रेटिंगः 2.5 स्टार
डायरेक्टरः भूषण पटेल
कलाकारः बिपाशा बसु और करण सिंह ग्रोवरहॉरर फिल्म एक ऐसा जॉनर है, जिसमें पिछले कुछ वर्षों में बॉलीवुड में कई प्रयोग हो रहे हैं. इसमें सेक्स को भी जमकर परोसा जा रहा है और डायरेक्टर 3डी से लेकर कई तरह के हाइटेक इस्तेमाल कर चुके हैं. लेकिन शायद कहानी के मामले में हम आज भी जहां थे वहीं हैं. अलोन इसी नाम की थाई फिल्म से प्रेरित है, लेकिन डायरेक्टर भूषण पटेल ने इसे कई तरह के मोड़ देने और हॉरेक्स बनाने के चक्कर में कहीं से कहीं पहुंचा दिया है. बिपाशा को वैसे भी बॉलीवुड में हॉरर क्वीन कहा जाता है, ऐसे में उन्होंने अपने इस खिताब के अनुरूप ही काम किया है. उन्हें डर के एक्सप्रेशंस देने का काफी अनुभव है, लेकिन हॉरर फिल्में बनाने वाले हमारे डायरेक्टर्स को थोड़ा मैच्योर होना होगा.
कहानी में कितना दम
दो बहनें हैं जो आपस में जुड़ी हुई हैं. दोनों ऐसे ही हमेशा जुड़े रहने की बातें करती हैं. लेकिन एक लड़का आता है और उनकी जिंदगी बदल जाती है. उन्हें उससे प्यार हो जाता है. एक बहन इससे खफा हो जाती है और अलग होने के लिए कहती है. डॉक्टर दोनों को अलग करते हैं, और उसी दौरान एक हादसा हो जाता है. फिर एक बहन की जिंदगी को दूसरी बहन दूभर कर देती है. फिर शुरुआत होती है बिपाशा बसु स्टाइल चीखों की, जिनमें दर्शकों को डराने के लिए तरह-तरह की शामिल हैं. भूतपुराण भी आती है, और भूत भगाने के कई तरीके आते हैं. जो हंसाते भी हैं. हीरो हीरोइन को सुकून देने के लिए कई तरह के गर्मागर्म जतन करता है. इससे कहानी का फ्लो थोड़ा टूटता है. डर और सेक्स के चक्कर में दिमाग उलझ जाता है.
स्टार अपील
बिपाशा तो हॉरर की दुनिया का बड़ा नाम बन चुकी हैं और सेक्स अपील तो उनमें कमाल की है ही. लेकिन अब बिपाशा को किसी और जॉनर में थोड़ी फिल्में करने के बाद अगली हॉरर फिल्म में आना चाहिए क्योंकि उनके डर से जुड़े एक्सप्रेशन देखने के हम आदी हो चुके हैं. उन्होंने जहां अपनी ऐक्टिंग दिखाने की भरसक कोशिश की है, उससे ज्यादा उनकी कोशिश अपनी टोंड बॉडी दिखाने की है, बिल्कुल अपनी फिटनेस डीवीडी की तरह. ऐसा ही, करन सिंह भी करते दिखते हैं. उन्होंने भी अगर बॉडी और ऐब्स बनाए हैं तो वह दिखाने के लिए ही हैं. इसको वे बखूबी दिखाते भी हैं. बेशक फिल्म डराए या न डराए, भावनाएं जगाए या न जगाए, लेकिन परफेक्ट बॉडी बनाने के लिए जरूर प्रेरित करती है. बीच-बीच में ऐक्टिंग तो चलती ही रहती है.
कमाई की बात
भूषण पटेल वही डायरेक्टर हैं, जिन्होंने सनी लियोनी को लेकर 'रागिनी एमएमएस-2' जैसी हिट हॉरेक्स फिल्म बनाई थी और उससे पहले वे '1920: ईविल रिटर्न्स' भी बना चुके हैं. ऐसे में उन्होंने अपने एक्सपीरियंस का भरपूर इस्तेमाल किया और हॉरेक्स जॉनर प्रेमियों को खींचने की कोशिश की है. फिल्म के गाने ठीक हैं और उसमें हॉटनेस का छौंक भी है. लेकिन भूषण को कहानी और तर्कों को थोड़ा सॉलिड रखना था. जब वे अपनी प्रेरणा हॉलीवुड को बनाते हैं और सीन वहां से उठाते हैं तो शायद उन्हें कहानी को भी हल्के में नहीं लेना चाहिए. अपने हॉलीवुड गुरुओं से सीखना चाहिए कि वे किस तरह से 'द कन्ज्यूरिंग', 'इनसीडियस' जैसी फिल्मों को बुनते हैं और उनका अंत करते हैं. बेशक इस हफ्ते कई जॉनर की फिल्में रिलीज हो रही हैं, ऐसे में 'अलोन' को भी दर्शक मिल ही जाएंगे.