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Film Review: जानिए कैसी फिल्म है 'रिवॉल्वर रानी'

क्वीन की कामयाबी के बाद कंगना रनोट की अगली फिल्म रिवॉल्वर रानी रिलीज हो गई है. क्वीन की सीधी-सादी लड़की से चंबल की दबंग बनीं अलका के रोल में कंगना क्या नया लेकर आई हैं, आइए जानते हैं...

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फिल्म 'रिवॉल्वर रानी' में कंगना रनोट
फिल्म 'रिवॉल्वर रानी' में कंगना रनोट

स्टारः 3.5
कलाकारः कंगना रनोट, वीर दास और पीयूष मिश्र
डायरेक्टरः साई कबीर

रिवॉल्वर रानी के डायरेक्टर साई कबीर से जब बात हो रही थी तो उन्होंने कंगना रनोट को चीता कहा था. फिल्म में उन्होंने इस बात को दिखा भी दिया और इस चीज का एहसास भी करा दिया कि चीते के भी दिल होता है. ग्वालियर के रहने वाले और चंबल के बीहड़ों से रू-ब-रू कबीर अजीज मिर्जा और कुंदन शाह के साथ असिस्टेंट डायरेक्टर रह चुके हैं. दिग्गजों के साथ काम करने का एहसास उनकी किस्सागोई में भी साफ नजर आ जाता है. कंगना की ऐक्टिंग का जलवा तो क्वीन में बखूबी मिल ही गया था, लेकिन वे कबीर के डायरेक्शन में कुंदन बनकर निखरी हैं. फिल्म में कमाल का डायरेक्शन है. लाजवाब कंगना की ऐक्टिंग है. फिल्म बताती है कि बीहड़ों में दबंगई करने वालों का भी दिल होता है. पूरी तरह से देसी मसाला फिल्म है.

कहानी की बात
मुंह से कम और गोलियों से ज्यादा बात करने वाली (अलका सिंह) है. जिसका उदय भान (जाकिर हुसैन) के साथ छत्तीस का आंकड़ा है. अलका का मामा बल्ली (पीयूष मिश्र) इलाके में उसकी दहशत फैलाने में उसका पूरा साथ देता है. अलका को हीरो बनने की हसरत रखने वाले रोहन कपूर (वीर दास) से प्यार हो जाता है. बस, फिर कहानी में ट्विस्ट आने शुरू हो जाते हैं. अलका प्यार के हाथों मजबूर है. मामा राजनीति के वशीभूत है और रोहन को मुंबई में अपना करियर चाहिए. एक-दो जगह छोड़ दें तो कहानी ढीली नहीं पड़ती और कई तरह के उतार-चढ़ाव से गुजरती है. आखिर में फिल्म वाकई एहसास दिलाती है कि बॉलीवुड अब समृद्ध हो रहा है और कहानी के मामले में नए प्रयोग करने से घबराता नहीं है.

स्टार अपील
कंगना रनोट की ऐक्टिंग के क्या कहने. पूरी फिल्म को उन्होंने बना दिया है. लेकिन उनके मेकअप और कलर के साथ जो छेड़छाड़ हुई, वे कहीं थोड़ी चुभती है. बेशक रस्टिक लुक देने के लिए ऐसा किया गया है लेकिन थोड़ा ज्यादा लगता है. अलका असल जिंदगी में गोली है तो बिस्तर में भी तोप है. बाहर से पत्थर है तो अंदर से मोम. फैशन की शौकीन और इटली की दीवानी भी है. एक्सप्रेशन और गोली चलाने का उनका अंदाज बेहतरीन है. लेकिन कुछ-कुछ कन्फ्यूज भी है. फिल्म के बल्ली मामा पीयूष मिश्रा भी मजेदार हैं. वे अपनी सधी हुई ऐक्टिंग से ध्यान खींचते हैं. वीर दास सामान्य हैं और कंगना के सामने उन्नीस ही नजर आते हैं.

कमाई की बात
कंगना फिल्म की यूएसपी है और राजनीति तथा दबंगई का मिश्रण इसका एक्स फैक्टर. फिल्म हर तरह के इमोशंस से भरपूर है. असरदार कहानी और दमदार ऐक्टिंग की वजह से कोई शुबहा नहीं कि बॉक्स ऑफिस पर अपना जलवा दिखा सकती है. फिल्म का बजट ज्यादा नहीं बताया जाता है. बात आती है यूथ और मासेज की, जिसने 2 स्टेट्स और क्वीन को बॉक्स ऑफिस का सरताज बनाया था. अगर मासेज फिल्म से कनेक्ट कर लेती है, तो फिल्म बड़ा बिजनेस कर सकती है.

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