फिल्म का नाम: क्या कूल हैं हम 3
डायरेक्टर: उमेश घडगे
स्टार कास्ट: तुषार कपूर, आफताब शिवदासानी, कृष्णा अभिषेक, मंदाना करीमी, शक्ति कपूर, जिजेल ठकराल, मेघना नायडू
अवधि: 2 घंटा 03 मिनट
सर्टिफिकेट: A
रेटिंग: 2 स्टार
'क्या कूल हैं हम' सीरीज की पहली फिल्म साल 2005 में आई थी. इस फिल्म ने लागत से बहुत ज्यादा की कमाई की थी. इस सीरीज की दूसरी फिल्म 'क्या सुपरकूल हैं हम' 2012 में आई और उसने भी अच्छा कलेक्शन किया. अब इस साल की शुरुआत में ही सीरीज की तीसरी फिल्म 'क्या कूल हैं हम 3' रिलीज हो गई है. आइए जानें इस फिल्म में पिछली 2 फिल्मों जैसा दम है या नहीं.
कहानी:
फिल्म की कहानी दो दोस्तों विकी (आफताब शिवदासानी ) और कन्हैया (तुषार कपूर) की है. दोनों अपने बैंकॉक में रहने वाले दोस्त मिकी (कृष्णा अभिषेक) के कहने पर वहां जाते हैं. बैंकॉक पहुंचकर विकी और कन्हैया पोर्न स्टार की तरह काम करने लगते हैं. इसी बीच कन्हैया को बैंकॉक में शालू (मंदाना करीमी) से प्यार हो जाता है. लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब शालू के घरवाले कन्हैया के परिवार वालों से मिलना चाहते हैं. फिर कई सारे ट्विस्ट और टर्न्स आते हैं और आखिरकार टिपिकल कॉमेडी फिल्मों जैसा एंड हो जाता है.
स्क्रिप्ट:
यह कहानी मिलाप झवेरी ने लिखी है. फिल्म के स्क्रीनप्ले में मुश्ताक शेख ने यंगस्टर्स के हिसाब से कलम चलाई है. फिल्म में कई सारे डबल मीनिंग जोक्स सुनने और देखने को मिलते हैं. अगर आप पूरी फिल्म का कोई मतलब निकालना चाहेंगे तो आपको जीरो ही मिलेगा.
अभिनय:
किरदार के हिसाब से तुषार कपूर, आफताब शिवदासानी, कृष्णा अभिषेक, शक्ति कपूर ने अच्छा काम किया है. अंग प्रदर्शन के मामले में जिजेल ठकराल, मंदाना करीमी और क्लौडिया ने भी वही किया है, जो उन्हें करने को कहा गया है.
संगीत:
फिल्म का संगीत साजिद वाजिद ने दिया है. म्यूजिक अच्छा है. लेकिन फिल्म में कुछ गाने जबरदस्ती डाले हुए लगेंगे. जिनकी कोई जरूरत नहीं है.
कमजोर कड़ी:
फिल्म की कमजोर कड़ी इसकी कहानी है. अगर आप दिमाग लगाकर कुछ भी समझना चाहेंगे, तो शायद आपको निराशा ही हाथ लगेगी. फिल्म में सेक्स कॉमेडी है, जो सिर्फ एक तरह के ग्रूप को ही लुभाती है.
क्यों देखें:
आप एडल्ट हैं, सेक्स कॉमेडी वाली फिल्में पसंद करते हैं, तो इस फिल्म को देख सकते हैं.