फिल्म 'नाइट एंड डे' का रीमेक है. उस फिल्म की खासियत थी एक्शन और कॉमेडी. रोमांस था, मगर बस उतना ही जितना मायके की खीर में मखाना होता है. मगर बैंग बैंग में एक्शन के ऊपर रोमांस का मोटा तेल जमा है. और कॉमेडी तो बस अजवाइन सरीखी एक आध जगह चिपकी है. जाहिर है कि अपच कोई नहीं बचा सकता.

ज्यादातर लोग फिल्म के आक्रामक प्रचार से प्रभावित होकर और लंबे वीकएंड को सार्थक बनाने के लिए 'बैंग बैंग' देखने जरूर जाएंगे. मगर यह एक एवरेज रेगुलर मसाला फिल्म है. अगर आप बहुत ज्यादा उम्मीदें लेकर जा रहे हैं तो निराशा हो सकती है, जैसा कि आज के हाउसफुल शो के बाद लोग लौट रहे थे. तो मेरी सलाह है कि जबरन लहालोट होने से बेहतर है कि अपने पैसों के 'बैंग बैंग' से बचें. ये चमकीली पन्नी वाला फुस्स पटाखा है.

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