रेटिंगः 2 स्टार
कलाकारः अर्जुन कपूर, सोनाक्षी सिन्हा और मनोज वाजपेयी
डायरेक्टरः अमित शर्मासाल 2015 की पहली फिल्म से बड़ी उम्मीदें होना लाजिमी है. इसलिए 'तेवर' का रिलीज होना एक बड़ी बात भी है. फिल्म साउथ की रीमेक है और यंग स्टारकास्ट वाली है. उम्मीदें थीं कि साल का आगाज कुछ नए ढंग की कहानी के साथ होगा. लेकिन यह तो नई बोतल में पुरानी शराब वाली कहावत ही निकली. स्टारकास्ट नए दौर की और कहानी पुराने जमाने वाली. यह दस साल पुरानी तेलुगु फिल्म ओक्कडु का रीमेक है. डायरेक्टर ने भी कुछ नया करने की जेहमत नहीं उठाई है. ऐसे में साल की पहली रिलीज बहुत ज्यादा उम्मीद पैदा नहीं करती है और लगभग ढाई घंटे से ज्यादा अवधि की यह फिल्म मसाला पसंद करने वालों लोगों के लिए ही लगती है.
कहानी में कितना दम
माना जा रहा है कि बॉलीवुड में यह दौर नई कहानियां कहने का है औऱ युवा पीढ़ी इस काम में आगे नजर आ रही है. लेकिन अर्जुन कपूर की 'तेवर' इस बात में पूरी तरह चूक जाती है. यह कहानी एक पुलिस अधिकारी (राज बब्बर) के बेटे पिंटू (अर्जुन कपूर) की है. जिसे पंगे लेने का शौक है. और एक दिन उसकी मुलाकात एक लड़की राधिका (सोनाक्षी सिन्हा) से हो जाती है. जिससे दबंग नेता गजेंद्र (मनोज वाजपेयी) इश्क करता है. लेकिन राधिका नहीं. राधिका पिंटू से टकराती है और सलमान का फैन पिंटू दबंग से उलझने को तैयार हो जाता है. फिर वही पुराने तरीके की कहानी जो हजारों बार बॉलीवुड में कही जा चुकी है. फिल्म की लंबाई भी बहुत रखी गई है.
स्टार अपील
अर्जुन कपूर का 2014 बहुत अच्छा रहा. उनकी 'गुंडे', 'टू स्टेट्स' और 'फाइंडिंग फैनी' की खूब सराहना हुई और बॉक्स ऑफिस पर सफल भी रहीं. लेकिन वे इस बार बॉलीवुड के अन्य सितारों की तरह कमजोर कहानी में फंसते नजर आए. बेशक फिल्म में उन्होंने अपना सौ प्रतिशत दिया है. वे अच्छे भी लगे हैं. लोचा सिर्फ कहानी में है. सोनाक्षी बोरिंग होती जा रही हैं. वे खुद को रिपीट कर रही हैं. हर फिल्म में उसी तरह की ऐक्टिंग और एटीट्यूड. सोनाक्षी को खुद में चेंज लाना होगा नहीं तो वह दिन दूर नहीं बॉलीवुड में वे बाकी नई हीरोइनों की दौड़ में काफी पिछड़ जाएं.फिल्म में मनोज वाजपेयी कमाल के हैं. हर बार की तरह उन्होंने ऐक्टिंग के जरिये दिल जीता है. उनकी डायलॉग डिलीवरी भी मजेदार है.
कमाई की बात
फिल्म का म्यूजिक काफी औसत किस्म का है. ऐक्टिंग में मनोज यादगार हैं. हो सकता है गाने में ही सलमान के फैन की बात हो रही है तो उसी तरह फिल्म को सिंगल थिएटरों को टारगेट करके बनाई गई हो. वैसे भी साउथ के रीमेक पसंद करने वालों की संख्या अच्छी खासी है. एकदम मसाला फिल्म है. ऐसे में फिल्म के छोटे सेंटर्स में अच्छा करने की उम्मीद है. लेकिन बहुत बड़े कमाल की उम्मीद लगती नहीं है.