रेटिंगः 2 स्टार
डायरेक्टरः कबीर खान
कलाकारः कटरीना कैफ और सैफ अली खान
खराब कास्टिंग. कमजोर एक्टिंग. बेमजा कहानी. बिखरा हुआ डायरेक्शन. अगर इस सबको मिलाया जाए तो 'फैंटम' बनती है. 'बजरंगी भाईजान' जैसी सुपर-डुपर हिट देने के बाद कबीर खान का ऐसी फिल्म लेकर आना वाकई हैरतअंगेज है. ऐसा लगता है कि डायरेक्टर कबीर खान से लेकर एक्टर सैफ अली खान और कटरीना कैफ तक को 'फैंटम' से कुछ खास लगाव नहीं था. तभी फिल्म का प्रमोशन बहुत कमजोर रहा. फिल्म सामने आई तो खोदा पहाड़ और निकली चूहिया वाली बात. फिल्म की लीड स्टारकास्ट एकदम मिसमैच है और उनकी डायलॉग डिलीवरी भी देशभक्ति का जज्बा नहीं जगा पाती है. कहानी कनेक्टिंग नहीं है. फिल्म बहुत कमजोर है.
कहानी में कितना दम
फिल्म की कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है. भारत पाकिस्तान के हमलों से तंग आ चुका है. पाकिस्तान 26/11 को अंजाम देता है. रॉ खुफिया अभियान की तैयारी करती है. इसके लिए सैफ अली खान को चुना जाता है, जिसका एक अतीत है. फिर वह पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए निकल पड़ता है. उसकी साथी होती है कटरीना कैफ. कबीर खान ने इतनी कमजोर कहानी गढ़ी है कि लगता नहीं है वे 'बजरंगी भाईजान' और 'एक था टाइगर' वाले कबीर हैं. उनके इरादे नेक हैं लेकिन एग्जीक्यूशन खराब और कहानी कमजोर. फिल्म में कबीर इमोशंस, एक्शन और सस्पेंस जैसा कुछ करना चाहते थे लेकिन वे कुछ नहीं कर पाए और एक खोखला 'फैंटम' ही क्रिएट कर पाए.
कास्टिंग
'फैंटम' की कास्टिंग कबीर खान ने क्या सोच कर की है, इस बात पर हैरत होती है. सैफ अली खान इससे पहले भी 'एजेंट विनोद' के साथ एक्शन थ्रिलर की पुंगी बजा चुके हैं. इस बार भी वे खास इम्प्रेस नहीं कर पाते हैं. वे रोमांटिक रोल में जमते हैं, एक्शन में जान लगाई लेकिन वह भी बेजान ही है. कटरीना कैफ के लिए तो एक ही शब्द दिमाग में आता है और वह है पत्थर की गुड़िया. न कोई इमोशन, न कोई एक्सप्रेशन सिर्फ परदे पर नजर आना है. हां एक बात और, नवाज नाम रखने से नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसी ऐक्टिंग नहीं आती. इतना समय गुजारने के बावजूद वे अपनी डायलॉग डिलीवरी नहीं सुधार पाई हैं. जीशान अयूब ठीक लगते हैं.
कमाई की बात
फिल्म लगभग 55-60 करोड़ रु. में बनी है. प्रमोशन बजट अलग है. इस तरह फिल्म हाइ बजट मूवी है. सैफ अली खान उन खान में से नहीं हैं जिनकी फिल्म को पहले दिन रिकॉर्ड तोड़ ओपनिंग लगती हो. फिल्म का म्यूजिक भी एकदम ठंडा टाइप का है. सैफ और कटरीना को लेकर हाइप भी नहीं है. फिल्म का प्रमोशन भी बहुत ही खराब हुआ है और सितारों का जनता से कोई कनेक्ट बनता भी नहीं दिखा. इसलिए फिल्म अफगान जलेबी तो नहीं जंगल जलेबी जरूर लगती है.