scorecardresearch
 

मनोरंजन से ऊपर इंसानियत और जज्बातों की कहानी है 'बजरंगी भाईजान'

डायरेक्टर कबीर खान 2012 में सलमान खान के साथ 'एक था टाइगर' लेकर आए थे. फिल्म ने तब कमाई के नए रिकॉर्ड बनाए थे, वहीं करीब तीन साल बाद यह जोड़ी एक बार फिर 'बजरंगी भाईजान' के रूप में आ रही है. फिल्म में सलमान हों तो वह ऐसे ही खास हो जाती है, लेकिन इस फिल्म के जरिए सलमान बतौर प्रोड्यूसर डेब्यू कर रहे हैं लिहाजा उम्मीदें दोगुनी हैं.

Advertisement
X
'बजरंगी भाईजान' के एक सीन में सलमान और हर्षाली
'बजरंगी भाईजान' के एक सीन में सलमान और हर्षाली

फिल्म का नाम: बजरंगी भाईजान
डायरेक्टर: कबीर खान
स्टार कास्ट: सलमान खान, करीना कपूर खान, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, हर्षाली मल्होत्रा
अवधि: 159 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: 4 स्टार

Advertisement

डायरेक्टर कबीर खान 2012 में सलमान खान के साथ 'एक था टाइगर' लेकर आए थे. फिल्म ने तब कमाई के नए रिकॉर्ड बनाए थे, वहीं करीब तीन साल बाद यह जोड़ी एक बार फिर 'बजरंगी भाईजान ' के रूप में आ रही है. फिल्म में सलमान हों तो वह ऐसे ही खास हो जाती है, लेकिन इस फिल्म के जरिए सलमान बतौर प्रोड्यूसर डेब्यू कर रहे हैं लिहाजा उम्मीदें दोगुनी हैं.

पर्दे पर सलमान खान का मतलब है कुछ ढिंचक गाने, जबरदस्त एक्शन और दमदार डायलॉग्स. यानी कुल मिलाकर फुल टू एंटरटेनमेंट और इन सब से बढ़कर सलमान खान खुद, जो अपने फैंस के लिए किसी भी कहानी और ब्लॉकबस्टर से ऊपर हैं.

कहानी:
मुन्नी (हर्षाली मल्होत्रा) छह साल की बच्ची है, जो कुरुक्षेत्र में हो रहे एक आयोजन के दौरान पाकिस्तान से भूलवश भारत आ जाती है. मुन्नी बोल नहीं सकती ऐसे में वह न लोगों को समझा पाती है और न लोग उसे समझ पाते हैं. लेकिन तभी उसकी मुलाकात पवन कुमार चतुर्वेदी (सलमान खान ) से होती है. पवन एक सीधा-सादा, सच्चा और दिल का नेक बंदा है. मुन्नी से मुलाकात के बाद पवन उसे सही सलामत पाकिस्तान पहुंचाना पवन का मकसद बन जाता है और यहीं से असल फिल्म की शुरुआत होती है.

Advertisement

कहानी में पवन की लव लाइफ भी है. रसिका (करीना कपूर खान) दिल्ली में टीचर है. 'ऑपरेशन मुन्नी' में पाकिस्तानी पत्रकार नवाजुद्दीन सिद्दीकी पवन के हमराही बनते हैं. बगैर पासपोर्ट, बगैर वीजा पवन बच्ची को पाकिस्तान तो पहुंचा देता है, लेकिन मुल्कों की सरहद, धर्म, प्यार और इन सब से ऊपर इंसानी भावनाएं फिल्म में मनोरंजन के पुट भी जोड़ती हैं और कई गंभीर सवाल भी खड़े करती है.

