कलाकारः रणवीर सिंह, अली जफर, परिणीति चोपड़ा और गोविंदा
रेटिंगः 2.5 स्टार
डायरेक्टरः शाद अली
बॉलीवुड के बड़े बैनर कहानी के मामले में उतने धनी नहीं हैं, जितने वे पैसे या फिल्मों के बजट को लेकर. ऐसा लगता है कि वे सितारों पर ज्यादा भरोसा करते हैं, और कहानी पर कम. वे अपनी खुद की फिल्मों तक को भूल जाते हैं कि वे इस तरह की कोई फिल्म बना चुके हैं. ऐसा ही कुछ यशराज फिल्म्स के साथ भी है. इस साल वे अर्जुन कपूर, रणवीर सिंह और प्रियंका चोपड़ा के साथ 'गुंडे' लेकर आए थे. फिल्म हिट भी रही थी. अब ऐसी ही यारी दोस्ती वह एक बार फिर इस फिल्म में लेकर आए हैं. 'गुंडे' के रणवीर सिंह इस फिल्म में भी हैं. फिल्म कुछ-कुछ 'गुंडे', 'राम-बलराम' और यारी-दोस्ती की अन्य फिल्मों जैसी लगती है. फिल्म में रिफ्रेशिंग पॉइंट की कमी है और 'साथिया', 'बंटी और बबली' जैसी बेहतरीन फिल्म देने वाले शाद अली का टच इसमें मिसिंग नजर आता है.
कहानी में कितना दम
कहानी एकदम मुंबइया स्टाइल है. दो दोस्त हैं रणवीर सिंह और अली जफर. वे गैंगस्टर भैयाजी के लिए काम करते हैं और उनकी छत्रछाया में रहते हैं. वे अपने काम को भैयाजी के इशारों पर बड़े ही प्यार से अंजाम दे रहे होते हैं, लेकिन कहानी में टर्निंग पॉइंट तब आता है जब रणवीर की मुलाकात परिणीति चोपड़ा से होती है. वे उसके प्यार में पड़ जाता है. उसके बाद कहानी दोस्ती, वफादारी और प्रेम के ताने-बाने में बुनी गई है. ऐसी कई फिल्में आ चुकी हैं और इस तरह की कई कहानियां भी देखी जा चुकी है. 'साथिया' और 'बंटी और बबली' जैसी मजेदार और दिलचस्प फिल्मों के डायरेक्टर शाद इस फिल्म में कुछ चूक गए हैं. फिल्म में ढेरों गाने भी हैं, जो फ्लो तोड़ते हैं.
स्टार अपील
रणवीर सिंह में कमाल की एनर्जी है और जबरदस्त टाइमिंग. हमेशा की तरह उन्होंने अपने किरदार को परदे पर जीने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है. अली जफर भी अपने रोल में जमे हैं और अपना सौ फीसदी देने की कोशिश की है. परिणीति चोपड़ा भी ठीक है. लेकिन हर फिल्म में उनका चुलबुला अंदाज अब थोड़ा ज्यादा हो गया है. जहां तक बात गोविंदा की है तो वे एक अच्छे एक्टर हैं, फिल्म में उन्हें देखने को मन करता है. नेगेटिव अंदाज में भी वे बहुत नेगेटिव लगते नहीं हैं. फिल्म का कोई भी कैरेक्टर मजबूती से उभरकर नहीं आता है.
कमाई की बात
'किल दिल' खराब ढंग से लिखी गई कहानी और अबूझ ढंग से बनाई गई फिल्म है. फिल्म को लेकर डायरेक्टर का विजन साफ नहीं हो पाता है और फिल्म को देखते हुए हर बार दिल किल होता नजर आता है. फिल्म की एकमात्र जान रणवीर सिंह हैं. लेकिन अभी वे उस कद को हासिल नहीं कर सके हैं कि वे अपने दम पर खराब कहानी वाली फिल्म को लंबा सफर तय करवा सकें. वैसे भी फिल्म मौजूदा दौर से उस तरह जुड़ी हुई नजर भी नहीं आती है.