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लम्बी, कमजोर और औसत फिल्म है 'दिल धड़कने दो'

जोया अख्तर ने 2009 में फिल्म 'लक बाय चांस' के साथ डायरेक्शन के क्षेत्र में करियर की शुरुआत की. उनकी इस फिल्म को सराहा गया. दो साल बाद 2011 में जोय 'जिंदगी ना मिलेगी दाबारा' लेकर आईं. इस फिल्म को भी दर्शकों ने पसंद किया और फिल्म को कई पुरस्कार भी मिले. अपने करियर के 6ठे साल में अब वह 'दिल धड़कने दो' के साथ एक बा‍र फिर हाजिर हैं.

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दिल धड़कने दो का एक सीन
दिल धड़कने दो का एक सीन

फिल्म का नाम: दिल धड़कने दो
डायरेक्टर: जोया अख्तर
स्टार कास्ट: अनिल कपूर, प्रियंका चोपड़ा, रणवीर सिंह, अनुष्का शर्मा, फरहान अख्तर, शेफाली शाह, राहुल बोस
अवधि: 170 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: 2.5 स्टार

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जोया अख्तर ने 2009 में फिल्म 'लक बाय चांस' के साथ डायरेक्शन के क्षेत्र में करियर की शुरुआत की. उनकी इस फिल्म को सराहा गया. दो साल बाद 2011 में जोय 'जिंदगी ना मिलेगी दाबारा' लेकर आईं. इस फिल्म को भी दर्शकों ने पसंद किया और फिल्म को कई पुरस्कार भी मिले. अपने करियर के 6ठे साल में अब वह 'दिल धड़कने दो ' के साथ एक बा‍र फिर हाजिर हैं.

कहानी:
जैसा कि फिल्म के ट्रेलर और टीजर से ही साफ हो गया था, यह कहानी है मेहरा परिवार की. कमल मेहरा यानी की अनिल कपूर परिवार के मुखिया हैं. फैमिली में वाइफ नीलम मेहरा (शेफाली शाह), बेटी आयशा (प्रियंका चोपड़ा) और बेटा कबीर मेहरा (रणवीर सिंह) हैं. मौका कमल और नीलम की शादी की तीसवीं सालगिरह का है और ऐसे में पूरा मेहरा परिवार समंदर की सैर पर निकल जाता है.

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आगे की कहानी 10 दिन की क्रूज पार्टी के इर्द-गिर्द घूमती है. पार्टी में मेहरा फैमिली के फ्रेंड्स और रिश्तेदार भी शरीक होते हैं. अब सामने है ढेर सारे लोग, एक बड़ा जहाज, समंदर का नीला पानी और ऊपर साफ आसमान. लेकिन इन सब के बीच यानी जहाज पर भी बहुत कुछ है. यहां कबीर की मुलाकात फराह अली (अनुष्का शर्मा) से होती है, जबकि आयशा को उसका पुराना दोस्त सनी (फरहान अख्तर) मिलता है. पानी की लहरों के बीच क्रूज आगे बढ़ता है और कई घटनाक्रम के साथ रिश्तों की असली पहचान भी होती है. गुत्थि‍यां सुलझती हैं, कहानी के एक मुख्य किरदार प्लूटो मेहरा (पालतू कुत्ता) से भी दर्शक रूबरू होते हैं.

क्यों देखें:
अगर आप अनिल कपूर, रणवीर सिंह, अनुष्का शर्मा और प्रियंका चोपड़ा के दीवाने हैं तो ये फिल्म जाकर देख सकते हैं. इससे इतर अगर आप क्रूज यात्रा का फिल्मी रूपांतरण देखना चाहते हैं तो ये आपके लिए एक विजुअल ट्रीट हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि जोया अख्तर अपनी पिछली फिल्मों के मुकाबले इस फिल्म को परोसने में कमजोर रही हैं.

क्यों ना देखें:
अगर आपको कट टू कट, मसालेदार और पैसा वसूल फिल्म की तलाश है तो 'दिल धड़कने दो' आपके लिए नहीं बनी है.

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