डायरेक्शन और स्क्रिप्ट:
कबीर खान एक मंझे हुए डायरेक्टर हैं. डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के बाद 'काबुल एक्सप्रेस', 'न्यूयॉर्क' और 'एक था टाईगर' जैसी फिल्मों ने उन्हें और मजबूत बनाया है. 'बजरंगी भाईजान' की स्क्रिप्ट और हर फ्रेम में उन्हें मजबूत पकड़ बनाई और फिल्म कहीं भी भटकती हुई नहीं जान पड़ती. स्क्रीनप्ले कमाल का है. लंबे अरसे बाद एक ऐसी फिल्म आई जो दमदार मनोरंजन और संवाद से ज्यादा जज्बातों से भरी हुई है.

कश्मीर जन्नत है और स्वर्ग की इस खूबसूरती को कबीर ने सपनों की तरह संजोया है. एक पल को वो आपको सचमुच का पाकिस्तान दिखा देते हैं तो अगले ही पल वादियों की खूबसूरती आपको कुछ और सोचने का मौका नहीं देती. बतौर दर्शक आप हर सीन और लोकेशन में खो जाना चाहते हैं.

एक्टिंग:
यह फिल्म सलमान खान की है और यह बात हर फ्रेम में नजर आती है. इसमें कोई दोराय नहीं कि यह उनकी सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक बनने वाली है. सलमान एक्टर से कहीं ज्यादा धांसू एंटरटेनर हैं और फिल्म में इस बाबत उन्होंने उम्दा काम किया है.

Advertisement

नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने वही किया है, जिसके लिए वह जाने जाते हैं. एक पत्रकार की भूमिका में अपना सौ फीसदी. नवाज की संवाद अदायगी आपके चेहरने पर हरपल मुस्कान बनाए रखती है. सलमान के साथ लगातार दूसरी फिल्म होने के कारण दोनों एक्टर्स के बीच बढ़ि‍या को-ऑर्डिनेशन भी नजर आता है. करीना कपूर खान अपने किरदार में बहुत प्यारी लगी हैं.

ट्रम्प कार्ड है हर्षाली
बीते दिनों सलमान खान ने प्रमोशन के दौरान एक इंटरव्यू में कहा था कि मुन्नी का रोल प्ले कर रही हर्षाली मल्होत्रा फिल्म की ट्रम्प कार्ड है. फिल्म के प्रमोशन से हर्षाली को दूर रखने के पीछे भी यही नीति थी. ट्रेलर और पोस्टर में हर्षाली पहले ही दर्शकों का दिल जीत चुकी हैं, वहीं पर्दे पर उसका 'क्यूटतत्व' आपको मोहित कर देता है. इतनी छोटी उम्र में उसने जिस तरह गूंगी बच्ची का किरदार निभाया है वह काबिल-ए-तारीफ है. उसकी प्यारी मुस्कान के बारे में जितना भी लिखा जाए कम है.

म्यूजिक:
फिल्म का संगीत एक पुराने लोक गीत 'आज रंग है' से शुरू होकर 'सेल्फी' और अदनान समी की कव्वाली पर खत्म होता है. ये गीत इतने लोकप्रिय हो चुके हैं कि बस और ऑटो से लेकर डिस्को थेक में अपनी जगह बना चुके हैं. लेकिन कहानी से हिसाब से अगर गीत थोड़े कम होते तो फिल्म ज्यादा क्रिस्प होती.

Advertisement

क्यों देखें:
कई दिनों के बाद कुछ हटकर देखना चाहते हैं. मनोरंजन से भरपूर एक ऐसी फिल्म देखना चाहते हैं जो कुछ संदेश भी देती है. नवाजुद्दीन की एक्टिंग के कायल हैं. करीना कपूर आपको पसंद है. और इन सब से ऊपर सलमान के प्रशंसक हैं तो यह फिल्म आपके लिए है. वैसे अगर इनमें से कुछ नहीं भी है तो हर्षाली की मुस्कुराहट आपको टिकट काउंटर तक खींचने के लिए काफी है.

क्यों ना देखें:
अगर आप भावनाहीन हैं. मनोरंजन पसंद नहीं करते. अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी में एक पल भी ठहरना नहीं चाहते तो यह फिल्म आपके लिए नहीं है.

Advertisement
Advertisement