मूवी रिव्यूः किक
सुपर स्टारः सलमान खान
सुपर स्टार की हीरोइनः जैकलिन फर्नांडिस
एक्टरः रणदीप हुड्डा, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, मिथुन चक्रवर्ती, सौरभ शुक्ला, संजय मिश्रा, किरण जुनेजा
डायरेक्टर और प्रॉड्यूसरः साजिद नाडियावाला
राइटरः रजत अरोड़ा
म्यूजिकः हिमेश रेशमिया
ड्यूरेशनः 2 घंटा 26 मिनट
रेटिंगः 5 में 4 स्टार
किक सुपरस्टार सलमान खान की तरफ से आया सबसे शानदार और कंपलीट पैकेज है अब तक का. जिन्हें सलमान खान समझ नहीं आता. वह एक्टर नहीं लगता. उसकी फिल्में, उसके बयान, उसके डांस और उसका स्टारडम बकवास लगता है. वह कृपया आगे न बढ़ें और अपना इंटरनेट पैक बचाएं. क्योंकि आगे का विश्लेषण सलमान आधारित होने वाला है.
इस फिल्म में जबरदस्त एक्शन है. हालांकि कुछ जलभुक्के घंटों खर्चकर बताएंगे कि कौन सा सीन किस इंग्लिश फिल्म से उड़ाया गया है. जैसे मदारीपुर से लेकर मनकापुर तक सारी इंग्लिश पिच्चर रिलीज ही होती हों. खैर, किक में एक्शन के अलावा टिपिकल सलमान खान कॉमेडी है. फूं फां, पूं पां होती है और पब्लिक बेतहाशा हंसती है. कुछ कसर रह जाए तो एक महामोटे को भाई पेल देता है. हंसते हंसते. और पब्लिक हंसने लगती है. इस असर को द्विगुणित करने के लिए डर्टी पिक्चर और वंस अपऑन ए टाइम के किलर डायलॉग लिखने वाले रजत अरोड़ा के वनलाइनर भी हैं. जिनमें से ईदी और दिल में आता हूं तो पहले ही सूपर हिट हो चुके हैं. फिल्म में कुछ गाने हैं और वे जब आते हैं तब रफ्तार धीमी नहीं करते. कहीं दिलजलों को आहें देते हैं तो कहीं क्यूटी पाई गर्लफ्रेंड को सांसें.
फिल्म में कहानी जैसा भी काफी कुछ है और खूब सारे ट्विस्ट एंड टर्न देने की कोशिश की गई है. हालांकि अंत तो सबको पता ही होता है. फिर भी वहां तक पहुंचने की कवायद तेज और तीखी है. सलमान की तो फिल्म है ही. जैकलिन ने सोजिश भरी सुंदरता के जरिए ग्लैमर का कोटा पूरा किया है. नवाजुद्दीन ने इस विलेन के रोल के जरिए मेनस्ट्रीम सिनेमा में लहालोट एंट्री मारी है. बाकी तो जो जहां है. भरपूर हंसाता है ही.
किक सलमान खान का अपने फैंस को तोहफा है. वे फैंस जो जय हो से कुछ निराश हो गए थे. जो पतंगबाजी में उलझ गए थे. जो सिनेमा में संदेश देखने के आदी नहीं थे. यहां देसी डांस, धांसू रोमांस, मुंहतोड़ फाइट, पंचलाइन और कॉमेडी सब है. फिल्म कम से कम 300 करोड़ कमाएगी, ऐसा मेरी सिनेमाई समझ कहती है.
बहरहाल, कुछ कहानी भी सुन लेते हैं. देवी सिंह अच्छा लड़का है. सबकी मदद करता है. दरअसल उसे लाइफ में किक चाहिए. इसे आप मकसद का कूलावतार कह सकते हैं. इसी किक के लिए कभी वह भागकर शादी करते दोस्तों की मदद करता है, तो कभी कुछ और. फिर उसे शायना मिलती है. डॉक्टर शायना. जो साइकैट्रिस्ट है. देवी का दिल धपाक होता है. मगर उसका न तो कोई ठिकाना है और न ही टिककर नौकरी करता है. ऐसे में होने वाली बीवी टमाटर के भाव जैसा कुछ सुना देती है. और ऐसे में शायना के साथ अपने रोमांस को किक मारकर वो कट लेता है दुनिया को काटने. इंटरवल.
पुलिस वाला हिमांशु त्यागी. शायना से शादी करने पोलैंड आया है. यहां पर एक छंटा हुआ चोर डेविल भी ऊधम मचाए है. मगर ये क्या. देवी ही डेविल है. पर ये बात सबको पता है हिमांशु और शायना के अलावा. हैं वो समझदार मगर मास्क आड़े आ जाता है. डेविल के निशाने पर है मंत्री जी का एंजेल के लिबास में कमीनियत से भरपूर भतीजा शिव. शिव है. उसकी बदमाशियां हैं. डेविल है. उसका प्यार है. और इन सबके बीच खाकी है. जाहिर है कि होगी भागमभाग और ढिशुमधाड़. आखिर में डेविल की हरकतों की सात्विक वजह पता चलती है. सब बीइंग ह्यूमन का मंत्र जपते हैं और रही सही कसर क्लाइमेक्स में पुलिस वाले का ये बयान पूरा कर देता है. भाई तुझे कोई समझ नहीं सकता. और सलमान जवाब देते हैं. दिल में आता हूं, समझ में नहीं.
ये फिल्म पब्लिक के दिल और दिमाग दोनों पर छाएगी. इसमें सलमान एलिमेंट की भरमार है. और ये पूरी तरह से पैसा वसूल एंटरटेनमेंट है. इसे फैमिली क्लास, बच्चे, कॉलेज स्टूडेंट्स, सब देख सकते हैं. जाइए अपनी ईदी देकर आइए.